जेवर हवाई अड्डे को केंद्र की हरी झंडी, यहां देश का पहला एयर कार्गो हब भी बनेगा

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   24 Jun 2017 3:40 PM GMT

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जेवर हवाई अड्डे को केंद्र की हरी झंडी, यहां देश का पहला एयर कार्गो हब भी बनेगाजेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को केंद्र की हरी झंडी।

लखनऊ (भाषा)। जेवर (नोएडा) में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस हवाई अडडे के लिए करीब 3000 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। पहले चरण में एक हजार हेक्टेयर जमीन की जरुरत होगी, यहां देश का पहला एयर कार्गो हब भी बनाया जाएगा।

इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे के बन जाने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों का आर्थिक विकास होने, पर्यटन को बल मिलने और रोजगार व व्यवसाय के अवसर बढ़ने की उम्मीद है, इस हवाई अडडे के निर्माण में 15 से 20 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथारिटी (येडा) ने इसके लिए तीन हजार एकड़ जमीन चिन्हित कर ली है।

उत्तर प्रदेश के नागरिक उडडयन मंत्री नंद गोपाल नंदी और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज यहां एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि दिल्ली के हवाई अडडे पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नोएडा के जेवर में 2003 में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे की योजना बनाई गई थी। प्रदेश की गत सरकारों ने इस पर कोई विशेष ध्यान नही दिया।

योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस दिशा मे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से बात की और जेवर हवाई अड्डे के काम को आगे बढ़ाया गया।

पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बढ़ेगा रोजगार का अवसर

नोएडा में बनने वाले इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे से पश्चिम उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, वृन्दावन, मुजफ्फरनगर, मेरठ, अलीगढ़, बुलंदशहर तथा मुरादाबाद सहित एनसीआर क्षेत्र में आर्थिक विकास होने, साथ ही पर्यटन, रोजगार और व्यवसाय के अवसर बढ़ने की उम्मीद है।

पहले चरण में करीब 1000 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करेगा येडा

नागरिक उडडयन मंत्री नंद गोपाल नंदी ने बताया कि पहले चरण में करीब 1000 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण यमुना एक्सप्रेस वे डेवलपमेंट अथारिटी करेगा, जिसपर करीब 2000 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। इसके अलावा येडा एनसीआर क्षेत्र से पश्चिमी जिलों को सड़क, रेल और मेट्रो से जोड़ने का काम करेंगी।

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दिल्ली के हवाई अड्डे का बोझ होगा कम

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि अभी दिल्ली के हवाई अड्डे पर प्रतिवर्ष करीब छह करोड़ यात्री आते जाते है और यह संख्या हर साल बढ़ती ही जा रही है। इन हालात में दिल्ली के नजदीक एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का महत्व बढ़ जाता है। इसीलिए केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार इस जेवर हवाई अडडे को जल्द से जल्द बनाना चाहती है।

नोएडा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने से बढ़ेगा औद्योगिक निवेश

उन्होंने कहा कि नोएडा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से इस क्षेत्र में औद्योगिक निवेश बढ़ेगा। जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनी सैमसंग यहां निवेश कर रही है उसे अपना व्यवसाय बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी, इसी तरह प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग फार्मास्युटिक्ल पार्क बनाने की योजना इस क्षेत्र में कर रहा है उसे भी इस हवाई अडडे से काफी मदद मिलेंगी।

कुशीनगर हवाई अड्डे को एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया में लाने की योजना

एक सवाल के जवाब में सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि कुशीनगर हवाई अड्डे को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के अन्तर्गत लेने पर भी बातचीत चल रही है। इसके अलावा बुद्ध सर्किट को और अधिक सुविाएं देने के लिए वाराणसी से सारनाथ तक हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने पर विचार चल रहा है। इसके अलावा प्रदेश में हवाई संपर्क बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

                      

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