#MeToo यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर का इस्तीफा
एमजे अक़बर पर 16 महिलाओं ने लगाया था यौन उत्पीडन का आरोप, नरेंद्र मोदी कैबिनेट में विदेश राज्यमंत्री थे अकबर, जानिए क्या था पूरा मामला
Arvind Shukla 17 Oct 2018 11:42 AM GMT
लखनऊ/नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर MeToo कैंपेन के तहत यौन उत्पीडन का सामना कर रहे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर (MJ Akbar) ने इस्तीफा दे दिया। 16 महिलाओं ने अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। प्रधानमंत्री कार्यालय को इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि वो न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते रहेंगे।
अकबर पर लगे सभी मामले 10-15 साल पुराने हैं जब वो वरिष्ठ पत्रकार के तौर पर मीडिया जगत से जुड़े हए थे। अकबर पर पहला आरोप पत्रकार प्रिया रमानी ने लगाया था, अक़बर ने उनके खिलाफ मानहनि का केस दर्ज कराया है। ये केस आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दर्ज किया गया है।
एमजे अकबर पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर थे। वहीं पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री पर आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के समर्थन में 20 महिला पत्रकार सामने आई हैं। ये पत्रकार अकबर के साथ द एशियन एज में काम कर चुकी हैं। इन महिलाओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि अकबर के खिलाफ उनका भी पक्ष सुना जाए।
अकबर के खिलाफ आरोप लगाने वाली ज्यादातर महिलाएं मीडिया का हिस्सा रही हैं। दैनिक अख़बार 'टेलीग्राफ' और पत्रिका संडे के संस्थापक रहे अक़बर राजनीति में आने से पहले मीडिया की बड़ी हस्ती हुआ करते थे। 2014 में बीजेपी में शामिल होने और प्रवक्ता बनने से पहले वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बन चुके थे। मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद एमजे अकबर जुलाई 2016 से विदेश राज्यमंत्री हैं। मीटू पर लगातार जारी हंगामे और विरोध के चलते खुद मोदी कैबिनेट की कई मंत्रियों के वो निशाने पर थे।
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