Monsoon: 8 दिन की देरी से मानसून पहुंचा केरल, किसानों के लिए राहत

भारतीय किसानों के लिए बड़ी खबर आ गई कि मानसून (Monsoon) केरल तट पर पहुंच गया है। इसके बाद से राज्‍य के तटीय इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। इस बारिश से लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिलेगी। वहीं किसान को इस बारिश का इंतजार कई दिनों से था। वही इससे पहले यूपी में गुरूवार रात आई आधी-तूफान ने बड़ी तबाही मचाई थी, जिसमें अलग-अलग जिलों के 19 लोगों की मौत हो गई थी।

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Monsoon: 8 दिन की देरी से मानसून पहुंचा केरल, किसानों के लिए राहत

लखनऊ। भारतीय किसानों के लिए बड़ी खबर आ गई कि मानसून (Monsoon) केरल तट पर पहुंच गया है। इसके बाद से राज्‍य के तटीय इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। इस बारिश से लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिलेगी। वहीं किसान को इस बारिश का इंतजार कई दिनों से था। वही इससे पहले यूपी में गुरूवार रात आई आधी-तूफान ने बड़ी तबाही मचाई थी, जिसमें अलग-अलग जिलों के 19 लोगों की मौत हो गई थी।

मौसम विभाग के नवनियुक्त महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने मानसून के पूर्वानुमान के मुताबिक आठ जून को केरल तट पर पहुंचने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि केरल के तटीय इलाकों में अच्छी मात्रा में मानसून की पहली बारिश दर्ज की गई। विभाग ने पिछले महीने दक्षिण पश्चिमी मानसून के केरल तट पर छह जून को पहुंचने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था लेकिन हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने में देरी के कारण मानसून की आमद में दो दिन का विलंब हो गया।

केरल तट पर मानसून की दस्तक के साथ ही, भीषण गर्मी से झुलस रहे उत्तरी और मध्य भारत के मैदानी क्षेत्रों तथा दक्षिणी राज्यों में तापमान में गिरावट आने की भी उम्मीद जगी है। मैदानी इलाकों में इन दिनों अधिकतम तापमान 40 से 45 डि‍ग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। वहीं, राजस्थान के चुरू और आसपास के इलाकों में पारा 50 डि‍ग्री सेल्सियस का स्तर पार कर गया है।



मौसम विभाग ने उत्तरी क्षेत्रों में जून के अंतिम और जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून पहुचंने की संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्‍ली में पूर्वानुमान से तकरीबन दो- तीन दिन की देरी से मानसून 29 जून को पहुंच सकता है। हालांकि निजी क्षेत्र की एजेंसी स्काईमेट ने इसमें एक सप्ताह तक की देरी का अनुमान व्यक्त किया है। मौसम विभाग ने दि‍ल्ली और उत्तर पश्चिमी इलाकों सहित लगभग पूरे देश में मानसून की सामान्य बारिश होने की संभावना जताई है।

भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार को मानसून केरल पहुंचने की संभावना जताई थी। आमतौर पर 1 जून को मानसून आ जाता है लेकिन इस बार मानसून 8 दिन की देरी से चल रहा था। जानकारी के लिए बता दें कि केरल में इसकी शुरुआत होने के साथ ही सात दिनों के भीतर मानसून महाराष्ट्र और मध्य भारत के अन्य हिस्सों में पहुंच जाता है।



मौसम विभाग ने मंगलवार को बताया था कि मानसून की दस्तक 6-7 जून के बजाय 7-8 जून को हो सकती है। मौसम संबंधी भवि‍ष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काईमेट ने भी शनिवार को अपने पूर्वानुमान को संशोधित करते मानसून के आने की तिथि को आठ जून कर दिया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 9-11 जून तक राज्य के कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। पिछले साल, अगस्त में केरल में सबसे भयानक बाढ़ आई थी, जिसमें 350 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।

बुवाई पर लगी थी रोक...

मानसून में देरी होने के कारण महाराष्ट्र के कृषि विभाग ने किसानों को अपने बुवाई कार्यों में देरी करने की सलाह दी थी क्योंकि राज्य में मानसून देरी से आने की संभावना जताई गई थी। यदि मानसून की शुरुआत जून के दूसरे सप्ताह में नहीं आती तो उड़द और मूंग की फसलें प्रभावित होने की पूरी संभावना थी। ऐसा इसलिए क्योंकि किसान तब तक बुवाई का काम सामान्य रूप से खत्‍म कर लेते हैं।

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महाराष्ट्र में किसानों के लिए खरीफ फसल सोयाबीन, अरहर, गेहूं, मूंग, उड़द और कपास के लिए यह प्रमुख मौसम है। इनमें से मूंग और उड़द की बुवाई जल्दी होती है, किसानों के पास कम अवधि की फसलें होती हैं जिसकी आमतौर पर जून में बुवाई होती। इस फसल की तीन महीने बाद कटाई होती है। यदि मानसून में देरी होती है, तो फसलों की बुवाई प्रभावित होती है।

वहीं गुरूवार देर रात उत्तर-प्रदेश के विभन्नि हिस्‍सों में आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली गिरने से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। इसके 48 लोगों के घायल होने की खबर है। प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि मैनपुरी में सबसे अधिक छह मौतें हुईं। एटा और कासगंज में तीन-तीन लोगों के मरने की खबर है।


  

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