फिर फूटा किसानों का गुस्सा, अब महाराष्ट्र विधानसभा घेरने निकले 30,000 किसान

Kushal MishraKushal Mishra   9 March 2018 8:05 PM GMT

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फिर फूटा किसानों का गुस्सा, अब महाराष्ट्र विधानसभा घेरने निकले 30,000 किसाननासिक से महाराष्ट्र विधानसभा घेरने निकल पड़े हैं किसान।

महाराष्ट्र में एक बार फिर सरकार के खिलाफ किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। इस बार करीब 30,000 किसान गाजे-बाजे के साथ सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ पैदल मार्च करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा घेरने निकल पड़े हैं।

किसान आंदोलनों का गढ़ बन चुके मध्य प्रदेश, राजस्थान, नई दिल्ली के बाद अब किसानों का यह लंबा पैदल मार्च नासिक से मंगलवार को शुरू हो चुका है और करीब 180 किलोमीटर की इस मार्च को निकालते हुए 12 मार्च को ये किसान मुंबई में महाराष्ट्र विधानसभा घेरेंगे। इस मार्च की अगुवाई ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) की ओर से किया जा रहा है।

इस लंबे मार्च के जरिए किसान पूर्ण ऋणमाफी, बिजली बिल माफी, ओलावृष्टि से नुकसान का मुआवजा समेत स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मुख्य मांग सरकार से कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इस मार्च में ठाणे और पालघर के किसान भी शामिल हो रहे हैं।

वहीं ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव अजीत नावाले ने ‘गांव कनेक्शन’ से फोन पर बातचीत में कहा, “सरकार ने सिर्फ योजनाओं की घोषणाएं की हैं, मगर उन योजनाओं को ईमानदारी से लागू नहीं किया गया और किसानों के साथ विश्वासघात किया गया है। अब किसान फिर से यलगार कर रहे हैं, लाखों की तादाद में किसान एकजुट रहे हैं। नासिक से छह दिन चलने के बाद हम किसान अपनी मांगों को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा घेरेंगे और सरकार से किसानों के हित में अपनी मांगों को मनवा कर रहेंगे।“

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मध्य नासिक के सीबीएस चौक पर किसानों की बड़ी सभा को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया किसान सभा के सचिव राजू देसले ने कहा, “भाजपा सरकार ने जबसे किसानों की 34 हजार करोड़ रुपए की ऋणमाफी की घोषणा की है, तब से अब तक 1753 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। न सिर्फ केंद्र सरकार, बल्कि राज्य सरकार ने किसानों के लिए विरोधी नीतियां अपनाई हैं।“

देसले ने आगे कहा, “राज्य सरकार ने भी बुलेट ट्रेन और सुपर हाईवे जैसी विकास परियोजनाओं के नाम पर किसानों की कृषि योग्य भूमि का जबरन अधिग्रहण कर रही है।“

इस मार्च में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। इस मार्च में नासिक जिले के आदिवासी क्षेत्र के सुरगाना तालुक पद्मावती भी शामिल हुई हैं, जो सरकार से जंगलों और भूमि अधिकारों को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। इस मार्च में हजारों की संख्या में आदिवासी क्षेत्र के किसान भी शामिल हैं।

पद्मावती।

इस लंबी पैदल मार्च का नेतृत्व किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धावले, स्थानीय विधायक जेपी गवित समेत अन्य नेता कर रहे हैं।

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