कोरोना महामारी की शुरूआत यानी मार्च 2020 से अब तक देश ने कई बुरे दौर देखें हैं। कभी हमें बेड और ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ा, तो कभी प्रवासी संकट की वजह से मजदूरों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। लेकिन इसी दौरान लोगों का एक ऐसा समूह भी है, जिनकी वजह से निराशा के बावजूद आशा की एक किरण दिखाई दे रही है।
ये समूह है हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स (frontline workers) का। इनमें ज्यादातर ऐसे लोग शामिल हैं जो वर्दी पीईपी किट में पर्दे के पीछे रहकर मानवता की सेवा करते हैं। लोग इनका नाम तक नहीं जानते, लेकिन फिर भी सम्मान करते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ लोग पीठ पीछे उनकी बुराई करते हैं। फ्रंटलाइन वर्कर्स को कई बार लोगों के गुस्से का सामना भी करना पड़ता है।
क्या आप हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स का धन्यवाद करते हैं? असल में हमें उनका शुक्रगुजार होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आज जब हमारे आस-पास की दुनिया चरमरा रही है, तब वे लोग लगातार हमारे लिए काम कर रहे हैं। ऐसे समय में जब हमारी भावनाएं उफान पर हावी होती हैं, फ्रंटलाइन वर्कर्स हमारे गुस्से का शालीनता और समझदारी के साथ सामना करते हैं। वे फ्रंटलाइन वर्कर्स ही हैं जो एक मरते हुए मरीज का हाथ थामते हैं और अस्पताल में उनका ख़याल रखते हैं। इतना ही नहीं, वे मरीज के परिजनों को भी दिलासा देते हैं और उन्हें ढांढस बांधते हैं।
बड़ी और गहरी बातों को सरलता के साथ आसान शब्दों में कहने का हुनर रखने वाले गीतकार नीलेश मिसरा neelesh misra ने कोरोड़ों लोगों के प्रिय और सुप्रसिद्ध गायक अरिजीत सिंह arijit singh के साथ मिलकर फ्रंटलाइन वर्कर्स के सम्मान में एक प्रयास किया है। इस साझा प्रयास का नतीजा अरिजीत सिंह के ओरियन म्यूजिक और नीलेश मिसरा के स्लो slow द्वारा प्रस्तुत “चेहरा हमारा अब हम” के अनूठे रूप में सामने आया है।
A heartfelt tribute to doctors, nurses, health staff and caregivers.
By Arijit Singh, me and our colleagues.#JaaneinBachayenge @OriyonmusicbyAS @TheSlowMovement https://t.co/n4438YuiJS
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) June 6, 2021
यह गाना उन मेडिकल स्टाफ के लिए एक श्रद्धांजलि की तरह है, जिन्होंने पीपीई किट पहने अपने परिवार या यहां तक कि अपने चेहरे को लंबे समय से नहीं देखा है। कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने बच्चों को केवल फोन स्क्रीन पर मुस्कुराते और बढ़ते देखा है। उन्हें अपने मास्क के भीतर रोना पड़ा है, जिसे दुनिया कभी देख नहीं पाई। गाने की एक लाइन ‘छिप कर के नाकाबों में, हम कितनी बार रोए’ के ज़रिए उनकी इस पीड़ा को दुनिया के सामने रखने की सुंदर कोशिश की गई है।
हम डॉक्टरों doctors का शुक्रिया अदा कैसे कर सकते हैं? इसके जवाब में मिसरा सुंदर शब्दों में लिखते हैं, “मेरी भूली मुस्कुराहट, तुम यूं संभाल रखना। अपना ख़याल रख के, मेरा ख़याल रखना।” जिसका मतलब है कि आप मेरी भूली हुई मुस्कान को थामे रखना। अपना ख्याल रखना, और इस तरह मेरा भी ख्याल रखना।
इस गीत को सोशल मीडिया और समाचार साइटों से लिए गए वीडियो के साथ तैयार किया गया है। एक दृश्य के अनुसार एक एम्बुलेंस के बगल में एक व्यक्ति है, जो किसी से बात करते हुए बेहद दुखी है और वहीं एक अन्य व्यक्ति भी है जिसकी आँखों में आँसू नहीं हैं। ऐसे दुख और पीड़ा के समय में भी लोगों के लिए फ्रंटलाइन वर्कर मौजूद रहे।
लेकिन क्या उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया गया है? क्या उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मिली है? इसका जवाब है, नहीं।
मिसरा ने इन भावों को अपनी कलम से ऐसे उकेरा है कि वे हमारे दिलों में कई तरह के सवाल पैदा कर देते हैं। ऑक्सीजन की कमी को लेकर मिसरा लिखते हैं, “भर के सिलेंडरों में, मैं जिंदगी हूं धोता; काश ऐसा जादू आता, ये खतम ही न होता।” (मैं सिलेंडरों को जीवन से भरता हूं और उन्हें ले जाता हूं; क्या कोई चमत्कार होगा? क्या यह सिलेंडर कभी खत्म नहीं होगा?)
फ्रंटलाइन वर्कर्स को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम थी, इसकी वजह से चिकित्सा पेशेवरों को कई मौकों पर आईसीयू में मरीजों में से उन्हें चुनना पड़ा, जिन्हें बचाना है। उन्हें जीवन बचाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें यह नहीं सिखाया गया है कि किसे बचाना है। मिसरा लिखते हैं, “अंदर से टूटे हैं हम, फिर भी चलते जाएंगे।” इसका मतलब है कि हम भीतर से टूट चुके हैं, लेकिन हम लगातार चलते रहेंगे।”
अरिजीत की आवाज हमें उन लोगों के बारे में सोचने पर मजबूर करती है, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा की है। इस प्रयास का मकसद है कि गीत खत्म होने के लंबे समय बाद, और महामारी समाप्त होने के लंबे समय बाद, फ्रंटलाइन वर्कर्स को कभी न भूलें। उन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया, ताकि दूसरे परिवारों को बचाया जा सके।
Expressing the emotions of the frontline workers.
