मध्य प्रदेश बोर्ड 12वीं परीक्षा रद्द, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा- बच्चों की जिंदगी हमारे लिए अनमोल

मध्य प्रदेश बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं अब नहीं होंगी, अगर कोई विद्यार्थी बेहतर परिणाम के लिए परीक्षा देना चाहेगा तो विकल्प खुला रहेगा, कोरोना संकट की समाप्ति के बाद वो 12वीं की परीक्षा दे सकेगा।
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कोरोना की दूसरी लहर से पूरा देश प्रभावित है, ऐसे में कई राज्यों ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी है, सीबीएससी बोर्ड ने 12वीं की परीक्षा भी न कराने का फैसला लिया है, ऐसे में अब मध्य प्रदेश बोर्ड के 12वीं की विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मध्यप्रदेश में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएँ इस वर्ष आयोजित नहीं की जाएंगी। बच्चों की ज़िंदगी हमारे लिए अनमोल है। करियर की चिंता हमलोग बाद में कर लेंगे। बच्चों पर जिस समय #COVID19 का बोझ है, उस समय हम उन पर परीक्षाओं का मानसिक बोझ नहीं डाल सकते।”

उन्होंने आगे कहा कि हमने मंत्रियों का एक समूह बनाया है, जो विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद आंतरिक मूल्यांकन या अन्य आधारों पर विचार करके रिज़ल्ट्स का तरीका तय करेगा। 10वीं कक्षा के बच्चों का परिणाम आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किया जाएगा। अगर 12 वीं का कोई बच्चा बेहतर परिणाम के लिए परीक्षा देना चाहेगा तो विकल्प खुला रहेगा, कोरोना संकट की समाप्ति के बाद वो 12 वीं की परीक्षा दे सकेगा।

इससे पहले 1 जून यानी मंगलवार को सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया गया था। यह फैसला पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम एक अहम बैठक में लिया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सरकार ने सीबीएसई कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है। व्यापक विचार विमर्श के बाद हमने छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है। इससे न सिर्फ छात्रों को सुरक्षा मिलेगी बल्कि उनका भविष्य भी उज्ज्वल रहेगा।”

उन्होंने आगे कहा कि कोरोना ने अकेडमिक कैलेंडर को प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मामला छात्रों, शिक्षकों और पैरेंट्स भारी चिंता पैदा कर रहा था जिसे खत्म किया जाना जरूरी था।

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