सूर्य की अवस्था के अनुसार मनाई जाती है मकर संक्रांति , जानिए इससे जुड़ी 5 रोचक बातें 

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सूर्य की अवस्था के अनुसार मनाई जाती है मकर संक्रांति , जानिए इससे जुड़ी 5 रोचक बातें मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान माना जाता है शुभ।

क्या आपको पता है, ज़्यादातर भारतीय त्योहारों को हिंदू कैलेंडर यानी कि ग्रहों के चारो ओर चंद्रमा के चक्करों को देखकर मनाया जाता है, लेकिन मकर संक्राति पर्व सूर्य की स्थिति के अनुसार मनाया जाता है ? आइये जानते हैं इस त्योहार से जुड़ी ऐसी ही कुछ रोचक जानकारियों के बारे में ।

नेपाल में इस दिन मनाई जाती है माघे संक्रांति -

भारत के अलावा यह पर्व नेपाल में भी मनाया जाता है। नेपाल में मकर संक्रांति को लोग माघ संक्रांति, सूर्योत्तरायण जैसे नामों से जानते हैं।

नेपाल की माघे संक्रांति का एक दृश्य

सूर्य का स्थिति के हिसाब से होती है मकर संक्रांति -

पारंपरिक भारतीय कैलेंडर चंद्रमा की अवस्थाओं पर आधारित है, इसी कैलेंडर के आधार पर त्योहार मनाए जाते हैं , लेकिन मकर संक्रांति ही एक ऐसा पर्व है, जो सूर्य की अवस्था के हिसाब से मनाया जाता है।

चंद्रमा की दशा दिखाता है भारतीय कैलेंडर।

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इस दिन से रात छोटी और दिन बड़े होते हैं -

मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण में होता है , यानी कि इस दिन पृथ्‍वी का उत्तरी छोर सूरज की तरफ होता है। इसलिए इस दिन से रात छोटी और दिन बड़े होते हैं।

मकर संक्रांति से जुड़ा है भौगोलिक तत्थ।

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माघ मेले में इस दिन गंगा स्नान के लिए जुटती है भीड़ -

उत्तर प्रदेश में मकर संक्राति को दान पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (प्रयाग) जिले में विशेष रूप से प्रसिद्ध माघ मेले में लोग (संगम) गंगा स्नान के लिए आते हैं।

इलाहाबाद में संगम सन्ना के लिए लगी लोगों की भीड़।

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बंगाल में होता है विशाल गंगासागर मेले का आयोजन -

पश्चिम बंगाल में मकर संक्रांति के दिन गंगासागर पर बहुत बड़ा मेले का आयोजन होता है। इस मेले में बंगाल की संस्कृति और भारतीय परंपराओं का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है।

बंगाल की संस्कृति और भारतीय परंपराओं को मिलाता है गंगासागर मेला।

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