बीएचयू शिव मामला: जिस बेटे को पढ़ाने के लिए खेत बेच दिया, घर गिरवी रखा वो पुलिस कस्टडी से 6 महीने से लापता है

बीएचयू में पढ़ने वाले छात्र शिव कुमार त्रिवेदी को छह महीने पहले पुलिस ले गई थी, वे तब से गायब हैं। बीएचयू तक का सफर उनके लिए आसान नहीं था। पिता ने खेत बेचकर, घर गिरवी रखकर पढ़ाया। उनका घर देखकर आप उनके संघर्ष का अंदाजा लगा सकते हैं। पिता को उम्मीद थी कि जब बेटे पढ़-लिखकर कमाने लगेंगे तो सब अच्छा हो जायेगा।

Mithilesh DharMithilesh Dhar   29 Aug 2020 2:00 PM GMT

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बीएचयू शिव मामला: जिस बेटे को पढ़ाने के लिए खेत बेच दिया, घर गिरवी रखा वो पुलिस कस्टडी से 6 महीने से लापता हैशिव कुमार त्रिवेदी का घर और बाहर बैठी उनकी दादी

छप्पर का घर, जिसमें दरवाजा भी नहीं है। बारिश होती है तो एक कमरे में पानी भर जाता है। दूसरे वाले कमरे में खाना बनता है। दादी और छोटा पोता उसी में सोते हैं। कोने में अखंड ज्योति जल रही है, बड़े पोते शिव के इंतजार में।

दादी की उम्र अब 85 साल हो गई है। कम सुनती हैं। उन्होंने फोन पर कहा, "शिव आ जाये एक बार, उसे देख लूं तो खुशी-खुशी मर जाऊंगी।" और ये कहते-कहते 85 साल की राजरानी का गला भर आता है।

मध्य प्रदेश के जिला पन्ना, पोस्ट बड़गढ़ी खुर्द के गांव ब्रजपुर में रहने वाली राजरानी बनारस हिंदू विश्विद्यालय के लापता छात्र शिव कुमार त्रिवेदी की दादी हैं। शिव बनारस के लंका चौकी से 13 फरवरी 2020 से गायब हैं। उनके पिता प्रदीप त्रिवेदी पिछले छह महीने से अपने बेटे को खोज रहे हैं और गांव में दादी अखंड ज्योति जलाकर इंतजार कर रही हैं। शिव के पिता 6 महीने से नंगे पैर बनारस की गलियां छान रहे हैं और पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं।

शिव का छोटा भाई इस समय गांव में ही है। उन्होंने फोन पर गांव कनेक्शन संवाददाता से दादी से बात करवाई और घर का फोटो भी भेजा।

"शिव और उमा 7-8 साल के थे, तब इनकी मां की मौत हो गई। तब से इन्हें मैं ही पाल रही हूं। प्रदीप किसी तरह मेहनत-मजदूरी करके घर चलाता है। उमा और शिव तो घर कभी-कभी ही आते हैं। बस मेरा शिव आ जाये।" यह कहते-कहते राजरानी फिर रोने लगती हैं।

जर्जर हो चुका है घर, छप्पर न दरवाजे, पढ़ाने के लिए घर तक गिरवी रखा

पन्ना स्थिति शिव का घर जर्जर हो चुका है। घर के मुख्य द्वारा पर दरवाजा तक नहीं है। टूटी-फूटी छप्पर होने के कारण बारिश होने पर घर में पानी भर जाता है। उमा शंकर गांव कनेक्शन को बताते हैं, "बारिश होने पर रोज घर से पानी निकालना पड़ता है। बड़ी मुश्किल से घर का खर्च चल पाता है। दादी और मैं यहां हूं और पापा तो बनारस में हैं, भैया को तलाश रहे हैं।"

घर के पिछे वाला हिस्सा पूरी तरह से टूट चुका है। छप्पर भी टूटे-फूटे हैं।

शिव के घर को देखकर यह अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि उन्हें और उनके भाई की पढ़ाई किन परिस्थियों में हुई है।

