मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए कुल 57 मंत्री, एक क्लिक में देखिए पूरी लिस्ट

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मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए कुल 57 मंत्री, एक क्लिक में देखिए पूरी लिस्ट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है। इसके साथ ही उनके दूसरे कार्यकाल में 24 कैबिनेट मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली जिसमें राजनाथ सिंह और अमित शाह के अलावा पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर शामिल हैं। मोदी मंत्रीमंडल में कुल 24 कैबिनेट मंत्रियों के अलावा 09 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 राज्य मंत्रियों को पद और गोपनियता की शपथ ली है। यहां देखें- मंत्रीमंडल में शामिल होने वाले सांसदों की पूरी सूची।

इन्‍होंने ली कैबि‍नेट मंत्री पद की शपथ...

- राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह पिछली सरकार में गृहमंत्री रहे राजनाथ सिंह को अनुभव के आधार पर दोबारा यह जिम्मेदारी दी गई है। राजनाथ सिंह पार्टी के ऐसे मजबूत स्तंभ हैं जिनकी पहचान कुशल प्रशासक और राजनीति के रूप में होती है।

-अमित शाह

अमित शाह संगठन के स्तर पर पांच साल में भाजपा को ऐतिहासिक ऊंचाई देने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अब नरेंद्र मोदी सरकार में दिख सकते हैं। शाह ने राजनीतिक यात्रा में कई उतार-चढ़ाव देखे। अपने संघर्षो की बदौलत शीर्ष मुकाम हासिल कर भाजपा को सिरमौर बनाया। वर्तमान लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और दक्षिण भारत में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए भाजपा अध्यक्ष शाह की सफल रणनीति को श्रेय दे रहे हैं

- नितिन गडकरी

भाजपा सरकार में परिवहन मंत्री के रूप में नितिन गडकरी ने नया आयाम स्‍थापित किया। नितिन गडकरी भाजपा के बड़े चेहरे और केंद्रीय मंत्री हैं। यहां उनकी छवि 'विकास पुरुष' की है। इनका नाम पार्टी के सबसे बेहतरीन परफॉरमेंस वाले नेताओं में गिना जाता है। सड़क निर्माण में अगर मोदी सरकार की वाहवाही होती है तो इसका बड़ा कारण नितिन गडकरी का बुनियादी ढांचे पर किए गए काम हैं।

- सदानंद गौड़ा

कर्नाटक में बीजेपी को फलने-फूलने से लेकर उसे सत्ता तक पहुंचाने में सदानंद गौड़ा का अहम रोल रहा है। कर्नाटक में जब बीजेपी की सरकार पर संकट के बादल छाए तो सदानंद गौड़ा संकटमोचक बनकर सामने आए और सरकार को बचा ले गए।

- निर्मला सीतारमण

नरेंद्र मोदी की नई सरकार में बीजेपी की वरिष्ठ नेता निर्मला सीतारमण को फिर से शामिल किया गया है। 2014 की मोदी सरकार में रक्षा मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण उन महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने राजनीति में बेहद कम समय में अपना अलग मुकाम हासिल किया है। रक्षा मंत्री के रूप में राफेल रक्षा सौदे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हमले का संसद से सड़क तक करारा जवाब दिया।

-राम विलास पासवान

लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया राम विलास पासवान एक बार फिर एनडीए सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गये हैं। लोकसभा चुनाव में इनकी पार्टी ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी पर जीत दर्ज की। इस शानदार प्रदर्शन इनाम मिला। पासवान ने 2000 में जनता दल यूनाइटेड (JDU) से अलग होकर अपनी पार्टी का गठन किया था।

- नरेंद्र सिंह तोमर

नरेंद्र सिंह तोमर, मध्यप्रदेश की राजनीति में काफी तेजी से उभरा ऐसा नाम, जिसने देखते ही देखते केंद्र की राजनीति में अपना कद इतना मजबूत कर लिया कि विरोधियों के लिए उन्हें नजरअंदाज कर पाना लगभग नामुमकिन सा हो गया।

