किसान आंदोलन का 21वां दिन: सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को लेकर प्रशांत भूषण समेत इन दिग्गज वकीलों से सलाह लेंगे किसान संगठन

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किसान आंदोलन का 21वां दिन: सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को लेकर प्रशांत भूषण समेत इन दिग्गज वकीलों से सलाह लेंगे किसान संगठनकिसान आंदोलन के 21वें दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और आंदोलन में आगे की रणनीति को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेस में किसान नेता।

सिंघु बॉर्डर (दिल्ली)। सुप्रीम कोर्ट से किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए कि प्रदर्शनकारी और पुलिस की तरफ़ से बिना शांति भंग किये विरोध प्रदर्शन चले। हम इस स्तर पर दखल नहीं देंगे।" वहीं तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 21 दिनों से आंदोलनरत किसानों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को लेकर शुक्रवार को देश के वरिष्ठ वकीलों से चर्चा करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से कोई अधिकारिक नोटिस नहीं मिला है इसलिए वो इस पर कोई बयान नहीं देंगे।

बृहस्पतिवार को सिंघु बॉर्डर पर आयोजित प्रेस वार्ता में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वकीलों से चर्चा कर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर आगे की रणनीति बनाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन और दिल्ली से किसानों को हटाने की मांग को लेकर दो याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई शुरु करने के लिए किसानों को पक्षकार बनाने की बात की थी। लेकिन संयुक्त किसान मोर्चे ने बृहस्पतिवार को प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है।

सुप्रीम कोर्ट से किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए कि प्रदर्शनकारी और पुलिस की तरफ़ से बिना शांति भंग किये विरोध प्रदर्शन चले। हम इस स्तर पर दखल नहीं देंगे।"

संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से ये भी कहा गया कि शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता वरिष्ठ वकीलों (दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, कॉलिंस गोंसाल्वेस, एच. एस. फुल्का एवम अन्य) से चर्चा करेंगे और सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर अपनी रणनीति बनाएंगे। किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने ने चिल्ला बॉर्डर को बृहस्पतिवार (17 दिसंबर) को बन्द करने के दौरान दिल्ली पुलिस ने किसान नेता ऋषिपाल अम्बावता को उनके समर्थकों के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की कड़ी की।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था पहले किसानों को बनाया जाए पक्षकार

बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी गठित करने की बात कही थी, जो सरकार और किसान संगठनों के बीच मध्यस्थता करे। किसान आंदोलन को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई गुरुवार को टल गई। मुख्य न्यायाधीश अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि कोर्ट किसान पक्षों को सुने बिना कोई फैसला नहीं सुना सकता है। इस मामले में पहले किसान पक्ष को पक्षकार बनाया जाएगा और फिर ही कोई सुनवाई हो सकती है।

इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि मामले के निस्तारण के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और किसान संगठनों को मिलाकर एक कमेटी बनाई जानी चाहिए। इस मामले में किसान संगठनों और संबंधित राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली को नोटिस देने की बात कही गई थी, ताकि एक पक्षकार के रूप में वे सुनवाई में शामिल हों। लेकिन आज सुनवाई के दौरान किसान संगठनों की तरफ से कोर्ट में कोई नहीं मौजूद था। भारतीय किसान यूनियन, दोआबा के किसान नेता एमएस राय ने कहा कि उन्हें कोर्ट की तरफ से कोई नोटिस नहीं मिला है,जब उन्हें नोटिस मिलेगा तब वे कोर्ट में जाएंगे और कोर्ट में भी अपने मसले को लड़ेंगे।

बाबा राम सिंह को दी गई श्रद्धांजलि

आज मुख्य स्टेज पर सुबह बाबा राम सिंह जी को सभी नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। बाबा राम सिंह जी ने कल सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान अपनी कुर्बानी दी थी। सभी धरनों पर बाबा राम सिंह जी के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा गया। किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए देश के सभी गाँवों में 20 दिसंबर को 11 से 1 बजे तक सभाएं आयोजित की जाएंगी।

    

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