यहां एक शख्‍स 'अपनी रसोई' से 100 से अध‍िक लोगों को खिलाता है खाना

Mohit ShuklaMohit Shukla   17 Aug 2019 8:26 AM GMT

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एक शख्‍स ऐसा है जो दिव्यांगोंं व निराश्रितों को अपनी रसोई के माध्यम से प्रतिदिन खाना खिलाता है। इस रसोईघर में गांव के उन बुर्जुगों को भोजन मिलता है, जिनका पालन पोषण करने वाला कोई नहीं होता है। इस रसोई से लगभग 100 लोगों को रोजाना खाना ख‍िलाया जाता है।

यूपी के सीतापुर जनपद की पिसावां ब्लॉक के चेना गांव के रजनीश मौर्य लोगों को नि:शुल्क भोजन करवाते हैं। इनकी रसोई में नेत्रहीन, मूक बधिर, दिव्यांग व बुर्जुगों को रोजाना भोजन दिया जाता है। इतना ही नहीं खाने के साथ-साथ इनका समय-समय पर स्वास्‍थ्य चेकअप भी कराया जाता है।

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अपनी रसोई के संचालक रजनीश मौर्या बताते हैं, "रसोई के व्यवस्थापक नरेश शुक्ला हैं जो कि राजस्थान सरकार की पीसीएस की नौकरी छोड़कर आज कई सालों से गरीबों की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। उनकी मंशा है कि कोई भी असहाय या बेसहारा व्यक्ति भूख से न मरे।"

'अपनी रसोई' को बड़े पैमाने पर जोर दिया जा रहा है। अभी तक एक ही गांव के लोगों को लाभान्वित किया जा रहा था। लेकिन अब इसको बड़े स्तर पर चलाने के लिए मेनिफेस्टो तैयार किया जा रहा है, जिसके चलते ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके।

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महीने में आता है करीब 50 हजार खर्च

इस रसोई को चलाने के लिए करीब 50 हजार प्रतिमाह खर्च आता है। यह पैसा नरेश शुक्ल अपनी कंपनी के बचत खाते से वहन करते हैं। इतना ही नही उन्होंने शुक्ला बंधु ऑर्गेनिक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड बनाकर के कृषकों की आमदनी दोगुनी करने की नीति को बढ़ावा दे रहे हैं। जिससे अन्य गांवों में अपनी रसोई की स्थापना एवं संचालन संभव हो सके।

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