देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 17 प्रतिशत परिवारों को ही घर में मिल रही पेयजल सुविधा

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देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 17 प्रतिशत परिवारों को ही घर में मिल रही पेयजल सुविधाdएश के कई इलाके अभी से पानी के संकट से जूझ रहे हैं 

नई दिल्ली (भाषा)। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 17 प्रतिशत परिवारों को घर में पेयजल की सुविधा मिल पा रही है, इसमें उत्तर प्रदेश के महज 0.53 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को पानी के कनेक्शन की सुविधा से जोड़ा जा सका है।

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस मामले में पश्चिम बंगाल और उड़ीसा का रिपोर्ट कार्ड भी चिंताजनक है। पेयजल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में ग्रामीण परिवारों को मिल रही पेयजल सुविधा के राज्यवार आंकड़े पेश करते हुएयह जानकारी दी।

मंत्रालय की एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईएमआईएस) के अनुसार, इस साल 27 मार्च तक 16.93 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को घरों के भीतर नल कनेक्शन द्वारा पेयजल सुविधा दी जा चुकी है। इस बारे में अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों से जुड़े परिवारों को मिल रही पेयजल सुविधा के सवाल पर जिगाजिनागी ने बताया कि मंत्रालय श्रेणीवार आंकड़े नहीं रखता है।

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आईएमआईएस के आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में सिर्फ 0.67 प्रतिशत, त्रिपुरा के 2.45 प्रतिशत और उड़ीसा के 3.73 प्रतिशत ग्रामीण परिवार पेयजल सुविधा से जुड़ गये हैं। इस मामले में बड़े राज्यों में सबसे बेहतर स्थिति गुजरात की है जहां 72.93 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को पेयजल सुविधा के लिये नल कनेक्शन से जोड़ दिया गया है। वहीं सिक्किम में 99.32 प्रतिशत परिवारों को नल के कनेक्शन से पेयजल की सुविधा मिल रही है।

इस दौरान उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों को घर में शौचालय की सुविधा के देशव्यापी आंकड़े पेश करते हुये बताया कि देश में डेढ़ करोड़ शहरी और 11 करोड़ ग्रामीण परिवार शौचालय की सुविधा से अभी भी वंचित हैं।

इनमें अनुसूचित जनजाति के 10 लाख 84 हजार 263 शहरी और एक करोड़ 69 लाख 61 हजार 708 ग्रामीण परिवारों के घरों में शौचालय की सुविधा है। जबकि अनुसूचित जाति के 38 लाख 53 हजार 59 शहरी परिवारों और दो करोड़ 53 लाख 98 हजार 732 ग्रामीण परिवारों को घर में शौचालय की सुविधा मुहैया करा दी गयी है। जिगाजिनागी ने बताया कि इस स्थिति को दुरुस्त करने के लिये मंत्रालय ने वर्ष 2017 से 2030 के लिये रणनीतिक लक्ष्य तय किया है। इसके तहत हर घर को पेयजल सुविधा से जोड़ने का लक्ष्य है।

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