मराठा आरक्षण आंदोलन: हिंसा के बाद मुंबई में बंद वापस, दूसरी जगहों पर रहेगा जारी
औरंगाबाद में मंगलवार को हुए प्रदर्शन के दौरान जहर पीने वाले प्रदर्शनकारी जगन्नाथ सोनवणे की बुधवार सुबह स्थानीय सरकारी अस्पताल में मौत हो गई। इससे पहले मंगलवार को जिले के ही दूसरे प्रदर्शनकारी 27 वर्षीय काकासाहब शिंदे ने गोदावरी नदी में कूद कर जान दे दी थी। इसके बाद ही प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
गाँव कनेक्शन 25 July 2018 11:33 AM GMT
सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण को लेकर आयोजित मराठा संगठनों का बंद मुंबई में वापस ले लिया गया है। बुधवार को यह फैसला पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही हिंसक घटनाओं के बाद लिया गया। हालांकि मुंबई से सटे इलाकों ठाणे और नवी मुंबई वगैरह में यह बंद जारी रहेगा। मंगलवार को औरंगाबाद जिले में एक प्रदर्शनकारी के गोदावरी नदी में आत्महत्या करने के बाद बंद हिंसक हो गया था। इसके बाद हिंसक प्रदर्शनकारियों के पथराव से एक कांस्टेबल की मौत हो गई थी और नौ अन्य लोग जख्मी हो गए।
#MarathaKrantiMorcha calls off Mumbai bandh. They were protesting over demand for #MarathaReservation in government jobs and education. pic.twitter.com/ZZdAb3R79C
— ANI (@ANI) July 25, 2018
The government has taken cognisance of protest by Maratha community and has taken several decisions. Govt is ready to talk to them. Govt had made a law for reservation to the community but that was stayed by Bombay HC: Maharashtra CM Devendra Fadnavis pic.twitter.com/YLwht6EQpv
— ANI (@ANI) July 25, 2018
बुधवार को मराठा क्रांति मोर्चा ने यह कहते हुए बंद वापस ले लिया कि हम चाहते हैं कि मुंबईवासी सही सलामत घर वापस लौटें। इससे पहले मराठा संगठनों के बंद के दौरान मुंबई और ठाणे में सरकारी बसों पर हमले किए गए और लोकल ट्रेनें रोक दी गईं। औरंगाबाद में मंगलवार को हुए प्रदर्शन के दौरान जहर पीने वाले प्रदर्शनकारी जगन्नाथ सोनवणे की बुधवार सुबह स्थानीय सरकारी अस्पताल में मौत हो गई। इससे पहले मंगलवार को जिले के ही दूसरे प्रदर्शनकारी 27 वर्षीय काकासाहब शिंदे ने गोदावरी नदी में कूद कर जान दे दी थी। इसके बाद ही प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
महाराष्ट्र के परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि, मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में प्रदर्शनकारियों ने 9 सरकारी बसों पर हमला किया है। प्रदर्शनकारियों ने मुंबई के कंजुरमार्ग और भांडुप इलाकों सहित अन्य जगहों पर सरकारी बसों पर पथराव करके उनकी खिड़कियां तोड़ दीं। बसों पर हो रहे पथराव को ध्यान में रखते हुए बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बीईएसटी) ने प्रभावित इलाकों में अपनी सेवा आंशिक रूप से निलंबित कर दी।
#Visuals of #MarathaReservationProtest from Mumbai-Pune highway. #Maharashtra pic.twitter.com/Zwz830VUf1
— ANI (@ANI) July 25, 2018
Mumbai: Miscreants pelted stones & set a bus ablaze in Mankhurd during #MarathaQuotaStir. Fire has now been extinguished by fire tenders. pic.twitter.com/HA3jP9t05L
— ANI (@ANI) July 25, 2018
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मानखुर्द, चांदीवली, जोगेश्वरी तथा कांदीवली में सड़क रोकने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। बांद्रा, माटुंगा और मुलुंड इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर मार्च निकाले और दुकानदारों से अपनी दुकानें बंद करने का अनुरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने पड़ोसी ठाणे जिले के वाग्ले एस्टेट इलाके में भी सरकारी परिवहन पर पथराव किया और घोड़बंदर रोड इलाके में टायर जलाये। लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया। तीन हाथ नाका जंक्शन सहित कई रास्ते बंद होने के कारण मुंबई जाने वाली सड़कों पर भयानक जाम लग गया।
नवी मुंबई के घनसोली इलाके में भी एक बस पर हमला होने की खबर है। घटना के बाद क्षेत्र में बस सेवा निलंबित कर दी गई है। पिछले शांतिपूर्ण प्रदर्शन के मुकाबले प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेनों को रोकने की कोशिश की।
गौरतलब है कि मुंबई क्षेत्र में करीब 70 लाख लोग रोज लोकल ट्रेनों से यात्रा करते हैं। बंद के कारण सड़कों पर टैक्सियों और ऑटो रक्शिा भी कम ही नजर आ रहे हैं। कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने मराठा समुदाय का कथित रूप से अपमान करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और लोक निर्माण मंत्री चन्द्रकांत पाटिल के खिलाफ नारेबाजी की।
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