- रविशंकर प्रसाद

रविशंकर प्रसाद पहले भी मोदी सरकार में कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। प्रसाद अपने कड़े तेवर के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। इन्‍होंने पटना साहेब से लोकसभा चुनाव जीता है। रविशंकर प्रसाद ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 26 मई 2014 को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में नियुक्त होने के बाद से भारत के दूरसंचार क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाई।

- हरसिमरत कौर बादल

केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्जकर कैबिनेट में स्‍थान बनाया है।

-थावर चंद गहलोत

लंबे समय तक संघ से जुड़े थावरचंद गहलोत को भी मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है। गहलोत इस समय भी सामाजिक न्याय मंत्री थे। थावरचंद राज्यसभा सांसद हैं और उत्तराखंड के प्रभारी भी हैं। वे पिछली बार राष्ट्रपति पद की दौड़ में भी शामिल थे।

-एस जयशंकर (पहली बार)

1977 बैच के आईएफएस अधिकारी एस. जयशंकर की विदेश मामलों में अच्छी पैठ है और वे काफी तेज-तर्रार अफसर माने जाते हैं। एस. जयशंकर को जनवरी 2015 में केंद्र सरकार ने विदेश सचिव बनाया था। डिप्लोमेट से राजनेता बने एस जयशंकर पहली बार में ही सीधे कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। डोकलाम विवाद से लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत की पैरवी तक एस जयशंकर की जबरदस्त भूमिका रही है।

- रमेश पोखरियाल 'निशंक' (पहली बार)

उत्तराखंड से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। पोखरियाल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। 17वीं लोकसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में उत्तराखंड में भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ परचम लहराया है। भाजपा को उत्‍तराखंड से पांचों सांसद मिले हैं।

-अर्जुन मुंडा

झारखंड के खूंटी लोकसभा से सांसद अर्जुन मुंडा को भी पद और गोपनियता की शपथ दिलाई गई है। पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि तीन बार मुख्यमंत्री रहे अर्जुन मुंडा को भी मोदी कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। लोकसभा चुनाव में झारखंड में एनडीए ने 12 सीटों पर कब्जा जमाया है। अर्जुन मुंडा इस बार महज 1445 वोटों से जीतकर संसद पहुंचे हैं।

- स्मृति ईरानी

ईरानी ने 2014 में भी राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गई थी। स्मृति ईरानी को 2014 में अमेठी सीट हारने के बावजूद मंत्री पद दिया गया था। वे करीब दो साल तक मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रही। एक विवाद के चलते उन्हें दो साल से पहले ही इस मंत्रालय से हटा दिया गया। इसके बाद उन्हें कम अहमियत वाला टेक्सटाइल मंत्रालय दे दिया गया। इस बार भाजपा खेमें में स्मृति ईरानी की जीत को खास तव्वजो दी जा रही है।

- डॉ हर्षवर्धन

मोदी सरकार में मंत्री रहे डॉ हर्षवर्धन को एक बार फिर मोदी सरकार ने कैबिनेट मंत्रिमंडल में जगह दी है। डॉ. हर्षवर्धन अपनी ईमानदार और विनम्र छवि की वजह से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की पसंद हैं।

-प्रकाश जावड़ेकर

वर्तमान सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के केंद्रीय प्रकाश जावड़ेकर को एक बार फिर मोदी सरकार की कैबिनेट में शामिल किया गया है। 2008 में महाराष्ट्र से चुनाव जीतने के बाद 2014 में मध्य से सांसद बने थे। जावड़ेकर राजस्थान के प्रभारी भी थे और उन्होंने वहां भाजपा को शानदार जीत दिलाई।

