इस दीपावली गाँवों से आ रहे कुम्हारों का स्वागत कर रहा मध्य प्रदेश

कलेक्टरों ने ये आदेश दिए हैं कि दूर-दूराज गाँव से शहर आ रहे कुम्हारों पर बाजार शुल्क न लगाया जाए और मिट्टी से बने दीयों की बिक्री के लिए प्रोत्साहित भी किया जाए।

Kushal MishraKushal Mishra   19 Oct 2019 12:44 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
इस दीपावली गाँवों से आ रहे कुम्हारों का स्वागत कर रहा मध्य प्रदेश

इस दीपावली मध्य प्रदेश में गाँवों से आ रहे कुम्हारों का स्वागत किया जा रहा है और उन्हें मिट्टी के दीये बाजार में बेचने आने के लिए किसी भी तरह के शुल्क से मुक्त रखा गया है। प्रशासन की इस पहल को काफ़ी सराहा जा रहा है।

प्रशासन की ओर से मिट्टी के दिये बनाने वाले इन कुम्हारों को दीपावली का यह तोहफा दिया गया है। कलेक्टरों ने ये आदेश दिए हैं कि दूर-दूराज गाँव से शहर आ रहे कुम्हारों पर बाजार शुल्क न लगाया जाए और मिट्टी से बने दीयों की बिक्री के लिए प्रोत्साहित भी किया जाए। इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार का आदेश भी दिया गया है।


दरअसल बाजार में आर्टिफिशियल चीजों और चाइनीज मार्केट की ज़्यादा पकड़ के कारण कुम्हारों को काफी नुकसान होता है। कुम्हारों को न तो उनकी मेहनत का सही दाम मिलता है, और न ही दीये बेचने के लिए उचित बाजार। इसे देखते हुए उमरिया, भिण्डे, धार, ग्वालियर जिलों समेत कई जिलों के कलेक्टरों ने सभी नगरीय एवं जनपद पंचायतों को यह आदेश जारी किया है।

इससे पहले ग्रामीण अंचलों से आने वाले इन कुम्हारों से प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क वसूला जाता था।

यह भी पढ़ें : इस दीवाली घर लाइए गोबर से बने दीये और गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति


   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.