महाराष्ट्र ने 2018-19 में सूखा राहत पर 4,909 करोड़ रुपये खर्च किए: समीक्षा

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महाराष्ट्र ने 2018-19 में सूखा राहत पर 4,909 करोड़ रुपये खर्च किए: समीक्षा

लखनऊ। महाराष्ट्र सरकार ने 2018-19 मे सूखा राहत के लिए 4,909.50 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए। राज्य विधानसभा में सोमवार को पेश प्रदेश की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट कहा गया है कि 151 तालुका में 85.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सूखा प्रभावित है।

समीक्षा में कहा गया है कि समाप्त वि‍त्त वर्ष में सूखे की स्थिति से 26 जिलों में 151 तालुका प्रभावित रहे हैं। इनमें से 112 तालुका में सूखे की स्थिति काफी गंभीर है जबकि 39 मामूली रूप से सूखे से प्रभावित हैं। बताया गया है कि अप्रैल, 2018 में 5,094 हेक्टेयर क्षेत्र बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित थे। इसके लिए दिसंबर में 8.15 करोड़ रुपये का मुआवजा मंजूर किया गया।



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पिछले साल मई में 1,741 हेक्टेयर क्षेत्र बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित था जिसके लिए दिसंबर में 2.93 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। समीक्षा में कहा गया है कि वत्ति वर्ष 2018-19 में वार्षिक ऋण योजना में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों का सालाना बजट 85,464 करोड़ रुपये रहा। कृषि ऋण मोर्चे पर बात की जाए तो 2017-18 में प्राथमिक ऋण सोसायटियों ने किसानों को 14,573 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया।

समीक्षा के अनुसार, 31 मार्च, 2018 तक 1.98 लाख सहकारी सोसायटियां थीं जिनके सदस्यों की संख्या 5.17 करोड़ थी। इनमें से 11 प्रतिशत कृषि ऋण क्षेत्र, 10 प्रतिशत गैर कृषि ऋण क्षेत्र और 79 प्रतिशत अन्य गतिविधियों में कार्यरत थीं। वि‍त्त वर्ष 2018-19 वि‍त्तीय संस्थानों के माध्यम से 31,282 करोड़ रुपये का कृषि ऋण दिया गया।

इससे पिछले वि‍त्त वर्ष में यह आंकड़ 25,322 करोड़ रुपये था। इसी तरह 2018-19 में कृषि क्षेत्र को 36,632 करोड़ रुपये का मियादी कृषि कर्ज वितरित किया गया। 2017-18 में कृषि क्षेत्र को 25,695 करोड़ रुपये का मियादी कृषि ऋण दिया गया था। समीक्षा के अनुसार 2018-19 में सितंबर तक बिजली की कुल खपत 4,517.4 करोड़ यूनिट की रही, जबकि कुल बिजली उत्पादन 11,419.9 करोड़ यूनिट का हुआ।

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गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने औपचारिक रूप से राज्य के 182 तालुकों को सूखा-प्रवृत्त घोषित किया था। उन्होंने टैंकरों से पानी के सप्लाई, भूमि राजस्व की छूट, कृषि खपत के लिए बिजली बिल और शिक्षा शुल्क के मामले में प्रभावित तालुकों को राहत प्रदान की थी।

यह सूखा घोषण दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान राज्य में बारिश के प्रस्थान को ध्यान में रखते हुए किया गया था जो पिछले महीने खत्म हो गया था। पर्याप्त वर्षा की कमी ने राज्य भर में फैले हजारों गांवों में खरीफ (गर्मी) फसल पैदावार को प्रभावित किया है।

सूखा-प्रवृत्त के रूप में सूचीबद्ध 182 तालुक राज्य के 31 जिलों में स्थित हैं। अधिकतम सूखा प्रभावित तालुक वाले जिलों में पुणे (11 तालुक), अहमदनगर (10), बीड (10), चंद्रपुर (10), यवतमाल (9) आदि शामिल हैं। इसकी प्रारंभिक सूची में, महीने में पहले जारी की गई, राज्य सरकार ने 32 जिलों में पानी की कमी का सामना करने वाले 201 तालुकों की पहचान की गई थी, जिसे 182 तालुकों तक सीमित कर दिया गया है। (इनपुट- भाषा)


   

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