शिव का घर देखिये

इस बारे में शिव के पिता प्रदीप कुमार त्रिवेदी गांव कनेक्शन को बताते हैं, "बच्चे बचपन से ही पढ़ने में अच्छे थे। इसलिए मैंने कभी पैसों की चिंता नहीं की। इन्हें पढ़ाने के लिए सात एकड़ जमीन बेच दिया। खेती करते समय ट्रैक्टर की चपेट में आ गया था। बहुत चोट आई थी। इलाज में बहुत पैसा खर्च हो गया।"

शिव की पूरी कहानी उनके पिता की जुबानी

"जब सब कुछ खत्म हो गया तब घर भी गिरवी रखना पड़ा। राशन दुकान से जो राशन मिलता है, खर्च उसी से चलता है। सोचा था कि दोनों बेटे पढ़-लिखकर कमाने लगेंगे तो सब ठीक हो जायेगा, लेकिन पुलिस ने मेरे बड़े बेटे को गायब कर दिया। मैं क्या मुंह लेकर मां के सामने जाऊंगा।" प्रदीप आगे कहते हैं।

क्या है पूरा मामला

बनारस हिंदू विश्वद्यालय (बीएचयू) में बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी (24) 13 फरवरी 2020 से लापता हैं। शिव को 13 फरवरी की रात लंका पुलिस अपने साथ ले गई थी। तब से शिव के का कुछ भी पता नहीं है। शिव के पिता प्रदीप कुमार त्रिवेदी छह महीने से अपने बेटे को ढूंढ रहे हैं। इस पूरे मामले को समझने के लिए गांव कनेक्शन की विस्तृत रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं- काशी में 6 महीने से शिव को तलाश रहा बेसुध पिता, बीएचयू के छात्र को पुलिस ले गई थी, तब से लौटकर नहीं आया

इस पूरे मामले को समझने के लिए गांव कनेक्शन की विस्तृत रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं-

काशी में 6 महीने से शिव को तलाश रहा बेसुध पिता, बीएचयू के छात्र को पुलिस ले गई थी, तब से लौटकर नहीं आया

हाई कोर्ट पहुंचा मामला, वाराणसी पुलिस को फटकार

पिता प्रदीप के संघर्षों को देखने के बाद बीएचयू के छात्रों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई। बीएचयू के ही पूर्व छात्र और इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकील सौरभ तिवारी ने लेटर पेटिशन भेजकर जनहित याचिका के रूप में पूरे मामले को उच्च न्यायालय में सुनने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है और मामले की पहली सुनवाई 25 अगस्त हुई जिसमें वाराणसी को कड़ी फटकार लगी और कोर्ट ने एसएसपी को तलब किया।

पहली सुनवाई पूरी होने के बाद सौरभ तिवारी ने गांव कनेक्शन को बताया, "पहली सुनवाई में मामला हमारे पक्ष में गया। न्यायाधीश महोदय ने सरकारी वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि पूरा थाना लाइन हाजिर कर दूंगा और अगर जरूरी हुआ तो मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जायेगी।"

शिव कुमार त्रिवेदी की यह तस्वीर तब की है जब वे अपने हॉस्टल में थे।

मामले में अगली सुनवाई तीन सितंबर को होगी। एसएसपी वाराणसी को व्यक्तिगत शपथ पत्र (Personal Affidavit) के साथ कोर्ट के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।

"न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मुझे तो आश्चर्य हो रहा है कि छह महीने में हम एक छात्र को नहीं ढूंढ पाये। पुलिस ने एक 45 साल को मानसिक विक्षिप्त को लंका थाने में रखा है और उसे शिव बता रहे हैं जबकि पिता प्रदीप बता चुके हैं वह कोई और है। इसे भी संज्ञान लेते हुए न्यायाधीश ने कहा कि क्या आपने उसका डीएनए टेस्ट कराया है। फिंगर टेस्ट कराने के आदेश दिये हैं।" सौरभ आगे बताते हैं।

यह भी पढ़ें- पुलिस चौकी से BHU छात्र के गायब होने का मामला: हाई कोर्ट ने कहा- जरूरी हुआ तो CBI जांच होगी, पूरा थाना लाइन हाजिर करूंगा

  

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