Farmers Protest Live: कई किसान नेताओं पर एफआईआर दर्ज, दिल्ली पुलिस ने कहा- संगठनों ने वादा तोड़ा, उपद्रवियों पर कार्रवाई होगी
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने कई किसान नेताओं पर एफआईआर दर्ज किया है। हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
गाँव कनेक्शन 27 Jan 2021 6:46 AM GMT
गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसान संगठनों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर कई किसानों नेताओं पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर (FIR) दर्ज किया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के हवाले से बताया कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर अब तक 22 लोगों के खिलाफ मामजा दर्ज किया है जबकि हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
22 FIRs have been registered in connection with the violence during farmers' tractor rally yesterday: Delhi Police
— ANI (@ANI) January 27, 2021
घटना को लेकर किसान संगठनों का भी बयान आया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि लाल किले में जिसने भी हिंसा फैलाई, उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। वे लोग आंदोलन का हिस्सा नहीं थे। जिन्होंने बैरिकेड्स तोड़े, वे भी किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं थे।
Those who created violence and unfurled flags at Red Fort will have to pay for their deeds. For last two months, a conspiracy is going on against a particular community. This is not a movement of Sikhs, but farmers: Rakesh Tikait, Bharat Kisan Union https://t.co/aJxHcibvSl
— ANI (@ANI) January 27, 2021
वहीं किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता एसएस पंढेर ने कहा है कि किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए ट्रैक्टर परेड में कुछ शरारती तत्व घुस आये थे। लाल किले पर जो कुछ भी हुआ वह हमारे प्लान का हिस्सा नहीं था।
कई किसान नेताओं पर FIR
समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के हवाले से बताया है कि दिल्ली पुलिस ने किसान नेता दर्शन पाल सिंह, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह और जोगिंदर सिंह पर पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के लिए जारी एनओसी तोड़ने के लिए एफआईआर दर्ज किया है। FIR की कॉपी में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का भी नाम है।
FIR by Delhi Police mentions the names of farmer leaders Darshan Pal, Rajinder Singh, Balbir Singh Rajewal, Buta Singh Burjgil & Joginder Singh Ugraha for breach of NOC issued regarding farmers' tractor rally. FIR also mentions the name of BKU spox Rakesh Tikait: Delhi Police
— ANI (@ANI) January 27, 2021
आंदोलन से अलग दो किसान संगठन
26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने खुद और अपने संगठन को इस आंदोलन से अलग करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हम अपना आंदोलन यहीं खत्म करते हैं। वीएम सिंह ने कहा कि 'हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ विरोध को आगे नहीं बढ़ा सकते जिसकी दिशा कुछ और हो। इसलिए, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन वीएम सिंह और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति इस विरोध को तुरंत वापस ले रही है। हमारा संगठन इस आंदोलन से अलग है।
वहीं भारतीय किसान यूनियन (भानू गुट) ने भी खुद को इस आंदोलन से दूर कर लिया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भानू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने बताया कि चिल्ला बार्डर जो धरना करीब दो महीने से चला आ रहा है उसे खत्म किया जा रहा है। खत्म करने की घोषणा करने के दौरान भानु प्रताप सिंह ने 26 जनवरी को लालकिले पर हुई घटना की निंदा भी की।
किसानों ने समय से पहले निकाली रैली: दिल्ली पुलिस
हिंसा के बाद 27 जनवरी की शाम दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रैक्टर रैली 12 बजे से निकलनी थी लेकिन संगठनों ने सुबह 8.30 बजे से ही रैली शुरू कर दी। कुछ किसान नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिया और रैली में शरारती तत्वों को आगे कर दिया। सतनाम सिंह पन्नू भड़काऊ भाषण दिया। टिकरी बॉर्डर पर किसान नागलोई मेंं बैठ गये। वहां किसान नेता बूटा भी मौजूद रहे और आगे जाने से मना कर दिया। उन्होंने आगे जाने से मना कर दिया और हिंसी भी की।
उन्होंने आगे बताया कि कुल मिलाकर 394 पुलिसकर्मी इस हिंसा में घायल हुए। कई पुलिसकर्मी अभी अस्पताल में भर्ती हैं।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमने किसान नेताओं से सिक्योरिटी, मेडिकल सब्जी की सुविधा देने का हमने वादा किया था। सबसे पहले बोला गया कि 26 की जगह कोई और तारीख रख लें, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। किसान नेताओं ने दिल्ली में ही ट्रैक्टर मार्च निकालने की ठान ली थी। आखिरी मीटिंग में हमने 3 रूट दिए थे। संगठनों ने वादा तोड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि उपद्रवियों की पहचान अभी भी हो रही है और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
किसान मोर्चा ने कहा- तिरंगा देश की शान है
पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ देर बाद ही संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था। कुछ लोगों ने आंदोलन की छवि को खराब करने के लिए लाल किले की ओर कूच किया, जो कि हमारे परेड मार्ग का हिस्सा नहीं था।
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी आज 12 बजे #Singhu बॉर्डर पर करेगी प्रेस कांफ्रेंस, संयुक्त किसान मोर्चा ने #26JanDelhiTractorParade में हिंसा के लिए इस संगठन को ठहराया है जिम्मेदार,
— GaonConnection (@GaonConnection) January 28, 2021
कल मंच से @KissanMajdoor कमेटी ने क्या कहा देखिए
वीडियो @AShukkla #FarmerProtest #लाल_किला pic.twitter.com/DnyL0HRkFL
किसान नेताओं ने दीप सिद्धू और किसान मजदूर संघर्ष समिति का नाम लेते हुए कहा कि सरकार ने आंदोलन को खत्म करने के लिए किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब और दीप सिद्धू मिलकर साजिश की और इस घटना को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि तिरंगा और देश सबकी शान है और यह हमेशा रहेगा।
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