दिल्ली तक पहुंची टिड्डियां, राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद यूपी, हरियाणा चपेट में
राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश के बाद टिड्डियों का दल उत्तर प्रदेश के कई जिलों के साथ ही हरियाणा और दिल्ली एनसीआर तक पहुंच गया है। सभी प्रदेशों में टिड्डियों को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
Divendra Singh 27 Jun 2020 12:24 PM GMT
कोरोना संकट में किसानों की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं, राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद टिड्डिया यूपी के कई जिलों के साथ हरियाणा तक पहुंच गईं हैं। ये टिड्डियां कितनी खतरनाक हो सकती हैं, इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। इनका दल झुंड कुछ ही देर में पूरी फसल बर्बाद कर सकता है।
उत्तर प्रदेश में मध्य प्रदेश से सटे कुछ जिलों में शुरूआत में टिड्डियों का हमला हुआ, इसके बाद से टिड्डियां प्रयागराज, कौशांबी, वाराणसी, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, अंबेडकरनगर, खलीलाबाद जैसे कई जिलों तक पहुंच गईं। जल्द ही अगर इनका नियंत्रण न हुआ तो पूरे प्रदेश में पहुंच जाएंगी।
टिड्डियों का दल हरियाणा के बाद दिल्ली एनसीआर तक पहुंच गया है। सभी प्रदेशों में कृषि विभाग ने एलर्ट जारी कर दिया है। ये टिड्डी दल हवा के साथ चलते हैं। हवा का रुख जिस ओर होता है ये दल वहां के पेड़-पौधों और फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन पर निगरानी रखने और किसानों जागरूक करने के लिए कृषि और कल्याण विभाग ने अभियान तेज कर दिया है।
पाकिस्तान से आने वाली ये रेगिस्तानी टिड्डियां राजस्थान और गुजरात के रास्ते भारत में प्रवेश करती हैं, जिस तरफ हवा का रुख होता है, उसी के साथ अपना रास्ता भी बदलती रहती हैं। राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब तक ये टिड्डियां पहुंच गईं हैं।
Finally Locust entered Gurgaon today morning. Also inside NCT Delhi near Chawala. Enjoy this spectacular show, very rarely seen upto this far from Thar. @FAOLocust @FAOKnowledge @icarindia @AgriGoI @KailashBaytu @CentralIfs @ParveenKaswan @DrBhageerathIRS #Locust #locustswarms pic.twitter.com/Sps6Rlu2eh
— Sumit Dookia (@sumitdookia) June 27, 2020
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के उप निदेशक (फसल सुरक्षा) वीके सिंह बताते हैं, "प्रदेश में झांसी, चित्रकूट, प्रयागराज, प्रतापगढ़, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़ और अम्बेडकरनगर जिले के कई गाँवों टिड्डियों के दल उड़ान पर हैं। सभी जिलों में कृषि विभाग की टीम टिड्डी दलों पर नजर रखे हुए है। साथ ही इन जिलों से सटे दूसरे जिलों के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है।"
अप्रैल में ही हो गई थी शुरूआत
राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती जिलों में 11 अप्रैल, 2020 से टिड्डी हॉपर और 30 अप्रैल, 2020 से गुलाबी अपरिपक्व वयस्क टिड्डियों के प्रवेश की सूचना मिल रही है, जिन्हें नियंत्रित किया जा रहा है। गुलाबी अपरिपक्व वयस्क ऊंची उड़ान भरते हैं और पाकिस्तान की तरफ से आने वाली पश्चिमी हवाओं के साथ एक दिन में एक स्थान से दूसरे स्थान तक की लंबी दूरी तय करते हैं। इनमें से अधिकांश गुलाबी अपरिपक्व वयस्क रात को पेड़ों पर ठहरते हैं और ज्यादातर दिन में उड़ान भरते हैं।
भारत में एफएओ प्रतिनिधि के कार्यालय में 11 मार्च, 2020 को दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों में डेजर्ट लोकस्ट के बारे में एक उच्च-स्तरीय वर्चुअल बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में चार सदस्य देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान) और एफएओ, रोम के प्लांट प्रोटेक्शन डिवीजन के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया था। इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी और सचिव, डीएसी एंड एफडब्ल्यू ने भाग लिया था। इस बैठक में सदस्य देशों के तकनीकी अधिकारियों की स्काइप के माध्यम से प्रत्येक सोमवार को वर्चुअल बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया था और अब तक ऐसी नौ बैठकें हो चुकी हैं। राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और पंजाब राज्यों को टिड्डी दल के हमले तथा उन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आवश्यक उपायों और फसल वाले क्षेत्रों में असरदार कीटनाशकों के उपयोग के बारे में परामर्श जारी किए गए हैं।
More second-generation immature swarms are forming in Kenya that will eventually migrate to Ethiopia and Sudan while transiting through northeast Uganda and South Sudan.
— FAO Locust (@FAOLocust) June 20, 2020
Latest #DesertLocust situation & forecast 👉 https://t.co/p0qAyCHWZQ pic.twitter.com/srEAo6EvAL
अभी और मचा सकते हैं तबाही
एफएओ ने पहले ही एलर्ट जारी किया था कि, पूर्वी अफ्रीका में वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है जहां यह खाद्य सुरक्षा और आजीविका के लिए एक अभूतपूर्व खतरा बना हुआ है। नए टिड्डी दल भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों ओर के साथ-साथ सूडान और पश्चिम अफ्रीका के ग्रीष्मकालीन प्रजनन क्षेत्रों में दाखिल होंगे। जैसे-जैसे वनस्पति सूखती जाएगी, इनके और अधिक झुंड और दल तैयार होंगे और इन क्षेत्रों से भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों ओर ग्रीष्म प्रजनन क्षेत्रों का रुख करेंगे।
एक बार देती हैं 150 अंडे
एफएओ के मुताबिक, एक टिड्डी एक बार में 150 अंडे तक देती है। ऐसा कहा जाता है कि टिड्डियां बड़ी तेजी से बढ़ती हैं। इनकी पहली पीढ़ी 16 गुना, दूसरी पीढ़ी 400 गुना और तीसरी पीढ़ी 16 हजार गुना से बढ़ जाती है। आमतौर पर टिड्डियां ऐसी जगह पाई जाती हैं, जहां सालभर में 200 मिमी से कम बारिश होती है। इसलिए ये पश्चिमी अफ्रीका, ईरान और एशियाई देशों में मिलती हैं। रेगिस्तानी टिड्डियां आमतौर पर पश्चिमी अफ्रीका और भारत के बीच 1.6 करोड़ स्क्वायर किमी के क्षेत्र में रहती हैं।
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