उत्तर प्रदेश: 90 % लोग किसी न किसी तनाव से ग्रसित, बीमारियां प्रमुख वजह

UP medical problems: जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय के मनोचिकित्‍सा विभाग और यूपी हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथिंग प्रोजेक्ट द्वारा किये गये सर्वेक्षण में यह बात निकलकर आई

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   21 Oct 2019 7:53 AM GMT

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 90 प्रतिशत लोग किसी न किसी तनाव से ग्रसित हैं। इसमें से 45 प्रतिशत के तनाव का कारण विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होना है। यह चौंकाने वाले आंकड़े किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय के मनोचिकित्‍सा विभाग और यूपी हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथिंग प्रोजेक्ट द्वारा यूपी के चार जिलों में किये गये सर्वेक्षण में सामने आये हैं।

किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय के मनोचिकित्‍सा विभाग के अध्यक्ष प्रो. पीके दलाल ने बताया, "केजीएमयू के मनोचिकित्सा विभाग ने यूपी के चार जिलों महराजगंज, लखीमपुर खिरी, झांसी और मुजफ्फनगर में 12000 लोगों से सवाल किए। इसमें ग्रामीण और शहरी बराबर संख्या में शामिल थे। सर्वे में लोगों से जीवनशैली और बीमारियों से संबंधित प्रश्न पूछे गए थे।

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"सर्वे के बाद आई रिपोर्ट के अनुसार 90 प्रतिशत से ज्‍यादा लोग किसी न किसी प्रकार के तनाव के शिकार हैं। आर्थिक, पारिवारिक और स्वास्थ्य तनाव के प्रमुख कारक हैं। किशोरों में तनाव का मुख्‍य कारण उनकी पढ़ाई है। सर्वे में 13 से 75 वर्ष के लोगों को शामिल किया गया था। " पीके दलाल आगे बताते हैं।

अध्‍ययन में पाया गया कि हर पांचवां व्‍यक्ति लंबे समय से चली आ रही किसी न किसी बीमारी से ग्रस्‍त है। इनमें ज्‍यादातर को उच्‍च रक्‍तचाप या खून की कमी की शिकायत है। ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर लोग खून की कमी, सांस से जुड़ी, ह्दयाघात और कैंसर जैसी बीमारियों की चपेट में हैं। वहीं शहरी लोग हाइपर टेंशन, मोटापा, मधुमेह, किडनी और आंत से जुड़ी हुई बीमारियों से ग्रसित हैं।

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सर्वेक्षण में पाया गया कि नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों में 27.6 प्रतिशत लोग चबाये जाने वाली तम्‍बाकू, 10.6 प्रतिशत लोग धूम्रपान, 10.3 प्रतिशत लोग शराब, 0.6 फीसदी भांग या उसके प्रकार, 0.11 प्रतिशत अफीम का सेवन करने वाले पाये गये। एक तिहाई से भी कम लोग खाली समय में शा‍रीरिक गतिविधियों में लिप्‍त रहते हैं, ऐसे में जीवन शैली से संबंधित विकारों का खतरा बढ़ सकता है।


तनाव क्या होता है इस बारे में प्रो. दलाल ने बताया, "जब मानव मस्तिष्क को पूरी तरह से आराम नहीं मिलता, हर वक्त दबाव में रहता है तो समझिए आप तनाव से ग्रस्त हैं। चिकित्सकीय भाषा में कहा जाए तो शरीर के होमियोस्टेसिस में गड़बड़ी को तनाव कहा जाता है। यह वह अवस्था है जो किसी व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक कार्यप्रणाली को गड़बड़ कर देती है। तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोन्स का स्तर बढ़ता जाता है, जिनमें एड्रीनलीन और कार्टिसोल प्रमुख हैं। लगातार तनाव की स्थिति अवसाद में बदल जाती है।"

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तनाव से कैसे निपटें

रोज सुबह एक घंटे कसरत करें

संतुलित और पोषक भोजन करें

परिवार के साथ वक्त बिताएं

रोज 6 से 8 घंटे की गहरी नींद लें

हर वक्त सकारात्मक सोचें

धूम्रपान और शराब का सेवन न करें

कम खाने की आदत न बनाएं

"कई शोधों से पता चल चुका है कि 70 प्रतिशत शारीरिक बीमारियां मानसिक बीमारियों का कारण होती हैं और मानसिक बीमारी तब होती है जब आप तनाव में होते हैं। जब आपके ऊपर दबाव नहीं होगा तो आपका शरीर भी आपका साथ देगा तो जितना ज्यादा आप मानसिक रूप से स्वस्थ्य होंगे उतना ही शारीरिक रूप से भी स्वस्थ्य होंगे।" प्रो. दलाल ने आगे बताया।

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