मुजफ्फरपुर रेप कांड : स्वाति जयहिंद ने सीएम नीतीश कुमार को लिखा खत, बिहार सरकार पर उठाए कई गंभीर सवाल
स्वाति ने नीतीश सरकार पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। स्वाती ने लिखा है, अगर उन 34 लड़कियों में से एक भी आपकी बेटी होती तो भी आप किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेते? स्वाति ने बच्चियों को न्याय दिलाने की मांग की है।
गाँव कनेक्शन 4 Aug 2018 9:29 AM GMT
बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ हुई रेप की घटना के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को एक खत लिखा है। इस खत के माध्यम से स्वाति ने नीतीश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। स्वाती ने लिखा है, अगर उन 34 लड़कियों में से एक भी आपकी बेटी होती तो भी आप किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेते? स्वाति ने बच्चियों को न्याय दिलाने की मांग की है। आपभी पढ़िए आखिर क्या लिखा है इस खत में......................
Muzaffarpur shelter home case: Delhi Commission for Women (DCW) chief Swati Jaihind writes letter to Bihar Chief Minister Nitish Kumar asking what steps are being taken by the Bihar government in interest of the girls of the shelter home pic.twitter.com/bjI7YGjeve
— ANI (@ANI) August 4, 2018
नीतीश कुमार जी,
सर, आज फिर मैं रात में ठीक से सो नहीं पाई। मुजफ्फरपुर के बालिका गृह की बेटियों की चीखें मुझे पिछले कई दिनों से सोने नहीं देती। उनके दर्द के सामने पूरे देश का सर शर्म से झुक गया है। मैं चाह कर भी उस दर्द को अपने आपसे अलग नहीं कर पा रही हूं और इसलिए आपको यह पत्र लिख रही हूं। मैं जानती हूं बिहार मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं आता, पर देश की एक महिला होने के नाते मैं पत्र लिख रही हूं। आशा है आप मेरा यह पत्र जरूर पढ़ेंगे।
मुजफ्फरपुर के बालिका गृह की कहानी शायद इस दुनिया की सबसे भयानक कहानियों में से एक है। यहां कम से कम 34 लड़कियों के साथ बार– बार रेप किया गया और कुछ का मर्डर करके बालिका गृह में ही दफना दिया गया। लड़कियां सिर्फ 7 से 14 साल की थीं और अधिकतर अनाथ थीं। उन्होंने बताया है किस तरह एनजीओ का मालिक बृजेश ठाकुर का नाम का हैवान एवं कई अफसर और नेता रोज रात में आके उनके साथ रेप करते थे। बृजेश ठाकुर को वो हंटरवाला अंकल कहती थी जो हर रात लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाता था। छोटी सी 10 साल की मासूम ने बताया, कैसे उसे ड्रग्स देकर रोज रात बृजेश ठाकुर उसके साथ रेप करता था। लड़कियां गृह में रात होते ही कांपने लग जाती थीं क्योंकि उन्हें पता था कि उनके साथ रात में अत्याचार होगा।
इस बालिका गृह की ये भयावय स्थिति अप्रैल 2018 में एक TISS की रिपोर्ट में उजागर हुई । पर सर मुझे बहुत दुख है कि आपकी सरकार नें 3 महीने तक इस रिपोर्ट पर कोई एक्शन नहीं लिया, बल्कि ब्रजेश ठाकुर नाम के हैवान के एनजीओ को और प्रोजेक्ट दे दिए। जब मीडिया द्वारा ये पूरी घटना सामने आई तब भी आप कोई कड़ा निर्णय लेते हुए नहीं नजर आये। बस जब आपने बहुत दबाव महसूस किया तो मामला सीबीआई को सौंप के अपना पिंड छुड़ाया। आपकी सरकार के एक भी मंत्री या सन्तरी पर अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ।
इसका नतीजा है कि जब ब्रजेश ठाकुर मीडिया के दबाव में कई दिन बाद अरेस्ट हुआ तो उसके चेहरे पर बहुत बड़ी मुस्कुराहट थी। वो एक बड़ा बिल्डर है और उसके चेहरे की हंसी उसके पॅालिटिकल रसूख को दर्शाती है कि यह खोखला सिस्टम उसका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा।
सर आपकी कोई बेटी नहीं है पर मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि अगर उन 34 लड़कियों में से एक भी आपकी बेटी होती तो भी आप किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेते? आपको इस एक कर्म से आपने इस देश की करोड़ों महिलायों और बच्चियों में अपनी इज्जत खोई है। मैं बार–बार ये सोच के परेशान हो रही हूं कि उन लड़कियों का अब क्या हाल है। जिस सरकार द्वारा उन्हें न्याय नहीं मिला, क्या वह सरकार उनका अब ख्याल रखने में सक्षम है? क्या वो लड़कियां अभी भी किसी बालिका गृह में घुट रही हैं या कम से कम अब उनके बेहतर भविष्य के लिए कोई कार्य हो रहा है। क्या उनको एक अच्छे स्कूल भेजा जाना शुरू हो गया है ? क्या उनके खाने-पीने, खेलने-कूदने के बेहतर प्रबन्धन हुए हैं ? क्या उनको अपने भयानक कल से लड़ने के लिए मनोचिकित्सक की मदद दी जा रही है ? क्या उनका स्वास्थ अब बेहतर है ? क्या उनके आस –पास का वातावरण अब सुरक्षित और खुशहाल है। क्या उनको अपने बयान बदलने के लिए कोई दबाव तो नही बना रहा?
ये सवाल मेरे जेहन में बार- बार घूम रहे हैं। मैं आपसे गुजारिश करना चाहूंगी कि आप यह बताए कि बिहार सरकार इन लड़कियों के हित में क्या कदम उठा रही है। उन लड़कियों बेहतर कल के लिए और मेरा पूरा आयोग अपनी जान लगाने के लिए तैयार है और हर मदद को लिए तत्पर है। देश में हम जैसे लाखों बच्चियों की मदद करना चाहते हैं।
सर, 2008 में कोसी में बाढ आई थी। मैं बाढ राहत के काम के लिए अकेले बिहार आयी थी और कई महीने तक दूर दराज के जिले में रहकर महिलाओं की मदद की थी। तब आपके अच्छे काम के बारे में काफी सुना था। इन बच्चियों को अगर आप अपनी बच्चियां मान लें उनकें दोषियों के खिलाफ एक्शन लें और उन लड़कियों के हित में अपनी पूरी ऊर्जा लगा दें तो शायद आज इस कलंक से आप थोड़ा बच पाएं।
मैं आपके जवाब का तत्परता से इंतजार करुंगी ।
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