नई दिल्ली। लखीमपुर हिंसा को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की संयुक्त समिति ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है। दिल्ली के प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित करते हुए मोर्चा ने अपने 5 कार्यक्रमों का ऐलान किया है। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के समक्ष अपनी 3 मांगें रखी हैं, जिसमें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की कैबिनेट से बर्खास्तगी और उनकी गिरफ्तारी, आरोपी आशीष मिश्रा को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग शामिल है।
लखीमपुर हिंसा के दौरान 2 बीजेपी कार्यकर्ताओं, केंद्रीय मंत्री का ड्राइवर और एक पत्रकार की पीट-पीट कर हत्या को लेकर सवाल के जवाब में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “वे कौन थे जो गाड़ी में थे, जिन्होंने लोगों को मारा… जिन्होंने बाद में लाठी से हमला किया वह एक्शन का रिएक्शन है। कोई योजना नहीं है। वो हत्या में नहीं आता, हम उन्हें दोषी नहीं मानते।”
#WATCH: वे कौन थे जो गाड़ी में थे, जिन्होंने लोगों को मारा… जिन्होंने बाद में लाठी से हमला किया वह एक्शन का रिएक्शन है। कोई योजना नहीं है। वो हत्या में नहीं आता, हम उन्हें दोषी नहीं मानते: किसान नेता राकेश टिकैत, लखीमपुर खीरी हिंसक घटना पर बोलते हुए pic.twitter.com/IVJ8lAdoGd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 9, 2021
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 12 अक्टूबर को लखीमपुर के तिकुनिया में शहीद किसानों की अंतिम अरदास है। यह कार्यक्रम तो होकर ही रहेगा। लेकिन अगर सरकार ने किसानों की तीन मांगें नहीं मानी तो 12 अक्टूबर से पूरे देश में शहीद किसानों की अस्थि कलश यात्रा निकाली जाएगी। 15 अक्टूबर को पीएम मोदी और गृहमंत्री समेत तीन लोगों के पुतले जलाए जाएंगे। 18 अक्टूबर को रेल रोको और 26 अक्टूबर को लखऩऊ में विशाल किसान महापंचायत का आयोजन होगा।”
प्रेस कांफ्रेंस संयुक्त किसान मोर्चा । लखीमपुर खीरी हत्याकांड के विरोध में आगामी राष्ट्रीय कार्यक्रम की महत्वपूर्ण घोषणा https://t.co/ysUCuLaVvo
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) October 9, 2021
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा की संयुक्त समिति के सदस्य और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “संयुक्त किसान मोर्चा और देश के सभी किसानों की मांग है कि जो समझौते में शामिल भी था, कि केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त किया जाएगा। उनके गृह राज्यमंत्री रहते सही से जांच नहीं हो सकती है। जब तक बाप-बेटा को गिरफ्तार नहीं होता ये हमारा आंदोलन चलेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “12 तारीख को शहीदों की अंतिम अरदास का कार्यक्रम पक्का है। श्रद्धंजलि होगी इसके बाद के जो कार्यक्रम हैं वो इस बात पर निर्भर करते हैं कि सरकार हमारी मांगे मानती है कि नहीं। प्रशासन से हमारा अनुरोध है कि हमें रोकने की कोशिश न करें।”
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा लखीमपुर हत्याकांड भारत के किसान आंदोलन के इतिहास में एक दर्दनाक अध्याय की तरह याद किया जाएगा। अब तक सार्वजनिक हुए तमाम वीडियो के माध्यम से इस घटना का पूरा सच देश के सामने आ चुका है। यह स्पष्ट है कि यह घटना अचानक नहीं हुई। अपराधी छवि का खुद बखान करने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने पहले एक समुदाय विशेष के किसानों को धमकी दी, फिर विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को उकसाने की कोशिश की, फिर उनके बेटे और उसके गुंडे गुर्गों ने प्रदर्शन से वापस जा रहे किसानों को पीछे से गाड़ी चलाकर रौंद दिया जिसमें 4 किसानों और एक पत्रकार की मौत हुई। इस नृशंस हत्याकांड में संलिप्त लोगों के चेहरे भी अब देश के सामने बेनकाब होने लगे हैं।”
किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि इन लोगों के यूपी से बाहर निकाल देंगे। उस घटना के दौरान जो उन्होंने दशहत फैलाने की कोशिश कि उसके विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने विरोध करने का फैसला किया था। संयुक्त किसान मोर्चा इस लड़ाई को आखिर तक लड़ेगा
वहीं भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहन के नेता जोंगिदर सिंह उग्राहन ने कहा, “किसान आंदोलन में शामिल किसानों को सरकार कभी खालिस्तानी, नक्सली, कभी कहती है किसान नहीं है। लेकिन पिछले तीन महीनों में बीजेपी सरकार जो कह रही है वो बहुत खतरनाक है। हिंसक कार्रवाईयां हो रही हैं। करनाल की घटना और यूपी की घटना आपके सामने हैं। इसका मतलब है कि सरकार हिंसा पर उतर आई है।” संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि हम इस हिंसा का जवाब शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक जन-आंदोलन के जरिए देंगे। इस हत्याकांड और सरकार द्वारा संतोषजनक कार्यवाही ना किए जाने के विरोध में एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा, “लखीमपुर घटना का मुख्य दोषी है, उनका बेटा है। उन्हें बर्खास्त किया जाए। धारा 120 बी के तहत मंत्री गिफ्तार किया जाए। उनका बेटा कातिल है वो 302 का दोषी है। ऐसा कभी 302 के दोषी के नहीं होता। जो जतना के साथ होता है वहीं उनके साथ हो।”
संयुक्त किसान मोर्चा की मांगें
1. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और द्वेष फैलाने, हत्या और षडयंत्र के आरोप में गिरफ्तार किया जाए।
2. हत्या के आरोपी मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (मोनू) और उसके सहयोगियों (जिनमें सुमित जयसवाल और अंकित दास के नाम सामने आए हैं) को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
योगेंद्र यादव ने आगे कहा, “संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 12 अक्टूबर को देश भर में शहीद किसान दिवस के रूप में मनाया जायेगा। उत्तर प्रदेश और देशभर के किसानों से अपील है कि वह 12 अक्टूबर को तिकोनिया, जिला लखीमपुर खीरी में शहीद किसानों की अंतिम अरदास (भोग) में सम्मिलित होकर उन्हें श्रद्धांजलि दें।”
उन्होंने कहा कि, “सभी किसान संगठनों से अपील है कि वे उस दिन अपने-अपने स्थान पर गुरुद्वारा, मंदिर, मस्जिद, चर्च या किसी सार्वजनिक स्थल, टोल प्लाजा या मोर्चा पर शहीद किसानों के लिए विशेष प्रार्थना सभा या श्रद्धांजलि सभा आयोजित करें। उस दिन शाम को मोमबत्ती मार्च आयोजित किए जाएं। देश के सभी न्यायप्रिय नागरिकों से यह अपील है कि वह उस शाम को पांच शहीदों की याद में पांच मोमबत्ती अपने घर के बाहर जलाएं।”
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि अगर 11 अक्टूबर तक संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो संयुक्त किसान मोर्चा देशव्यापी विरोध कार्यक्रम की शुरुआत करेगा। इन कार्यक्रमों की रुपरेखा इस प्रकार है:
1. अंतिम अरदास के बाद लखीमपुर खीरी से शहीद किसानों के अस्थि कलश लेकर शहीद किसान यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले और देश के प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग अस्थि कलश लेकर शुरू की जाएगी। इस यात्रा का समापन हर जिले और राज्य में किसी पवित्र या ऐतिहासिक स्थान पर किया जाएगा।
2. दशहरा के अवसर पर, 15 अक्टूबर को, किसान विरोधी भाजपा सरकार के प्रतिरूप नरेंद्र मोदी, अमित शाह और स्थानीय नेताओं के पुतले जला कर उनके झूठ का दहन किया जाएगा।
3. 18 अक्टूबर को देश भर में सुबह 10 बजे से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन आयोजित किया जाएगा।
4. 26 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा लखनऊ में लखीमपुर कांड के विरोध में एक किसान महापंचायत का आयोजन करेगा।
खबर अपडेट हो रही है।