पेंटिंग के जरिए तेजाब हमले का दर्द बता रहीं मैथिली
गाँव कनेक्शन 19 Feb 2018 2:46 PM GMT
आगरा। तेजाब हमले की शिकार लड़कियों की पीड़ा को मुंबई की रहने वालीं मैथिली बावकर पेंटिंग के जरिए दिखा रही हैं। आगरा में एसिड अटैक पीड़ितों के लिए चल रहे शिरोज कैफे में एक जून से दो दिन के लिए इनकी पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
तेजाब हमले को लेकर हमारे समाज में जागरूकता नहीं है। तेजाब फेंकने के बाद एक जगह से दूसरी जगह जब चमड़ा लगाया जाता है तो बेहद तकलीफ होती है। लोगों को जागरूक करने के लिए दो साल पहले मैंने तेजाब पीड़ित महिलाओं के लेकर काम करना शुरू किया था।मैथिली बावकर, पेंटर
मुंबई के रचना सांसद अकादमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स और क्राफ्ट से बैचलर ऑफ़ फाइन आर्ट्स करने वाली मैथिली (23 वर्ष ) बताती हैं, ‘‘तेजाब हमले को लेकर हमारे समाज में जागरूकता नहीं है। तेजाब फेंकने के बाद एक जगह से दूसरी जगह जब चमड़ा लगाया जाता है तो बेहद तकलीफ होती है। लोगों को जागरूक करने के लिए दो साल पहले मैंने तेजाब पीड़ित महिलाओं के लेकर काम करना शुरू किया था।’’
देश भर में तेजाब हमला एक बड़ी समस्या है। हाल ही में शिरोज कैफे लखनऊ में ही काम करने वाली एक महिला को चलती ट्रेन में तेजाब पिला दिया गया था। इसके बाद प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने निर्देश दिए हैं कि तेजाब विक्रेता 15 दिन के भीतर तेजाब के स्टॉक की रिपोर्ट संबंधित उप जिला मैजिस्ट्रेट के सामने अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें। लेकिन अभी भी आसानी से तेजाब सब जगह उपलब्ध है।
मैथिली बावकर तेजाब पीड़ितों की पेंटिंग के अलावा और भी अलggग-अलग माध्यमों से तेजाब के हमले के बाद होने वाले दर्द को बयाँ करने की कोशिश कर रही है। मैथिली बावकर के पिता नितिन बावकर बताते हैं, ‘‘मैथिली और हम एकबार लक्ष्मी (तेजाब पीड़िता) और आलोक दीक्षित ( प्रमुख, छाँव फाउंडेशन) को मुंबई के एक कॉलेज में सुना तो लगा ये लोग इतना काम कर रहे है तो हमें भी कुछ करना चाहिए। इसके बाद मैथिली ने पेंटिंग करना शुरू किया।’’
नितिन आगे बताते हैं कि मेरी दूसरी बेटी डॉक्टर है। हम पेंटिंग के जरिए लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ मेडिकल सपोर्ट देने की भी कोशिश करेंगे।
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