मोदी सरकार किसानों को देगी एक और झटका, बढ़ेंगी ट्रैक्टर की कीमतें
Karan Pal Singh 22 Oct 2017 12:27 PM GMT
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने ट्रैक्टर को नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल की कैटेगिरी से बाहर करने का निर्णय लिया है। मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट ने इस संबंध में ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। एक वेबसाइट के अनुसार एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे जहां ट्रैक्टर की कीमत बढ़ जाएगी, वहीं ट्रैक्टर मालिकों पर टैक्स का बोझ भी बढ़ जाएगा।
अब तक ट्रैक्टर को फार्मिंग इक्विपमेंट माना जाता है और खरीदते वक्त ट्रैक्टर पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है, लेकिन अब इन्हें टेम्पो, ट्रक की कैटेगिरी में डाला जाता है तो उस पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। इससे ट्रैक्टर 16 फीसदी महंगे हो सकते हैं।
क्या है ड्राफ्ट नोटिफिकेशन
मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट ने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 में संशोधन किया जा रहा है और नया रूल सेंट्रल मोटर व्हीकल (अमेंडमेंट) रूल्स 2017 के नाम से जाना जाएगा। रूल्स्ा 1989 के मुताबिक एग्रीकल्चर ट्रैक्टर को एक नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल माना जाता है। लेकिन नए रूल्स में संशोधन करते हुए कहा गया है कि इस लाइन को हटा दिया जाए। यानी कि एग्रीकल्चर ट्रैक्टर को नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल की कैटेगिरी से हटा दिया जाए। यानी कि एग्रीकल्चर ट्रैक्टर को नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल की कैटेगिरी से हटा दिया जाए। मिनिस्ट्री ने इस अमेंडमेंट को लेकर लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं, जो 27 अक्टूबर से पहले मिनिस्ट्री को भेजनी होगी।
ट्रक व टैम्पो मालिकों ने उठाई मांग
दी इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के सीनियर फेलो एसपी सिंह ने बताया कि दरअसल छोटे ट्रक व टैम्पो मालिकों की यह शिकायत रही है कि ट्रैक्टर मालिक ट्रॉली लगाकर सामान की ढुलाई करते हैं, जिससे उनका कारोबार प्रभावित होता है। ट्रक व टैम्पो मालिकों ने अपने-अपने राज्यों की सरकारों से यह शिकायत की तो राज्यों ने केंद्र के समक्ष यह मांग उठाई। संभव है कि राज्यों की मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया हो। इससे अब ट्रैक्टर मालिक एग्रीकल्चर के नाम पर मिल रही छूट का फायदा नहीं उठा पाएंगे और उन्हें भी कॉमर्शियल व्हीकल के तौर पर ट्रीट किया जाएगा।
महंगे हो जाएंगे ट्रैक्टर
एसपी सिंह ने बताया कि अब तक ट्रैक्टर को फार्मिंग इक्विपमेंट माना जाता है और खरीदते वक्त ट्रैक्टर पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है, लेकिन अब इन्हें टैम्पो, ट्रक की कैटेगिरी में डाला जाता है तो उस पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। इससे ट्रैक्टर महंगे हो सकते हैं।
पड़ेगा टैक्स का बोझ
एसपी सिंह के मुताबिक, अब तक ट्रैक्टर पर रोड टैक्स में भी छूट है, लेकिन ट्रांसपोर्ट व्हीकल की कैटेगिरी में आने के बाद ट्रैक्टर मालिकों से भी रोड टैक्स वसूला जाएगा। इससे उन पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा।
खेती जमीन घटी पर बढ़ी ट्रैक्टर डिमांड
एसपी सिंह ने कहा कि जब भी आंकड़े सामने आते हैं तो पता चलता है कि फार्म लैंड तो घट रही है, लेकिन ट्रैक्टर की खरीददारी बढ़ रही है। इसकी बड़ी वजह यही है कि लगभग हर राज्य में ट्रैक्टर का कॉमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है। कंस्ट्रक्शन सेक्टर में सामान की ढुलाई में ट्रैक्टर ट्रॉली का लगातार इस्तेमाल होता रहा है। सिंह ने कहा कि हालांकि जो लोग ट्रैक्टर ट्रॉली का कॉमर्शियल इस्तेमाल करते हैं और अगर वे टैक्स देना चाहते है तो उनके लिए सरकार का यह फैसला राहत देगा, क्योंकि उन्हें पुलिस और प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी बहुत परेशान करते हैं।
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