लोग जानते हैं कि वे जब कुछ कहेंगे तो सरकार सुनेगी और करेगी, धीमे बदलाव के दिन गुजर गए: नरेंद्र मोदी

गाँव कनेक्शनगाँव कनेक्शन   19 April 2018 12:23 PM GMT

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लोग जानते हैं कि वे जब कुछ कहेंगे तो सरकार सुनेगी और करेगी, धीमे बदलाव के दिन गुजर गए: नरेंद्र मोदीलंदन में भारत की बात सबके साथ कार्यक्रम में सवालों के जवाब देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

लंदन। पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोग जानते हैं कि वे जब कुछ कहेंगे तो सरकार सुनेगी और करेगी, धीमे बदलाव के दिन गुजर चुके हैं। केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार के शासनकाल में भारतीय ज्यादा आकांक्षा वाले हो गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंदन के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम में बुधवार को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा संचालित कार्यक्रम में सवालों के जवाब दे रहे थे।

विपक्षी पार्टियों की ओर से अपनी सरकार की आलोचना किए जाने के सवाल पर मोदी ने कहा, “हमें आलोचना से समस्या नहीं है। मगर आलोचना करने के लिए शोध करना चाहिए और उचित तथ्यों का पता लगाना चाहिए। लेकिन दुखद है कि अब ऐसा नहीं हो रहा। अब सिर्फ आरोप लगाए जाते हैं।“ आगे कहा, “मैं चाहता हूं कि इस सरकार की आलोचना की जाए। आलोचना से लोकतंत्र मजबूत होता है। रचनात्मक आलोचना के बगैर लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता।“

पहले और अब के समय में काफी फर्क

उन्होंने कहा, “पहले और अब के समय में काफी फर्क है। पहले की सरकार एक परिवार के आसपास केंद्रित होती थी, लेकिन लोगों ने दिखाया है कि लोकतंत्र में एक चाय बेचने वाला भी उनका प्रतिनिधि बन सकता है और शाही महल में हाथ मिला सकता है।“

हमने कोई कसर नहीं छोड़ी

प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले लोगों ने ‘चलता है’ वाला रवैया अपना रखा था, लेकिन अब उन्हें हमसे काफी अपेक्षाएं हैं। यदि आप देखेंगे कि हम पिछली सरकार की तुलना में कहां खड़े हैं, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि हमने देश के लिए अच्छा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।“

आपके पासपोर्ट की ताकत बढ़ गई है

मोदी ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “आप सबने देखा होगा कि आपके पासपोर्ट की ताकत बढ़ गई है। लोग आपकी तरफ गर्व से देखते हैं। भारत अब भी वही है, लेकिन आज आप फर्क देख सकते हैं।“

मैं इस्राइल जाऊंगा और मैं फलस्तीन भी जाऊंगा

यह पूछे जाने पर कि पहले के प्रधानमंत्रियों को इस्राइल जाने से किसने रोका, इस पर मोदी ने कहा, “हां, मैं इस्राइल जाऊंगा और मैं फलस्तीन भी जाऊंगा।“ मोदी इस्राइल और फलस्तीन की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। आगे कहा, “मैं सऊदी अरब से भी सहयोग बढ़ाऊंगा और भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए मैं ईरान से भी संवाद करूंगा।“

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, “स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान महात्मा गांधी ने कुछ खास किया, उन्होंने उनकी योग्यता को पहचानते हुए उन्हें अपने साथ जोड़ा और स्वतंत्रता संघर्ष को जनांदोलन में बदल दिया।“

इन अपराधों को अंजाम देने वाले लोग भी किसी के बेटे हैं

देश में नाबालिग लड़कियों से बलात्कार की हालिया घटनाओं पर मोदी ने दुख व्यक्त किया और कहा, “यह सिर्फ व्यक्ति की नहीं, बल्कि समाज की भी बुराई है। हम अपनी बेटियों से हमेशा पूछते हैं कि वे क्या कर रही हैं, कहां जा रही हैं। हमें अपने बेटों से भी पूछना चाहिए। इन अपराधों को अंजाम देने वाले लोग भी किसी के बेटे हैं। उस घर में उसकी मां भी है।“

तीन चीजों पर जोर- पढ़ाई, कमाई और दवाई

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अकेले दम पर देश बदल सकते हैं, इस पर मोदी ने कहा, “वह किसी अन्य भारतीय की तरह एक साधारण नागरिक हैं। हमारा जोर तीन चीजों पर है - छात्रों के लिए पढ़ाई (शिक्षा), युवाओं के लिए कमाई (रोजगार) और बुजुर्गों के लिए दवाई (स्वास्थ्य)।“

आगे कहा, “आयुष्मान भारत योजना के दायरे में 10 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवार आएंगे और उन्हें हर साल प्रति परिवार पांच लाख रुपए तक की कवरेज मिलेगी। इस योजना के कारण टियर-2 और टियर-3 शहरों में निकट भविष्य में 1,000 से ज्यादा अस्पताल बनेंगे।“

(एजेंसी)

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