माहवारी स्वच्छता प्रबंधन है ज़रूरी, झारखंड के इस ज़िले में लड़कियों को किया जा रहा जागरूक

Anusha MishraAnusha Mishra   8 Jan 2018 6:27 PM GMT

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माहवारी स्वच्छता प्रबंधन है ज़रूरी, झारखंड के इस ज़िले में लड़कियों को किया जा रहा जागरूकप्रशासन की मुहिम 

झारखंड के सराइकेला - खरसावां ज़िले के प्रशासन ने एक मुहिम की शुरुआत की है। इस मुहिम का नाम है - लेट्स स्टार्ट द कनवर्शेशन अबाउट मेंस्ट्रुएशन (चलो माहवारी के बारे में बात शुरू करते हैं)। इस मुहिम के ज़रिए लड़कियों को माहवारी के दौरान बरती जाने वाली स्वच्छता और इस्तेमाल किए गए सेनिटरी पैड का किस तरह निपटान करना है, के बारे में जागरूक किया जाएगा।

माहवारी के दौरान बरती जाने वाली स्वच्छता महिलाओं व लड़कियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है और इस दौरान इस्तेमाल किए गए पैड का निस्तारण करना भी स्वच्छता के लिहाज से आवश्यक है। इसलिए स्कूलों में यह पानी और स्वच्छता कार्यक्रम (डब्ल्यूएएसएच) और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएमजी) की साझा मुहिम है।

इस कैम्पेन को ज़िले की उप विकास आयुक्त आकांक्षा रंजन चला रही हैं। आकांक्षा गाँव कनेक्शन को फोन पर बताती हैं, ''पहले चरण में ये मुहिम ज़िले के कस्तूरबा विद्यालयों में चलाई जा रही है। यह मुहिम न केवल बच्चियों को माहवारी के बारे में खुलकर बोलने के जागरूक करेगी बल्कि किशोरावस्था में माहवारी के बारे में ज़रूरी जानकारी, सावधानी बरतने और सेनिटरी नैपकिन के निस्तारण के बारे में ज़रूरी बातें भी बताएगी। साथ ही माहवारी से जुड़ी भ्रांतियों को भी दूर करने की कोशिश की जाएगी।'' आकांक्षा बताती हैं कि फिलहाल इस मुहिम के अंतर्गत ज़िले के 9 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के 9 ब्लॉकों की लगभग 23456 लड़कियों के लिए जो हॉस्टल में ही रहते हैं, इनसिनरेटर लगाए गए हैं।

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स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की वेबसाइट के मुताबिक, दूसरे चरण में सभी आवासीय स्कूलों में सैनिटरी नैपकिन इनसिनरेटर जाएंगे। इस मुहिम में स्कूल की लड़कियों के लिए कार्यशाला आयोजित की जाएगी जिसमें उन्हें माहवारी से जुड़ी हर जानकारी दी जाएगी। वेबसाइट के मुताबिक देश की 70 प्रतिशत लड़कियों को सैनिटरी नैपकिन के सही निस्तारण के बारे में जानकारी नहीं है।

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उप विकास आयुक्त आकांक्षा रंजन बताती हैं कि प्रशासन को इस बात की उम्मीद है कि अगर कम उम्र में ही लड़कियों को माहवारी के दौरान स्वच्छता से जुड़ी जानकारी दी जाएगी तो वे आगे चलकर दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक कर पाएंगी, इससे पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा माहवारी स्वच्छता प्रबंधन की विशेष नोटबुक डिज़ाइन की जाएंगी और इन्हें लड़कियों को बांटा जाएगा। इस नोटबुक में माहवारी से जुड़ी भ्रांतियों के बारे में भी जानकारी होगी। अभी भी कई इलाकों में माहवारी के दौरान लड़कियों को अछूत माना जाता है इसके बारे में भी लड़कियों को जानकारी दी जाएगी।

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