‘मोदी की फसल बीमा योजना से इंश्योरेंस कंपनियों को 10,000 करोड़ का लाभ’
गाँव कनेक्शन 24 July 2017 7:52 AM GMT

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस फसल बीमा योजना को किसानों के लिए उठाया गया सबसे क्रांतिकारी कदम बताया उसने बीमा कंपनियों को कैसे मालामाल कर दिया इसका खुलासा सेंटर फोर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) ने किया है। रिपोर्ट के अनुसार देश में कृषि संकट के बीच प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अनुबंधित कंपनियों ने 10 हजार करोड़ रुपये का लाभ कमाया।
रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल, 2017 तक बीमा कंपनियों ने कुल दावों में से केवल एक-तिहाई (33 फीसदी) का ही निपटारा किया है। सीएसई की माने तो किसानों ने कुल 5,962 करोड़ रुपये का दावा किया था। बताया जाता है कि कंपनियों ने प्रीमियम के रूप में किसानों और सरकारों से कुल 15,891 करोड़ रुपये हासिल किए।
मध्यप्रदेश के आम किसान यूनियन के नेता केदार सिरोही कहते हैं, "सरकार को खेती की पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना होगा। कृषि नीति में जो भी बदलाव होने चाहिए वो भी किसानों के साथ होनी चाहिए।"
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किसानों के लिए मजबूरी बनी यह योजना
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों की माने तो इस योजना के कुल 5.39 करोड़ लाभार्थियों में से 80 फीसदी किसानों पर कर्ज का बोझ है। योजना के प्रावधानों के मुताबिक इनके लिए फसल बीमा लेना अनिवार्य किया गया है। बताया जाता है कि बिना मजबूरी के केवल 1.25 करोड़ (20 फीसदी) किसानों ने इस योजना के प्रति अपनी रुचि जाहिर की है।
बीते वर्ष कुल 5.39 करोड़ किसानों ने अपने फसलों का बीमा करवाया इसमें खरीफ सीजन में 3.86 करोड़ जबकि जबी सीजन में 1.53 करोड़ किसानों ने योजना का लाभ उठाया।इन कुल 5.39 करोड़ किसानों में से 4.08 किसान ऐसे हैं जिन्होंने पहले ही लोन लिया हुआ है। केंद्र सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत साल 2016 में खरीफ की फसल के साथ की थी।
गौरतलब है कि इस योजना के लिये 8,800 करोड़ रुपयों को खर्च किया जायेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत, किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित, खरीफ की फसल के लिये 2% प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करेगा।
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इसमें प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के खिलाफ किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली बीमा की किस्तों को बहुत नीचा रखा गया है, जिनका प्रत्येक स्तर का किसान आसानी से भुगतान कर सके। ये योजना न केवल खरीफ और रबी की फसलों को बल्कि वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी सुरक्षा प्रदान करती है, वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिये किसानों को 5% प्रीमियम (किस्त) का भुगतान करना होगा।
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