Lockdown 2 : अभी भी सड़कों पर हैं प्रवासी मजदूर, रात में पैदल कर रहे सफ़र
लॉकडाउन के 32 दिन बीत चुके हैं और प्रवासी मजदूर अभी भी सड़कों पर हैं। आधी रात में भी वो पैदल सफ़र कर रहे हैं और वे सिर्फ अपने गांव, अपने घर जाना चाहते हैं।
Kushal Mishra 26 April 2020 12:11 PM GMT

लॉकडाउन के 32 दिन बीत चुके हैं और प्रवासी मजदूर अभी भी सड़कों पर हैं। आधी रात में भी वो पैदल सफ़र कर रहे हैं और वे सिर्फ अपने गांव, अपने घर जाना चाहते हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार ने 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सड़कों पर अब एक भी दिहाड़ी मजदूर नहीं है, मगर इन मजदूरों की ताजा तस्वीरें बताती हैं कि हालात अभी नियंत्रण में नहीं हैं।
ये मजदूर हाथों में गठरी, पानी की बोतल, कंधे पर अपने बच्चों को लाद कर अपने परिवार के साथ चुपचाप पैदल चल रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से अभी भी ये तस्वीरें सामने आ रही हैं।
राजस्थान की सीमा पर गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से आ रहे प्रवासी मजदूरों का क्रम अभी टूटा नहीं है। इनकी संख्या पहले जितनी भले ही न हो, मगर इनका आना अभी भी जारी है।
राजस्थान में प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सरकारी हेल्पलाइन नंबर पर काम कर रहे संतोष पुनिया 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "दूसरे लॉकडाउन के बाद पुलिस ने काफी हद तक कंट्रोल किया है, मगर कई प्रवासी मजदूर अब हाईवे से आने की बजाए गांव के रास्ते किनारे-किनारे पैदल चलकर पहुंच रहे हैं। भले ही पहले जितनी संख्या न हो, लेकिन अभी भी मजदूर अपने गांव जाने के लिए छोटी-छोटी टुकड़ियों में पहुंच रहे हैं।"
कोई सरकारी मदद न मिलने से लाचार हुए ये प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के पांचवें हफ्ते में अपने घरों की ओर जाने को हो रहे मजबूर। फोटो साभार : ट्विटर
पैदल अपने गांव लौटने से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज भी सामने आ रहे हैं। संतोष के मुताबिक राज्य में 25 अप्रैल को ही चार मरीज सामने आए हैं और ये सभी बाहर से पैदल चलकर अपने जिले पहुंचे थे।
संतोष बताते हैं, "इन चार संक्रमित मरीजों में तीन मुम्बई से और एक अहमदाबाद से लौटा था। ये सभी मजदूर राजस्थान के उदयपुर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर और राजसमंद जिले पहुंचे थे। बड़ी बात यह भी थी कि इससे पहले चित्तौड़गढ़ और राजसमंद जिले में कोई भी कोरोना पॉजिटिव मामला नहीं मिला था। इन मजदूरों के पहुंचने से इन दोनों जिलों में पहला मामला सामने आया।"
"स्थिति अभी भी डावांडोल है क्योंकि सरकार ने इन मजदूरों के लिए जो शेल्टर हाउस बनाए हैं, वहां से भी इनकी संख्या कम होने की बात सामने आई है," संतोष पुनिया बताते हैं।
दूसरे राज्यों से राजस्थान पहुँच रहे प्रवासी मजदूरों जैसी तस्वीरें मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रही है। मध्य प्रदेश के रीवा में 24 मार्च को 17 प्रवासी मजदूरों का एक समूह साइकिल से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर की ओर जाता तस्वीरों में कैद किया गया।
Madhya Pradesh: A group of 17 migrant workers travelling on bicycles in Rewa towards their homes in Durgapur, West Bengal amid lockdown. "We started our journey yesterday morning from Maihar in Satna & are expecting to reach our homes in next 6-7 days," says a migrant worker. pic.twitter.com/eQIT0xPleC
— ANI (@ANI) April 25, 2020
करीब 800 किलोमीटर लम्बे इस सफ़र के दौरान इनमें से एक प्रवासी मजदूर ने बताया, "हम लोगों ने सतना के मैहर से 23 मार्च को अपनी यात्रा शुरू की थी और हमें उम्मीद है कि हम सभी छह से सात दिनों में अपने घर पहुँच जाएंगे।"
लॉकडाउन के पांचवें हफ्ते में प्रवासी मजदूरों के पैदल अपने घर की ओर लौटने की तस्वीरें उत्तर प्रदेश में भी नज़र आती हैं। यूपी के रामपुर जिले में 24 मार्च की रात अँधेरे में सीतापुर, गोंडा, गोरखपुर, बस्ती और बहराइच की ओर पैदल जा रहे आठ प्रवासी मजदूर पुलिस की पकड़ में आये जिन्हें बाद में आश्रय स्थलों में क्वारंटाइन कर दिया गया। ये सभी मजदूर पानीपत से पैदल लौट रहे थे।
At 2.30 am, as we are stopped at multiple police barricades like this one for screening and checking, on National Highway 52 we find Migrant Walkers walking towards Madhya Pradesh. This is the dead of night. For anyone who says Migrants are not on the Road. pic.twitter.com/2oZjxExuQV
— barkha dutt (@BDUTT) April 25, 2020
इस बारे में एसडीएम ज्योति गौतम ने 'गाँव कनेक्शन' को बताया, "रात के अँधेरे का फायदा उठाकर ये प्रवासी मजदूर अपने जिलों में पहुँचने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस से बचने के लिए ये दूसरे रास्तों से आ रहे थे मगर ये सामने आ गए। फिलहाल हमने इन मजदूरों को इनके जिलों में पहुंचा कर आश्रय स्थलों में क्वारंटाइन किया है।"
एसडीएम ने बताया, "जिले की सभी सीमाएं पूरी तरह सील हैं। फिर भी प्रवासी मजदूर जिलों में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बारे में हम शासन को रिपोर्ट भेज रहे हैं।"
हालाँकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र की राज्य सरकारों ने अब दूसरे राज्यों में फँसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की तैयारी शुरू कर दी है। पहली कड़ी में 25 मार्च को हरियाणा में फँसे 2,224 मजदूरों को 82 बसों के जरिये उत्तर प्रदेश लाया गया। इन सभी मजदूरों को इनके जिलों में भेजने से पहले क्वारंटाइन कर दिया गया है।
2224 migrant workers from Haryana have arrived in the state today in 82 buses. They will be quarantined before being sent to their respective homes: Awanish K Awasthi, State Additional Chief Secretary (Home) pic.twitter.com/GXcZm9f9FO
— ANI UP (@ANINewsUP) April 25, 2020
हाल में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रवासी मजदूरों को लेकर बातचीत की। इस बैठक में प्रवासी मजदूरों की चरणबद्ध तरह से घर वापसी किये जाने का फैसले लिए गए। इसके बाद दूसरे राज्यों में फँसे प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत मिलने की संभावना दिख रही है।
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