जब गांवों में पानी, बिजली, सड़क होंगे बेहतर तब बनेगा नया भारत

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जब गांवों में पानी, बिजली, सड़क होंगे बेहतर तब बनेगा नया भारतवित्त राज्य मंत्री ने गांवों में समृद्धि लाने के नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की

गांवों में आधारभूत संरचना का विकास करना केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता है। यह कहना था केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री, शिव प्रताप शुक्ला का। वह शुक्रवार को लखनऊ में नाबार्ड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। वित्त राज्य मंत्री ने इस मौके पर ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे केंद्र सरकार के ऑपरेशन ग्रीन जैसे कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए गांवों में समृद्धि लाने के नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने खुशी जताई कि ग्रामीण आधारभूत संरचना निधि (आरआईडीएफ) राज्य सरकारों का पसंदीदा वित्तीय स्रोत बनकर उभरा है।

शुक्ला ने नाबार्ड को इस बात के लिए बधाई दी कि उसने आरआईडीएफ के जरिए 36 अलग-अलग विकास गतिविधियों को सहारा दिया। उन्होंने कहा कि आरआईडीएफ के उन्नत निगरानी तंत्र की बदौलत योजनाएं समय पर पूरी हुईं और उनमें जरूरी तकनीकी मानकों का पालन किया गया जिसके कारण उच्च गुणवत्ता वाला ग्रामीण आधारभूत संरचना तंत्र तैयार हुआ।

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वित्त राज्य मंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि राज्य सरकारों को अधिक सहूलियत प्रदान करने की दृष्टि से केंद्रीय बजट में 2018-19 हेतु आरआईडीएफ के लिए 28000 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विभिन्न राज्य आरआईडीएफ के संसाधनो का इस्तेमाल कर किसानों की आमदनी को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करेंगे।

कार्यक्रम में नाबार्ड के अध्यक्ष, डॉ. हर्ष कुमार भनवाला ने उन सिद्धांतों का जिक्र किया जिनके तहत आरआईडीएफ की स्थापना हुई थी। उन्होंने कहा, 1995-96 से शुरू होकर वर्ष 2018-19 तक यह निधि 28000 करोड़ तक पहुंच गई, इससे इसकी लोकप्रियता का पता चलता है। डॉ. हर्ष कुमार ने बताया कि अब तक आरआईडीएफ के माध्यम से 3.11 लाख करोड़ रुपयों के लोन की स्वीकृति विभिन्न राज्यों को दी गई और 2.31 लाख करोड़ रुपयों की राशि अब तक बांटी जा चुकी है। इस निधि से अबतक 6 लाख से अधिक ग्रामीण आधारभूत संरचना की परियोजनाओं को धन मुहैया कराया गया है।

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नाबार्ड अध्यक्ष ने आरआईडीएफ के अंतर्गत सहयातीत कुछ विशेष परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात की SAUNI परियोजना, मिशन भागीरथ, तेलंगना के द्वारा व्यापक जन समूहों को लाभ मिला है। उन्होने बताया कि आरआईडीएफ की सफलता के मद्देनज़र भारत सरकार ने वर्षों से अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को धन उपलब्ध करने हेतु दीर्घकालिक सिंचाई निधि (एलटीआईएफ), कृषि विपणन निधि, ग्रामीण आवास निधि, डेरी इनफ्रास्ट्रक्चर फंड, पशुधन विकास फंड और मत्स्य विकास फंड का गठन आरआईडीएफ की तर्ज़ पर किया है ।

संगोष्ठी में अपने विचार रखते हुए यूपी सिंह, सचिव जल संसाधन, भारत सरकार ने देश में जल उपलब्धता पर चर्चा की। उन्होंने दीर्घकालिक सिंचाई निधि में सम्मलित 99 बड़ी सिंचाई योजनाओं को जल्द पूरा करने पर बल दिया। जल संसाधन को महत्वपूर्ण मानते हुए, उन्होंने इसके न्यायोचित उपयोग को बढ़ावा देने के उदेशय से नाबार्ड द्वारा पिछले साल देश भर में चलाये गए ‘जल जीवन है’ अभियान की चर्चा की । उन्होंने वॉटर कैंपेन हेतु नाबार्ड की प्रशंसा करते हुए इस तरह के कैंपेन को देश के सभी गांवों तक ले जाने की आवश्यकता पर बल दिया ।

संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव, वित्त, उत्तर प्रदेश ने आरआईडीएफ को राज्य के वित्तीय संसाधनो का एक अहम हिस्सा बताते हुए कहा, कि यूपी में 63000 किलोमीटर सड़क आरआईडीएफ की ही मदद से बनी है। उन्होंने दीर्घकालिक सिंचाई निधि समर्थित परियोजनाओं की भी चर्चा की।

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