मोदी सरकार की इस उपलब्धि को जानकर रह जाएंगे हैरान, आरटीआई से हुआ खुलासा

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मोदी सरकार की इस उपलब्धि को जानकर रह जाएंगे हैरान, आरटीआई से हुआ खुलासाप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

लखनऊ। नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 2014 से अब तक विदेशों से 24 प्राचीन वस्तुएं लाई गईं हैं जिनमें चोल शासकों के समय की श्रीदेवी की धातु की प्रतिमा और मौर्य काल की टेराकोटा की महिला की मूर्ति शामिल हैं।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने एक आरटीआई अर्जी के जवाब में बताया कि इन 24 प्राचीन वस्तुओं में से 16 अमेरिका से, पांच ऑस्ट्रेलिया से और एक-एक वस्तुएं कनाडा, जर्मनी और सिंगापुर से लाई गईं।

इनमें बाहुबली और नटराज की भी एक-एक प्रतिमाएं हैं। जवाब के अनुसार, साल 2014 से 2017 के बीच इन देशों ने स्वेच्छा से प्राचीन वस्तुएं लौटा दीं। एएसआई ने इस बात का ब्योरा नहीं दिया कि भारत की अमूल्य विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाली ये प्राचीन वस्तुएं किस तरह देश से ले जाई गयीं।

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एएसआई ने कहा कि 13 पुरातनकालीन वस्तुएं अब भी हैं जिन्हें स्विट्जरलैंड समेत दूसरे देशों से लाया जाना है। सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि सरकार भारत से चोरी करके ले जाई गईं प्राचीन वस्तुओं को कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से वापस लाने पर जोर दे रही है।

अमेरिका से जो वस्तुएं भारत वापस लाई गई हैं उनमें तमिलनाडु के चोल वंश की श्रीदेवी की प्रतिमा और बाहुबली की धातु की प्रतिमा शामिल हैं। एएसआई के मुताबिक संत मन्निक्कावचाका की कांस्य प्रतिमा, गणेश और पार्वती की धातु की प्रतिमाएं भी अमेरिका से वापस आई हैं। अमेरिका ने दुर्गा की पत्थर की प्रतिमा, नृत्य की भाव-भंगिमा में नटराज की पत्थर की एक प्रतिमा आदि भी भेजी हैं। ऑस्ट्रेलिया ने बैठे हुए गौतम बुद्ध की एक मूर्ति, नटराज और अर्द्धनारीश्वर की प्रतिमाएं भेजी हैं। एएसआई के मुताबिक सिंगापुर से उमा परमेश्वरी की, कनाडा से एक पैरट लेडी की और जर्मनी से जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखने वाली दुर्गा (महिषमर्दनी) की प्रतिमाएं वापस भेजी गयी हैं।

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एएसआई ने कहा ‘लंदन में भारतीय उच्चायोग को ब्रह्मा और ब्रह्माणी की मूर्तियां सौंप दी गईं हैं।' अभी अमेरिका से विष्णु जी की एक प्रतिमा और तंजौर की पेंटिंग्स वापस लाई जानी हैं। इसी तरह स्विट्जरलैंड से वाराह और जैन तृथंका की पत्थर की मूर्तियां भी वापस लाई जानी हैं।

          

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