भारत लाया जा सकेगा विजय माल्या, वित्त मंत्री जेटली ने कहा- भारत के साथ धोखाधड़ी करे वाला भाग नहीं सकता
गाँव कनेक्शन 10 Dec 2018 12:58 PM GMT
लखनऊ। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। ब्रिटेन की एक अदालत सोमवार को अपनेद फैसले में विजय माल्या (Vijay Mallya) के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।
अब माल्या को किसी भी समय भारतीय अधिकारियों को सौंपा जा सकता है। अदालत ने मामला विदेश मंत्री को भेज था। किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे 62 वर्षीय माल्या पर करीब 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और धन शोधन का आरोप है। पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर है।
Great Day for India. No one who cheats India will go scot free.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) December 10, 2018
The Judgement of UK's Court is welcome. An offender benefited during the UPA. The NDA brings him to book.
इससे पहले माल्या ने ट्वीट करके कहा था कि मैंने एक भी पैसे का कर्ज नहीं लिया है। कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस ने लिया था। दुखद कारोबारी की वजह से यह पैसा डूब गया। गारंटी देने का मतलब यह नहीं है कि मुझे धोखेबाज बताया जाए। माल्या आगे कहा कि मैंने मूल राशि का 100 प्रतिशत लौटाने की पेशकश की है। इसे स्वीकार किया जाए। माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण का मामला मजिस्ट्रेट की अदालत में पिछले साल चार दिसंबर को शुरू हुआ था।
वहीं देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट करके कहा कि देश के साथ धोखाधड़ी करने वाला भाग नहीं सकता, यह देश के लिए एक बड़ा दिन है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लंदन कोर्ट की मंजूरी मिलना भारत सरकार की बड़ी जीत है। जनवरी के आखिरी तक विजय माल्या को भारत वापस लाया जा सकता है। कोर्ट ने माल्या को ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। इससे सीबीआई का मनोबल भी बढ़ेगा। इससे जांच एजेंसियां अपने काम को लेकर फ्री महसूस करती हैं। पहले की तरह जांच एजेंसियों के क्रियाकलापों में कोई रोड़ा नहीं है।
कितने कर्जदार हैं माल्या
विजय माल्या पर बैंकों का लगभग 9400 करोड़ रुपए बकाया है। माल्या के खिलाफ 17 बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। माल्या की तरफ से कहा गया है कि तेल के रेट बढ़ने, ज्यादा टैक्स और खराब इंजन के चलते उनकी किंगफिशर एयरलाइन्स को 6,107 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा था। हालांकि वह अभी करीब 1800 करोड़ रुपए के विलफुल डिफॉल्टर (जानबुझकर कर्ज न चुकाना वाला) हैं। बाकी बैंक अब भी माल्या के खिलाफ कोर्ट नहीं गए हैं।
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