दूध में घाटे से परेशान महाराष्ट्र के किसान सड़क पर
महाराष्ट्र के किसानों की नाराजगी के पीछे उनकी अनदेखी है। महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य गुजरात में दूध 29.60 प्रति लीटर खरीदा जाता है तो महाराष्ट्र में किसानों को सिर्फ 18.30 से लेकर 23 रुपए मिलते हैं।
Diti Bajpai 19 July 2018 1:35 PM GMT
लखनऊ। पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र के दूध किसान सड़कों पर हैं। महाराष्ट्र के किसान दूध की कीमतों में 5 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। महाराष्ट्र में दूध कीमत करीब 16 से 20 रुपए के बीच है, पिछले वर्ष भी दूध किसानों ने अपनी आवाज़ उठाई थी, सुनवाई न होने पर हजारों लीटर दूध फेंक दिया था।
महाराष्ट्र के किसानों की नाराजगी के पीछे उनकी अनदेखी है। महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य गुजरात में दूध 29.60 प्रति लीटर खरीदा जाता है तो महाराष्ट्र में किसानों को सिर्फ 18.30 से लेकर 23 रुपए मिलते हैं। जून 2018 की नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कॉपरेटिव सेक्टर पूरे देश में सबसे कम रेट महाराष्ट्र के किसानों के हैं। इतना ही नहीं महाराष्ट्र के दूध उद्योग और कारोबार पर निजी कारोबारी हावी हैं, जो रेट को आगे बढ़ने नहीं देते। निजी डेयरियों पर दूध 16 रुपए तक खरीदा जाता है। यही वजह है स्वाभिमानी शेतकारी संगठन की अगुवाई में हजारों किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। क्योंकि सरकार अपना वादा नहीं पूरा कर पाई। दूध आंदोलन का असर मुंबई के कई इलाकों में नजर आने भी लगा है। उधर किसानों ने न सिर्फ दूध को सड़कों पर फेंक, टैंकर फूंके बल्कि दूध से भैंसों को नहलाकर अपना विरोध जताया है।
प्रधानमंत्री मोदी का विपक्ष कोई पार्टी नहीं, अब किसान हैं
किसानों का आरोप है कि राज्य सरकार ने गाय के दूध पर 27 रुपये प्रति लीटर क़ीमत देने का एलान किया है, लेकिन किसानों को सिर्फ़ 17 से 20 रुपये ही मिलते हैं, जबकि बाज़ार में यही दूध 50 से 55 रुपये की क़ीमत में बेचा जाता है।किसानों का यह गुस्सा सड़कों पर इसीलिए दिखाई देने लगा है क्योंकि पिछले कई वर्षों से दूध के दामों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई। महाराष्ट्र ही नहीं, देश के कई राज्यों में किसानों को दूध के सही दाम न मिलने से कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर, पशुओं को खिलाने वाले उत्पादों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।महाराष्ट्र में एक लीटर ब्रांडेड पानी की कीमत 20 रुपए है, जबकि गाय का दूध इससे सस्ता बिक रहा है।
पानी से सस्ते दूध के खिलाफ महाराष्ट्र में दूध किसानों का आंदोलन तेज, ट्रक फूंका
वहीं हिमाचल में एक लीटर दूध 14 रुपए में किसानों से खरीदा जा रहा है। स्वाभीमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष और सांसद राजू शेट्टी ने कहा, किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को विस्तार दिया जाएगा।'"दूध के दाम पिछले कई वर्षों से नहीं बढ़े लेकिन किसानों को अब दिक्कत इसलिए आ रही है क्योंकि उत्पादन लागत बढ़ रही है। पहले कैटल फीड का 50 किग्रा का बैग 500 रुपए का था, वही अब 1000 रुपए में मिलता है।" महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के कुरूंदवाड के अमूल शंकर ने बताया, "एक गाय पर एक दिन मे 150 रुपए लागत लगती है, उसका एक लीटर दूध 14 रुपए में बिकता में है और लोगों तक 50 से 55 रुपए में जाता है। किसान हमेशा घाटे में रहता है और फायदा कोई और उठाता है।"
