पढ़िए ऑस्कर अवार्ड 2018 में तीन अवार्ड जीतने वाली फिल्म ‘द शेप ऑफ वाटर’ की क्या है कहानी 

Divendra SinghDivendra Singh   5 March 2018 4:36 PM GMT

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पढ़िए ऑस्कर अवार्ड 2018 में तीन अवार्ड जीतने वाली फिल्म ‘द शेप ऑफ वाटर’ की क्या है कहानी इस फिल्म ने जीते तीन अवार्ड

ऑस्कर अवार्ड्स 2018 के लिए फिल्म 'द शेप ऑफ वाटर' को 13 अलग-अलग कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया, जिसमें से चार अवार्ड इस फिल्म को मिले।

ऑस्कर पुरस्कारों के इतिहास में यह फिल्म अब तक सबसे ज्यादा नॉमिनेशन वाली फिल्मों में शामिल हुई। इससे पहले 'ऑल अबाउट इव', 'टाइटैनिक' और 'ला ला लैंड' को सबसे अधिक नॉमिनेशन मिले थे।

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गियेरमो देल तोरो को 'द शेप ऑफ वॉटर' के लिए बेस्ट निर्देशक का पुरस्कार मिला। मेक्सिको के इस निर्देशक ने इस साल गोल्डन ग्लोब्स, डीजीए, द क्रिटिक्स चॉइस और बाफ्टा पुरस्कार भी अपने नाम कर किया है। उन्होंने इस कैटिगरी में क्रिस्टोफर नोलन (डनकर्क), जॉर्डन पीले (गेट आउट), ग्रेटा गर्विग (लेडी बर्ड) और पॉल थॉमस एंडरसन (फैंटम थ्रेड) को मात दी।

इस साल 90वें अकैडमी अवॉर्ड ऑस्कर्स 2018 में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड अमेरिकन फिल्म 'द शेप ऑफ वॉटर' को मिला है। बेस्ट फिल्म के अलावा इस फिल्म ने 3 और अवॉर्ड अपनी झोली में डाल लिए हैं। बेस्ट फिल्म के अलावा 'द शेप ऑफ वॉटर' को बेस्ट डायरेक्शन, ऑरिजनल स्कोर, बेस्ट प्रॉडक्शन डिजाइन का भी अवॉर्ड मिला है।

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द शेप ऑफ वॉटर' फिल्म कोल्ड वॉर की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जिसमें इसकी कहानी एक अकेली मूक महिला के इर्द-गिर्द घूमती है। यह मूक महिला अमेरिका के बाल्टीमोर की एक गुप्त लैबोलेट्री में सफाईकर्मी का काम करती है। इस महिला एलिसा एस्पोसितो का किरदार सैली हॉकिन्स ने निभाया है। इस महिला की जिंदगी में नाटकीय बदलाव तब आता है जब वह एक रहस्यमयी समुद्री जीव से प्यार करने लगती है।

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समुंद्री जीव और उस महिला की प्रेम को इस फिल्म में बाखूबी दिखाया गया है, इस समुद्री जीव को साउथ अमेरिका से कर्नल रिचर्ड स्ट्रिकलैंड लाए हैं। कर्नल स्ट्रिकलैंड की भूमिका माइकल शैनन ने निभाई है।

कर्नल स्ट्रिकलैंड इस जीव को बुरी तरह टॉर्चर करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह खतरनाक है। लेकिन जैसे ही एलिसा उस जीव के पास आती है तो वह उसके प्रति दयालु हो जाता है। यह जीव एलिसा को यह अहसास कराता है कि वह खास और प्यार किए जाने के योग्य है।

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जीव और एलिसा के बीच भावनात्मक लगाव ही इस फिल्म की जान है जिसे डायरेक्टर गीयेरमो देल तोरो ने बेहद खूबसूरती से पर्दे पर उतारा है। कुछ समय बाद वह जीव और एलिसा एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं और एलिसा उसे लैब से निकालकर अपने घर ले आती है।

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एलिसा उस जीव को अपने बाथटब में नमक के पैकेट के साथ रखती है और सोचती है कि बाद में उसे समुद्र में छोड़ देगी। समय के साथ एलिसा को पता चलता है कि उस समुद्री जीव में रहस्यमयी शक्तियां हैं। एलिसा कुछ समय बाद जीव की तबीयत बिगड़ने लगती है तो वह उसे समुद्र में छोड़ने के लिए जाती है लेकिन कर्नल स्ट्रिकलैंड उन्हें ढूंढ लेता है। कर्नल स्ट्रिकलैंड एलिसा और उस जीव पर गोली चलाता है लेकिन जीव पर गोली का कोई फर्क नहीं पड़ता और वह कर्नल को मार देता है। इसके बाद वह जीव एलिसा को समुद्र में ले जाता है और जैसे ही वह एलिसा के घावों को भरता है तो वह अपने गलफड़ों से सांस लेने लगती है। फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि इसके बाद एलिसा हमेशा उस जीव के साथ समुद्र में खुशहाल जीवन गुजारती है।

      

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