- पीयूष गोयल

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सबसे काबिल मंत्रियों में एक रहे। जिस मंत्रालय में मुश्किलें पेश आईं, गोयल को आगे किया गया और वो उसे पटरी पर ले आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में पीयूष गोयल की एंट्री भी राज्यमंत्री के रूप में ही हुई थी लेकिन जल्द ही उनकी तरक्की हो गई थी और वो रेल मंत्री बन गए थे। जेटली की बीमारी के दौरान बजट पेश किया था।

- धर्मेंद्र प्रधान

2014 की मोदी सरकार में पेट्रोलियम मंत्रालय का प्रभार संभालते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना को कामयाब बनाया था। जिसके तहत देश के गरीब परिवारों को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिए गए। साथ ही ओडिशा में बीजेपी को मिली जीत के पीछे भी इनका बड़ा हाथ माना जाता है।

-मुख्तार अब्बास नकवी

मुख्तार अब्बास नकवी बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं और भारत सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री भी हैं। इन्‍हें 2014 में भी मंत्री पद मिला था। नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे मुख्तार अब्बास नकवी ने देश के हज कोटे को बढ़वाने में अहम योगदान दिया।

-प्रह्लाद जोशी (पहली बार)

कर्नाटक के धारवाड़ से लगातार चार बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले प्रहालाद जोशी को भी मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है। प्रहलाद जोशी कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

-महेंद्र नाथ पांडे

उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और चंदौली सीट से सांसद महेंद्र नाथ पांडेय को दोबारा मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है। यूपी में राजनीतिक समीकरण को बैलेंस बनाए रखने के लिए को ब्राह्मण चेहरे के तौर महेंद्रनाथ को पार्टी की कमान दी गई थी

-अरविंद सावंत

68 वर्षीय अरविंद सांवत शिवसेना के सांसद हैं। इस लोकसभा चुनाव में उन्होंने मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट से कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा को 1,00,67 वोटो से हराया था। सावंत कभी एमटीएनएल में इंजीनिय थे।

-गिरिराज सिंह

भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह को एक बार फिर मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है। उन्होंने इस बार बिहार के बेगूसराय सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार कन्हैया कुमार को बड़ी शिकस्त दी। अपने बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले गिरीराज सिंह को इस बार भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

-गजेंद्र सिंह शेखावत

राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गढ़ कहे जाने वाले क्षेत्र में कांग्रेस का पटखनी देने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत को केंद्र में मंत्री पद का तोहफा मिला है।


राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

-संतोष गंगवार

बरेली से आठवीं बार सांसद चुने गये संतोष कुमार को मोदी सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। मोदी की पिछली सरकार में भी उन्हें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था, तब उन्हें श्रम और रोजगार मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

- राव इंद्रजीत सिंह

राव इंद्रजीत सिंह गुडगांव से जीत दर्जकर कैबिनेट में स्‍थान बनाया है।

- श्रीपद नाईक राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार)

उत्तरी गोवा के सांसद श्रीपद नाइक को भी मोदी मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है। नाइक पहले भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। नाइक ने उत्तरी गोवा लोकसभा सीट से कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंदी गिरीश चोडांकर को 80,247 मतों से हराया है। नाइक, अटल बिहार वाजपेयी नीत राजग सरकार में भी केंद्रीय राज्यमंत्री थे।

- डॉक्‍टर जितेंद्र सिंह

जम्मू-कश्मीर में भाजपा के बढ़िया प्रदर्शन में मतहत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डॉ. जितेंद्र सिंह को दोबारा मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है। उन्हें राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। 2014 में उन्होंने गुलाम नबी आजाद को हराया था, जबकि इस बार उन्होंने कांग्रेस के नेता डॉ कर्ण सिंह के बेटे विक्रमादित्य को साढ़े तीन लाख से ज्यदा वोटों से हराया था।

- किरण रिजिजू

अरुणाचंल पश्चिम सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाले किरण रिजिजू मोदी सरकार में खास हैं।

