'सिर्फ 12 हजार करोड़ नहीं फोनी तूफान से एक लाख करोड़ रूपए का नुकसान'
बुधवार को ओडिशा सरकार ने केंद्रीय दल के सामने प्राथमिक आकलन रिपोर्ट पेश किया था जिसमें कहा गया था कि तूफान की वजह से कुल 11942.68 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है। लेकिन वास्तविक नुकसान सरकारी अनुमान से कहीं अधिक और भयावह है। फोनी प्रभावित इलाकों से गाँव कनेक्शन की ग्राउंड रिपोर्ट-
Nidhi Jamwal 16 May 2019 1:41 PM GMT
- निधि जम्वाल / दया सागर
पुरी (ओडिशा)। ओडिशा में आए फोनी तूफान से लगभग एक लाख करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है। गांव कनेक्शन से खास बातचीत में ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त विष्णुपद सेठी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस तूफान से सरकारी और निजी संपत्तियों के अलावा कृषि एवं पशुपालन उद्योग, मछली उद्योग, वन उद्योग और बागवानी उद्योग को व्यापक नुकसान पहुंचा है। यह नुकसान ओडिशा सरकार के कुल वार्षिक बजट का 75 प्रतिशत है। ओडिशा सरकार ने इस साल 1,32,660 करोड़ रूपए का बजट पेश किया था, जबकि इस तूफान की वजह से ही एक लाख करोड़ का नुकसान बतया जा रहा है।
इससे पहले बुधवार को ओडिशा के दौरे पर गई तीन सदस्यीय केंद्रीय दल को ओडिशा सरकार ने प्राथमिक आकलन रिपोर्ट सौंपा था। इस आकलन रिपोर्ट में कुल 11942.68 करोड़ रूपए के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। लेकिन वास्तविक नुकसान, राज्य सरकार के अनुमानित नुकसान से लगभग आठ गुना अधिक है। राज्य सरकार के रिपोर्ट में भी कहा गया है, "यह महज एक तात्कालिक अनुमानित रिपोर्ट है। जो नुकसान राशि बताई गई है वह पूर्ण रिपोर्ट मं बढ़ सकती है।"
"ओडिशा में साइक्लोन फोनी की वजह से 100,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान।" #Odisha के विशेष राहत आयुक्त बिष्णुपदा सेठी ने गांव कनेक्शन की पर्यावरण एडिटर @JamwalNidhi को बताया। #CycloneFani pic.twitter.com/76u0bf1FwT
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रोजी-रोटी हुई प्रभावित
फोनी से रोजगार के संसाधनों को काफी नुकसान पहुंचा है और इससे आम लोगों की आजिविका (रोजी-रोटी) प्रभावित हुई है। चिल्का झील के एक निकटवर्ती गांव बरहामपुर में लगभग 1500 मछुआरों का परिवार रहता है। एक मछुआरे ने गांव कनेक्शन को बताया, "एक नाव को बनाने में 60 हजार से एक लाख 20 हजार रूपए की लागत आती है। गांव के जितने भी मछुआरे हैं सबके नावों को नुकसान पहुंचा है। 800 नाव तो पूरी तरह से खराब हो गए हैं। जबकि हमारे नेट्स (जाल) को भी नुकसान पहुंचा है। इससे आप नुकसान का अनुमान लगा सकते हैं। इसके अलावा मछली पालन के लिए हमारे द्वारा बनाए गए कृत्रिम तालाब भी तूफान की वजह से नष्ट हो गए हैं। हमें इससे उबरने में दो से तीन साल लग जाएंगे।"
#Thread In #CycloneFani ravaged the Raghurajpur heritage village, famous for pattachitra traditional art. Artisans lost their art work and livelihood — no tourists expected now. The destruction of palm trees has left no leaves for carvings. @JamwalNidhi reports. pic.twitter.com/1Av5rFpDbl
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पुरी का रामेश्वर पटना गांव काजू की खेती के लिए जाना जाता है। तूफान से काजू के हजारों पेड़ों को नुकसान हुआ है। काजू किसान मंगू बताते हैं कि फोनी तूफान से उनके 80 काजू के पेड़ गिर गए हैं, इससे उन्हे लगभग एक लाख रूपए का नुकसान हुआ है। तूफान का रामेश्वर पटना गांव पर काफी प्रभाव पड़ा है। चेतावनी जारी होने से लोगों को तो सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया लेकिन उनके घर पूरी तरीके से तबाह हो गए। चक्रवाती तूफान की वजह से यहां के ज़्यादातर घरों की छतें उड़ गई हैं, जैसे उन पर बुल्डोजर चला दिया गया हो।
पुरी से 8-10 किमी रामेश्वर पटना गांव है, जहां करीब 45 परिवार रहते हैं। यहां ज़्यादातर लोग काजू की खेती पर गुज़ारा करते हैं। फोनी चक्रवाती तूफान में काजू के सैंकड़ों पेड़ों को नुकसान हुआ है, जिससे लोग मुसीबत में आ गए हैं। अभी तक इन्हें नहीं मालूम कि मदद कैसे मिलेगी।
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पुरी के रघुराजपुर गांव में पतचित्र कलाकारों को काफी नुकसान पहुंचा है। यह गांव पूरी दुनिया में अपनी पतचित्र कला के लिए मशहूर है और गांव के 140 परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी इस कला को आगे बढ़ाते आए हैं। फोनी की वजह से इनके घरों में पानी घुस आया, जिससे इनकी तैयार पतचित्र कलाकृतियों और कच्चे माल दोनों को काफी नुकसान पहुंचा है। गांव वालों के मुताबिक, इस तूफान से हर परिवार को तकरीबन एक लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
#Thread In #CycloneFani ravaged the Raghurajpur heritage village, famous for pattachitra traditional art. Artisans lost their art work and livelihood — no tourists expected now. The destruction of palm trees has left no leaves for carvings. @JamwalNidhi reports. pic.twitter.com/1Av5rFpDbl
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पुरी के जिलाधिकारी बलवंत सिंह ने भी स्वीकार किया कि सिर्फ पुरी में ही लगभग चार से पांच हजार करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है, जबकि फोनी तूफान से ओडिशा के 14 जिलों के 51 शहर और 18,388 गांव प्रभावित हुए हैं। इस तूफान से लगभग 1.65 करोड़ लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है, वहीं करीब पांच लाख घरों को नुकसान पहुंचा है। अब तक कुल 64 लोगों की मौत इस तूफान की वजह से हो चुकी है।
#CycloneFani led to water entering homes and destroying the artwork stored by artisans including their raw materials. Although no formal estimate has been made but each family has lost at least Rs 1 lakh worth artwork.@JamwalNidhi reports from Puri@Naveen_Odisha @CMO_Odisha pic.twitter.com/WqbdFIlzHk
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