Washim: Workers of Swabhimani Shetkari Sangathna washed buffaloes with milk as a mark of protest. The organisation is demanding price hike for milk farmers. #Maharashtra pic.twitter.com/tdnClhA8V2
— ANI (@ANI) July 19, 2018
सुझाव देते हुए अमूल बताते हैं, "सरकार को पशु के इनपुट कॉस्ट में जो खर्चा आता है उसके हिसाब से ही रेट बढ़ाने चाहिए। इसके साथ ही पाउडर के सप्लाई को और बढ़ाना चाहिए।"पिछले 15 वर्षों से भारत विश्व का सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाला देश बना हुआ है। भारत में अभी सलाना 16 करोड़ (वर्ष 2016-2017) दूध का उत्पादन हो रहा है। भूमिहीन एवं सीमांत किसान के लिये डेयरी व्यवसाय उनके जीवनयापन का एक जरिया बन गया है। करीब 7 करोड़ ऐसे ग्रामीण किसान परिवार डेयरी से जुड़े हुए हैं। लेकिन दूध के सही दाम न मिलने से इस व्यवसाय से जुड़े किसानों को परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। दूध के दामों की घटती कीमतों के बारे में इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जीएस रोजोरिया ने गाँव कनेक्शन को बताया, "जब तक अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मिल्क पाउडर के दाम नहीं बढ़ेंगे, तब तक किसानों को समस्या होगी। प्राईवेट और कॉपरेटिव दोनों के पास अभी मिल्क पाउडर की उपलब्धता ज्यादा है। अभी 2 लाख टन मिल्क पाउडर पड़ा हुआ है। धीरे-धीरे कीमतों में सुधार आएगा।"
गाय का दूध 18-20 रुपए और भैंस का दूध 30-35 में किसान बेचा जा रहा है। शहरों में वही दूध 50 से 55 रुपए में बेचा जा रहा है। किसान को इससे कोई लाभ नहीं है, ऐसे ही रहा तो किसान डेयरी व्यवसाय ही बंद कर देगा।
- यशपाल, निहाल डेयरी, गंगानगर, राजस्थान
Washim: Workers of Swabhimani Shetkari Sangathna distributed milk to children as a mark of protest. The organisation is demanding price hike for milk farmers. #Maharashtra pic.twitter.com/uhG6vNBn1H
— ANI (@ANI) July 19, 2018
देश में दूध उत्पादन ज्यादा, लेकिन किसान परेशान
हाल में जारी यूनाईटेड स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका चीन को 52 प्रतिशत मिल्क पाउडर का निर्यात करता था, लेकिन व्यापार युद्ध के बाद चीन ने अमेरिका से आने वाले मिल्क पाउडर पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया। जानकारों का कहना है कि ऐसे में चीन मिल्क पाउडर की आपूर्ति के लिए अमेरिका के अलावा किसी दूसरे देश की तरफ देखेगा। भारत इस मौके का फायदा उठा सकता है और चीन दो लाख टन पाउडर को भारत को बेच सकता है।राजस्थान के गंगानगर जिले में पिछले कई वर्षों से यशपाल निहाल डेयरी चला रहे हैं। यशपाल बताते हैं, "गाय का दूध 18-20 रुपए और भैंस का दूध 30-35 में किसान बेचा जा रहा है। शहरों में वही दूध 50 से 55 रुपए में बेचा जा रहा है। किसान को इससे कोई लाभ नहीं है, ऐसे ही रहा तो किसान डेयरी व्यवसाय ही बंद कर देगा।"महाराष्ट्र में जारी दुग्ध उत्पादक किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में आई शिवसेना ने सामना में लिखा, "पिछले साल किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिये हड़ताल की थी, जो सरकार के लिए लज्जा की बात है। अब डेयरी किसानों के मौजूदा आंदोलन को दबाने के बजाय राज्य को यह सोचना चाहिए कि वह उन्हें कैसे राहत दे सकता है।" मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने किसानों को वार्ता के लिए बुलाया है लेकिन बात नहीं बन पाई है।
गाना सुनकर ज्यादा दूध देगी आपकी गाय
More Stories