-प्रहलाद सिंह पटेल

मध्य प्रदेश के दमोह सीट से लोकसभा सांसद प्रहलाद पटेल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री बने थे। पेशे से अधिवक्ता प्रहलाद बालाघाट सीट से भी चुनाव जीत चुके हैं। उन्हें मोदी सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है।

-राजकुमार सिंह

जिलाधिकारी के रूप में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार कर सुर्खियां बटोरने वाले आरके सिंह ने अपने काम की बदौलत नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के मंत्रिपरिषद में भी जगह बना ली।

-हरदीप सिंह पूरी

पिछले मोदी कैबिनेट में शामिल पूर्व नौकरशाह हरदीप सिंह पुरी एक बार फिर से मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनने। पुरी को वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए शहरी और आवास मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया था।

-मनसुख लाल मंडाविया

मनसुख लाल मंडाविया संसद में साइकिल से पहुंचने के लिए पहचानेे जातेे है।

राज्य मंत्री

-फग्‍गन सिंह कुलस्‍ते

मध्य प्रदेश के ही मंडला लोकसभा सीट से छठी बार चुनाव जीते फग्गन सिंह कुलस्ते को बड़ा आदिवासी चेहरा माना जाता है। उन्होंने इस बार के चुनाव में कांग्रेस के कमल मरावी को 97 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। इन्हें भी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है।

-अश्‍वनी चौबे

बिहार के बक्सर से सांसद अश्विनी चौबे मोदी की पिछली सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री थे। वे बिहार सरकार में नगर विकास मंत्री, पीएचईडी मंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें भी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ दिलाई गई है।

-अर्जुन मेघवाल

अर्जुन मेघवाल बीकानेर से जीत दर्जकर कैबिनेट में स्‍थान बनाया है।

-जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह

दिल्ली से सटे गाजियाबाद से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए जनरल वीके सिंह मोदी सरकार में मंत्री बने।

- कृष्णपाल गुर्जर

दिल्ली से सटे हरियाणा की फरीदाबाद सीट से सांसद कृष्ण पाल गुर्जर जीत दर्जकर कैबिनेट में स्‍थान बनाया है।

-राव साहेब दानवे

महाराष्ट्र की जालना लोकसभा सीट से सांसद चुने गये रावसाहेब दादाराव को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के औताडे विलास केशवराव को 332815 वोटों के अंतर से हराया है।

-जी किशन रेड्डी (पहली बार)

तेलंगाना की सिंकदराबाद लोकसभा सीट से तलासानी साइकृष्णा को 62 हजार वोटों से अधिक के अंतर से हराने वाले बीजेपी सांसद किशन रेड्डी को पीएम मोदी कैबिनेट में जगह दी गई है।

- रामदास अठावले

रिपब्लिकन पार्टी के नेता रामदास अठावले को एक बार फिर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। अठावले पिछली सरकार में भी राज्य मंत्री थे।

-पुरुषोत्तम रुपाला

पुरुषोत्तम रुपाला 2014 के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल थे। राज्यसभा सांसद पुरुषोत्तम रुपाला पिछली सरकार में कृषि और पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री थे।

-साध्वी निरंजन ज्योति

उत्तर प्रदेश की फतेहपुर लोकसभा सीट से साध्वी निरंजन ज्योति ने दूसरी बार फतेह हासिल की है। 2014 में भी इन्‍हें राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद दिया गया था।

- बाबुल सुप्रियो

पश्चिम बंगाल में भाजपा की बढ़त दिलाने में अहम भूमिका बाबुल सुप्रियो का भी है। बाबुल पिछली मोदी कैबिनेट में भी मंत्री थे और इस बार भी सीट पक्‍की हो गई है।

- संजीव बालियान

राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह को शिकस्त देने का ईनाम मुजफ्फरनगर से दोबारा सांसद बने डॉ. संजीव बालियान को मिला है। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार में वह फिर से मंत्री बनेंगे।

