Corona Crisis : मनरेगा मजदूरों के लिए केंद्र सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगा रहे और राज्य
लॉकडाउन के समय पर मजदूरी न मिलने के कारण मनरेगा मजदूरों के सामने भी भुखमरी जैसे हालात सामने आ रहे हैं।
Kushal Mishra 4 April 2020 1:12 PM GMT
देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण भारत के मनरेगा मजदूर भी बड़े संकट में फंस चुके हैं। समय पर मजदूरी न मिलने के कारण इनके सामने भी भुखमरी जैसे हालात सामने आ रहे हैं। ऐसे में कई राज्य इन मनरेगा मजदूरों के लिए अब केंद्र सरकार से तत्काल आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं।
कई राज्यों में इन मनरेगा मजदूरों को पिछले महीनों में किये गए काम की बकाया मजदूरी भी अभी तक नहीं मिली है। इसके अलावा खेतों में मजदूरी करने का इनका वैकल्पिक रोजगार भी लॉकडाउन के समय में इनसे छिन गया है। ऐसे में इन मजदूरों के हाथों में पैसा नहीं है और ये रोजी-रोटी के लिए मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।
ऐसी स्थिति में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पीएम मोदी से अपील के बाद अब छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्य के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन मनरेगा मजदूरों के लिए तत्काल आर्थिक मदद भेजने की अपील कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लॉकडाउन के 10वें दिन पीएम मोदी को पत्र लिख कर राज्य में मनरेगा मजदूरों के लिए 1016 करोड़ रुपये की शीघ्र आर्थिक मदद भेजने की गुजारिश की है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को पत्र के माध्यम से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत रु 1016 करोड़ राज्य को शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया है जिससे श्रमिक परिवारों की आर्थिक सहायता की जा सके।@PMOIndia pic.twitter.com/tWDTYpnBml
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 3, 2020
मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा कि छत्तीसगढ़ में 66.05 लाख मनरेगा श्रमिक सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। जबकि इनका 484 करोड़ रुपये मजदूरी का भुगतान अभी भी बकाया है। ऐसे संकट की घड़ी में इनको तत्काल लंबित मजदूरी का भुगतान किया जाना आवश्यक है।
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इसके अलावा मुख्यमंत्री ने आने वाले तीन महीनों में इन मजदूरों को समय से भुगतान मिले, इसके लिए राज्य की दैनिक मजदूरी के हिसाब से कुल 1016 करोड़ रुपये जल्द जारी करने की गुजारिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है।
छत्तीसगढ़ की तरह ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मनरेगा मजदूरों की मदद के लिए गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री पटनायक ने प्रधानमंत्री से राज्य के इन मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता देने की अपील की है।
CM @Naveen_Odisha writes to PM @narendramodi to consider providing unemployment allowance to MGNREGA active workers of #Odisha because of the 21-day lockdown pic.twitter.com/Ba6aCYhv00
— Soumyajit Pattnaik (@soumyajitt) March 29, 2020
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा कि राज्य में 36 लाख से ज्यादा मनरेगा मजदूर 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और इन मजदूरों के पास अभी कोई काम नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि इन मजदूरों को मनरेगा कानून के तहत बेरोजगारी भत्ता उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसके लिए मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से 380.39 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने की अपील की है।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा के अलावा राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी लॉकडाउन के 10वें दिन राज्य के मनरेगा मजदूरों को जल्द से जल्द लंबित मजदूरी का भुगतान जारी करने का आदेश दिया। इसके अगले दिन उपमुख्यमंत्री ने श्रमिकों की मजदूरी के साथ-साथ सामग्री भुगतान के लिए भी 824 करोड़ रुपये जारी कर दिया।
Orders have been issued for immediate release of payments of Rs 824 crores to MNREGA workers in Rajasthan, payments for the 1st half of March have already been cleared. In addition to workers getting payments in their accounts for work done, payments for materials also cleared
— Sachin Pilot (@SachinPilot) April 4, 2020
इससे पहले केंद्र सरकार ने देश के मनरेगा मजदूरों के लिए लॉकडाउन के दूसरे दिन 26 मार्च को 4,431 करोड़ रुपये के राहत पैकेज देने का ऐलान किया था। इसमें केंद्र ने 10 अप्रैल तक मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी के साथ-साथ सामग्री के लिए धनराशि देने की घोषणा की थी, मगर जानकारों के अनुसार ये धनराशि ऊंट के मुंह मे जीरे के समान है।
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मनरेगा मजदूरों के लिए काम कर रही नरेगा संघर्ष मोर्चा के अनुसार 28 मार्च 2020 तक विभिन्न राज्यों में मनरेगा का लंबित भुगतान 15,700 करोड़ रुपये था। इसमें 6,000 करोड़ रुपये श्रमिकों की मजदूरी का बकाया है और शेष 9,700 करोड़ रुपये सामग्री भुगतान का बकाया है। ऐसे में केंद्र सरकार के राहत पैकेज से मनरेगा मजदूरों को लॉकडाउन के 21 दिनों में कोई विशेष राहत मिलने के कम ही आसार नजर आते हैं।
ऐसी स्थिति में कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्षी नेता सोनिया गांधी ने भी लॉकडाउन के 8वें दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ग्रामीण भारत के आठ करोड़ से ज्यादा सक्रिय मनरेगा मजदूरों को 21 दिनों की अग्रिम मजदूरी तत्काल जारी करने का अनुरोध किया था। इसके बाद और राज्य भी मनरेगा मजदूरों की मदद के लिए सरकार से तत्काल मदद की अपील कर रहे हैं।
Congress President Smt. Sonia Gandhi writes to PM Modi on the urgency of providing income to the rural poor & suggested that MGNREGA payment be made in advance. #ActNowSaveIndia pic.twitter.com/VpEscLiyHn
— Congress (@INCIndia) April 1, 2020
हालांकि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मजदूरों के लिए लॉकडाउन के समय में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इसमें 35 लाख से ज्यादा दिहाड़ी मजदूरों को 1,000 रुपये की आर्थिक मदद उनके बैंक खातों में पहुंचाई गई। इसके अलावा 27 लाख से ज्यादा मनरेगा मजदूरों को उनके बकाया भुगतान का 611 करोड़ रुपये उनके खातों में भेजा गया ताकि उनका जीवन कोरोना लॉकडाउन की वजह से प्रभावित न हो।
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