दिल्ली में नए कृषि कानूनों पर पंजाब के किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद कृषि मंंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने क्या कहा?
गाँव कनेक्शन 13 Nov 2020 10:53 AM GMT
नए कृषि कानूनों को लेकर पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच दिल्ली में 29 किसान संगठनों (किसान यूनियन) की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात हुई। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि " हमने उनको (किसान यूनियन) को अश्वस्त किया है कि नए कृषि कानूनों से उनसे न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी (APCM) प्रभावित नहीं होगी। पंजाब में APMC और MSP दोनों जारी रहेगी। इस बार खरीफ की फसलों की जो खरीद हुई है वो #Punjab में तो कई गुना ज्यादा हुई है।"
पंजाब के किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री @nstomar ने कहा, "हमारी चर्चा जारी रहेगी। हमने उन्हें अश्वस्त किया है कि पंजाब में #APMC और #MSP जारी रहेगी। इस बार खरीफ की फसलों की जो खरीद हुई है वो #Punjab में तो कई गुना ज्यादा हुई है।"https://t.co/DjYkvu4YbA #FarmLaws pic.twitter.com/EDFyYMr53U
— GaonConnection (@GaonConnection) November 13, 2020
नए कृषि कानूनों की वापस लेने की मांग करते हुए पंजाब के किसान संगठनों ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पंजाब में एक अक्टूबर से रेल यातायात ठप है। सिंधु बार्डर समेत कई जगह पर किसान लगातार डेरा डाले हुए हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई इस बैठक में पंजाब के 29 किसान संगठनों के प्रधानों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कृषि बिल आने के बाद पंजाब के किसान संगठनों के साथ हुई इस पहली बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल, जो कि रेलमंत्री भी हैं। केंद्रीय मंत्रियों के साथ कृषि मंत्रालय और रेलवे के सीनियर अधिकारी भी शामिल हुए। गांव कनेक्शन ने बैठक में शामिल कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से अपडेट लेने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई है।
बैठक के बाद केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा, "कृषि सुधार के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कानून को लेकर पंजाब के किसानों संगठनों से कृषि मंत्री और रेलमंत्री के नेतृत्व में अनुकूल माहौल में चर्चा हुई है। शीघ्र ही वार्ता से हल निकलेगा।" सोम प्रकाश कैंथ होशियारपुर से बीजेपी सांसद हैं।
किसान संगठन नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों ने 26-27 नवंबर को दिल्ली में डेरा डालने के लिए चलो दिल्ली का नारा दिया है। पंजाब हरियाणा के किसानों को उनकी मांगे नहीं मांने जाने पर दिल्ली के घेराव का अल्टीमेटम दिया है।
बैठक से पहले रेलमंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा सरकार किसानों से खुले दिल से बात करेगी। कृषि कानूनों को लेकर उनकी आशंकाओं को दूर किया जाएगा। हम किसानों से अनुरोध करेंगे कि वो पंजाब में ट्रेन सेवा शुरु होने दें क्योंकि इस वर्ष जो धान की बंपर खरीद हुई है उसे उठाकर देश के दूसरे कोनों में पहुंचान है तो पंजाब के किसानों के लिए खाद और दूसरी जरुरत की चीजें पहुंचानी हैं।
आज धनतेरस से शुरु हुए त्यौहारों पर सभी को मेरी शुभकामनायें।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 13, 2020
इस वर्ष पंजाब में MSP पर रिकार्ड खरीद हुई है, व मैं पुनः स्पष्ट करता हूं कि #MSPHaiAurRahega
मुझे आशा है पंजाब में जल्द ही ट्रेन सेवायें शुरु होंगी। हम खुले दिल से बात कर किसानों की शंकाएं दूर करने का प्रयत्न करेंगे। pic.twitter.com/xEiJ1Tedu6
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, " इस वर्ष पंजाब में अकेले में पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा धान की खरीद हुई है। आंकड़ों में बात करें तो पंजाब में एक सौ 70 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है। जबकि पूरे देश की बात करें तो पिछले वर्ष के मुकाबले अब तक 18-20 फीसदी ज्यादा अनाज की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो चुकी है जो ये विश्वास दिलाती है कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) है और रहेगी।"
रेलमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश करेगी कि पंजाब के किसान भी जल्द अपनी दिनचर्या में वापस लौटे, त्योहार मनाएं और नई फसल की बुवाई में जुट जाएं। रेल सेवा बंद होने से कोयला, खाद के साथ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर असर पड़ रहा है।
नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब की किसान यूनियन एक अक्टूबर से रेल रोको प्रदर्शन कर रही हैं। रोजाना यात्री और माल गाड़ियां कैंसल हो रही हैं। पिछले दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में मालगाड़ियों की बहाली को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को खत भी लिखा था।
While Addressing media at Jantar Mantar, I made it clear that Centre's attitude towards our farmers and undermining the State's rights is not correct. As Chief Minister, it is my duty to protect the rights of my State and my people. #KhetiBachao pic.twitter.com/7d4QX6Zr4g
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 4, 2020
किसानों के समर्थन में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह 20 अक्टूबर को केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में 4 नए कृषि विधेयक लेकर आए थे। पंजाब में रेल सेवा ठप होने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 4 नवंबर को दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना भी दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि "केंद्र सरकार का किसानों और राज्य सरकार के प्रति रवैया सही नहीं है। एक मुख्यमंत्री के नाते मेरी ड्यूटी है कि किसानों और राज्य के हितों की रक्षा करूं।"
पंजाब में विरोध प्रदर्शनों को देखते रेलवे ने रेल सेवा ठप कर दी थी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि अगर पंजाब सरकार रेलवे, स्टेशन और उनके कर्मचारियों की सुरक्षा की गारंटी ले तो रेलवे सुविधाएं बहाल करेगी।
उधर, पंजाब के किसान अक्टूबर महीने में वार्ता के लिए दिल्ली के कृषि भवन पहुंचे थे लेकिन पंजाब के किसानों ने सचिव स्तर की वार्ता में शामिल होने के इनकार कर दिया था।
Let us hope but BJP is not pro farmers. It is pro corporates. Be prepared for 26th Delhi March with more zeal .it is question of kisan future to survive.
— Balbir Singh Rajewal (@BRajewal) November 11, 2020
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