-संजय धोत्रे

लगातार चौथी बार महारष्ट्र के अकोला से सांसद चुने गये संजय शामराव धोत्रे को भी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। अकोला को कॉटन सिटी के रूप में विकसित करने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है।

-अनुराग सिंह ठाकुर

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर सीट से लगातार चार बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर को मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिल है। इस बार वह भारी मतों के अंतर के साथ लगातार चौथी बार सांसद पहुंचे हैं।

-सुरेश अंगाड़ी (पहली बार)

सुरेश अंगाड़ी कर्नाटक में बीजेपी के दिग्गज नेता हैं। सुरेश अंगाड़ी को येदियुरप्पा का नजदीकी भी माना जाता है। बेलगाम लोकसभा सीट से वे 2004 से चुनाव जीतते आ रहे हैं।

-नित्यानंद राय

बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय को मोदी मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है। 2014 में पहली बार उजियारपुर सीट से सांसद चुने गये थे। 2019 में भी वे इसी सीट से सांसद चुने गये थे। इससे पहले वे विधायक भी रहे हैं। उन्हें राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।

- रतनलाल कटारिया (पहली बार)

अंबाला सुरक्षित सीट से जीते कटारिया हरियाणा राज्य मंत्रिमंडल में रह चुके हैं। अंबाला लोकसभा सीट से भाजपा ने रतन लाल कटारिया ने तीसरी बार दांव खेला था। तजुर्बे और पुराने चेहरे के चलते ही भाजपा ने सांसद रतनलाल कटारिया को अंबाला लोकसभा आरक्षित सीट से मैदान में उतारा गया था। इन्‍हें राज्‍य प्रभार मंत्री बनाया गया है।

-सोमप्रकाश (पहली बार)

पंजाब के होशियारपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गये रिटायर्ड आईएएस सोमप्रकाश मोदी सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं। इस बार उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी के रूप में कांग्रेस नेता डॉ. राजकुमार चब्बेवाल को 48530 वोटों के अंतर से हराया है।

-रेणुका सिंह

छत्तीसगढ़ में सरगुजा सीट से भाजपा सांसद रेणुका सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नई कैबिनेट में जगह मिली है। रेणुका दो बार 2003 से 2008 एवं 2008 से 2013 तक विधायक व प्रदेश में दो वर्ष के लिए मंत्री एवं सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष रही हैं।

- रामेश्वर तेली (पहली बार)

असम के सांसद रामेश्वर तेली पीएम मोदी की टीम शामिल हुए हैं।

-प्रताप चंद सारंगी

बीजेपी के टिकट पर बालासोर लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले सांसद प्रताप चंद्र सारंगी को राज्‍य मंत्री बनाया गया है। बीजेपी के टिकट पर 2004 और 2009 में विधानसभा चुनाव जीता था, तब भी वह उसी सादगी के साथ जीते रहे।

- कैलाश चौधरी (पहली बार)

राजस्थान की हॉट सीट रही बाड़मेर लोकसभा सीट से सांसद बने कैलाश चौधरी को मोदी की मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है। कैलाश चौधरी चुनाव जीतने के बाद काफी चर्चा में थे क्योंकि पांच महीने पहले ही वे राजस्थान विधानसभा चुनाव में हार गये थे। उन्होंने भाजपा के संस्थापक रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को हराकर सांसद बने। वे एक बार विधायक भी रह चुके हैं।

-देबोश्री चौधरी (पहली बार)

पश्चिम बंगाल की रायगंज लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वालीं देबाश्री चौधरी को भी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। देबाश्री चौधरी ने चुनाव में सीपीएम के मोहम्मद सलीम और मौजूदा विधायक, कांग्रेस की दीपा दासमुंशी के बीच टक्कर में जीत हासिल की हैं।

मोदी कैबिनेट में इस राज्‍य से आए मंत्री...

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