इन एमपी साहब के विरोध जताने का तरीका है थोड़ा अतरंगी-सतरंगी

Alok Singh BhadouriaAlok Singh Bhadouria   19 March 2018 6:49 PM GMT

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इन एमपी साहब के विरोध जताने का तरीका है थोड़ा अतरंगी-सतरंगीशिवप्रसाद महिला के वेश में संसद पहुंचे तो रेणुका चौधरी ने उनका समर्थन किया

दिल्ली की सर्दी तो मशहूर है ही गर्मी भी कुछ कम नहीं है। ऐसा लगता है कि मौसम के तेवर को दिल्ली के राजनीतिक गलियारों की गर्मागरम बहस और तपा देती है। फिर भी भारतीय राजनीति में कुछ ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनका विरोध करने का तरीका चैत्र में भी फागुन की फुहार जैसा लगता है। ऐसे ही हैं तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद एन. शिवप्रसाद जो भारतीय संविधान में मिली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अक्सर नई ऊंचाइयों तक ले जाते हैं।

सोमवार को शिवप्रसाद अपने दल के साथियों के साथ संसद पहुंचे। वे आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे थे और मोदी सरकार के रवैये के प्रति अपनी नाराजगी जता रहे थे। अलग बात बस यही थी कि 66 साल के सांसद महिला के वेष में सिल्क की साड़ी, बालों में गजरा और गले में मंगलसूत्र डालकर आए थे। कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने उनका समर्थन किया। उन्होंने यह रूप क्यों धरा यह पता नहीं शायद उनका तर्क होगा कि राज्य को महिलाओं की तरह विशेष अधिकार दिए जाएं।

पिछली बार इसी बजट सत्र में वे मछुआरे के वेश में मछली पकड़ने वाला जाल लेकर संसद पहुंचे थे, उनका कहना था कि मोदी संसद में नहीं रहते विदेश में घूमते रहते हैं मैं इस जाल में उन्हें पकड़ने आया हूं। 2016 में वह सुदामा बनकर संसद में एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए। इस बार उनका कहना था कि मैं गरीब सुदामा अपने मित्र भगवान कृष्ण यानि नरेंद्र मोदी से मिलकर मदद की गुहार लगाने आया हूं।

शिवप्रसाद कृष्ण, सुदामा, सरदार पटेल, सेंटा क्लॉज, महात्मा गांधी जैसे ढेरों वेश धर चुके हैं।

संसद के उनके साथी उनके अलग-अलग रुप धरने की विधा से बड़े आनंदित होते हैं। शिवप्रसाद इसके अलावा कृष्ण, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सेंटा क्लॉज, महात्मा गांधी जैसे ढेरों अवतार धरकर आ चुके हैं।

पेशे से डॉक्टर रह चुके शिवप्रसाद 1999 में चंद्रबाबू नायडू के मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं। उन्हें फिल्मों में काम करने का भी शौक है। कई फिल्मों में एक्टिंग करने के अलावा वह कम से कम चार फिल्मों को डायरेक्ट भी कर चुके हैं। उन्हें एक फिल्म में खलनायक के रोल के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिल चुका है।

इस मजेदार खबर का गंभीर हिस्सा यह है कि सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा रह चुकी शिवप्रसाद की पार्टी टीडीपी गठबंधन से अलग हो गई है। उसने केंद्र सरकार पर आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। टीडीपी द्वारा सरकार के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव का कांग्रेस समर्थन कर रही है।

    

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