Jaanein Bachayenge, Song Out Now! @neeleshmisra @arijitsingh @TheSlowMovement#JaaneinBachayenge #OriyonMusic #OriyonMusicByArijitSingh #OriyonMusicByAS #NewSongByOriyonMusic #ArijitSingh pic.twitter.com/SeEiQFqK8l
— OriyonmusicbyArijitSingh (@OriyonmusicbyAS) June 6, 2021
गीत के बोल-
चेहरा हमारा अब हम
कम कम ही देखते हैं
कमरों में बेबसी के
बस ग़म ही देखते हैं
बच्चों का अपने हँसना
बस फ़ोन पर है देखा
घायल हथेलियों पर
जीवन की टूटी रेखा
हम घर के बिस्तरों पर
कब से नहीं है सोए
छुप कर के नक़ाबों में
हम कितनी बार रोए
लो रख लो अपने तमग़े
इन सुर्ख़ियों को रख लो
हर रोज़ की इन फ़र्ज़ी
हमदर्दियों को रख लो
क्यूँ मेरा रहनुमा ये
सब रोकता नहीं है
कभी मौत के मुँह में यूँ
कोई झोंकता नहीं है
कोई रहनुमा नहीं है
कुछ सूझता नहीं है
जो ज़िंदगी बचाते, उनको
कोई पूछता नहीं है
मेरी भूली मुस्कुराहट
तुम यूँ सम्हाल रखना
अपना ख़याल रख के
मेरा ख़याल रखना
Verse 2
भर के सिलेंडरों में
मैं ज़िंदगी हूँ ढोता
काश ऐसा जादू आता
ये ख़त्म ही न होता
आँखों के सामने जो
चीखें निकालते हैं
वो साँस की नदी में
सिक्के खंगालते हैं
औरों के ग़मों से अब
है टूट रही छाती
आँखें है थकीं ऐसे
अब रो भी नहीं पाती
मुझे दे दो थोड़ी फ़ुर्सत
मुझे दे दो घर का कोना
मुझे दोस्तों से मिलना
मुझे देर तक है सोना
बच्चों ने जाने अपनी
की या न की पढ़ाई
वो क़ैद हैं कमरों में
मुझको भी ना रिहाई
कैसे मिलेगा रस्ता
कुछ बूझता नहीं है
कोई रहनुमा नहीं है
कुछ सूझता नहीं है
जो ज़िंदगी बचाते, उनको
कोई पूछता नहीं है
मेरी भूली मुस्कुराहट
तुम यूँ सम्हाल रखना
अपना ख़याल रख के
मेरा ख़याल रखना
कमज़ोर अब ना पड़ना
ना मुझको पड़ने देना
जो भी हो जैसे भी हो
मुश्किल ना बढ़ने देना
अंदर से टूटे हैं हम
फिर भी चलते जाएँगे
जानें बचाएँगे
जानें बचाएँगे
जानें बचाएँगे
जानें बचाएँगे
Thank you for all you do, doctors, and especially all you have done in the past year and half. #JaaneinBachayenge https://t.co/L96Bfod6e6
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) June 7, 2021
Jaanein Bachayenge Song Lyrics in English
Chehra hamaara ab ham
kam kam hi dekhte hain
kamron mein bebasi ke
bas gham hi dekhte hain
bacchon ka apne hasna
bas phone par hai dekha
Ghayal hatheliyon par
jeevan ki tooti rekha
ham ghar ke bistaron par
kab se nahin hain soye
chhup kar ke naqabon mein
ham kitni baar roye
Lo rakh lo apne tamge
in surkhiyon ko rakh lo
har roz ki in farzi
hamdardiyon ko rakh lo
kyu mera rehnuma ye
sab rokta nahi hai
Kabhi maut ke munh mein yun
koi jhonkta nahin hai
Koi rehnuma nahin hai
kuch soojhta nahin hai
jo zindagi bachaate, unko
koi poochhta nahi hai
Meri bhooli muskurahat
tum yun samhaal rakhna
apna khayaal rakh ke
mera khayaal rakhna
Verse 2
Bhar ke cylinderon mein
main zindagi hun dhhota
kaash aisa jaadu aata
ye khatm hi na hota
Aankhon ke saamne jo
cheekhein nikaalte hain
wo saans ki nadi mein
sikke khangaalte hain
Auron ke gham se ab
hai toot rahi chhati
Aankhein hain thaki aise
ab ro bhi nahin paati
Mujhe de do thodi fursat
mujhe de do ghar ka kona
mujhe doston se milna
mujhe der tak hai sona
Bacchon ne jaane apni
ki ya na ki padhaai
wo qaid hain kamron mein
mujhko bhi na rihaai
kaise milega rasta
kuch boojhta nahi hai
koi rehnuma nahin hai
kuch soojhta nahin hai
jo zindagi bachaate, unko
koi poochhta nahi hai
Meri bhooli muskurahat
tum yun samhaal lena
apna khayal rakh ke
mera khayal rakhna
Kamzor ab na padna
na mujhko padne dena
jo bhi ho jaise bhi ho
mushkil na badhne dena
andar se toote hain ham
fir bhee chalte jayenge
Jaanein bachayenge
Jaanein bachayenge
Jaanein bachayenge
Jaanein bachayenge
❤️ A small effort from us to thank you #MedTwitter #JaaneinBachayenge @OriyonmusicbyAS @TheSlowMovement @TheSlowApp https://t.co/6UHPwJ9ioN
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) June 6, 2021