वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एमओयू पर किए हस्ताक्षर

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वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एमओयू पर किए हस्ताक्षरमुंबई में हुए इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस भी मौजूद थे

सूखा ग्रस्त विदर्भ क्षेत्र में खेती के विकास के लिए महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को स्वयं सेवी संगठन ICRISAT के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से विदर्भ क्षेत्र के 55 हजार कृषक परिवारों को सीधे तौर पर और लगभग 2 लाख परिवार को परोक्ष रूप से लाभ होगा। इससे अगले पांच वर्षों में इस इलाके के किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।

मुंबई में हुए एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस और ICRISAT (इंटरनेशनल क्राप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी एरिड ट्रॉपिक्स) के डीडीजी डॉ. पीटर कारबेरी, निदेशक सुहास वानी की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर हुए। मैगनेटिक महाराष्ट्र : कन्वर्जेंस 2018 नाम के इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को किया था।

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इस पहल के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ. वानी ने कहा, इस कार्यक्रम में रिसर्च संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों, एनजीओ, किसान संगठनों और निजी कंपनियों की सहभागिता है। इसके जरिए किसानों के सामने तकनीकी और विज्ञान आधारित समाधान प्रस्तुत किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि, इस कार्यक्रम के माध्यम से 11 जिलों में जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने वाली तकनीकों के इस्तेमाल से 2 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। सेटेलाइट, मौसम पूर्वानुमान, फसल और जल संतुलन पर आधारित वैज्ञानिक मॉडल और आईटी आधारित समाधानों की बदौलत किसान बेहतर फैसले ले पाएंगे। एग्रोईकोजोन आधारित जमीन का इस्तेमाल और बाजार की जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग फसलों को अपनाने से किसानों को फायदा होगा। किसानों की आमदनी बढ़ाने, उनके परिवार को पोषण देने और उनके समग्र विकास के लिए किसानों को सीधे बाजार से जोड़ना होगा, इसमें पूरा ध्यान लाभ और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने पर केंद्रित करना होगा।

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