राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह: सड़क पर चलते समय हमेशा याद रखें ये बातें
गाँव कनेक्शन 13 Jan 2020 6:47 AM GMT
भारत में हर वर्ष सड़क हादसों में हज़ारों लोग अपनी जान गवां देते हैं। सड़क दुर्घटनाओं कमी लाने के उद्येश्य से जनवरी महीने में हर वर्ष राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह (National Road Safety Week) मनाया जाता है, जिसके तहत आम लोगों को यातायात से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी दी जाती है।
अंतरराष्ट्रीय सड़क संगठन (आईआरएफ) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 12.5 लाख लोगों की प्रति वर्ष सड़क हादसों में मौत होती है। इसमें भारत की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से ज्यादा है।एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में 4,37,396 सड़क हादसे हुए, जिनमें 1,54,732 लोगों की जान गई और 4,39,262 लोग घायल हुए।
59.6 फीसदी सड़क दुर्घटनाओं का कारण तेज रफ्तार रही, वहीं ओवर स्पीडिंग की वजह से सड़क दुर्घटना में 86,241 लोगों की मौत हुई जबकि 2,71,581 लोग घायल हुए। इन सभी दुर्घटनाओं के पीछे शराब/मादक पदार्थों का इस्तेमाल, वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना, वाहनों में जरुरत से अधिक भीड़ होना, वैध गति से अधिक तेज़ गाड़ी चलाना और थकान आदि होना है।
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भारत में यातायात के नियम-
वन वे-
जब आप किसी एक दिशा मे गाड़ी चला रहे होते है तो ध्यान रखें की आप सही दिशा मे ही गाड़ी को चलाएं। गलत दिशा में गाड़ी चलाने से एक्सीडेंट होने का ख़तरा बढ़ जाता है। इसलिए वन वे पर सावधानी पूर्वक गाड़ी चलायें।
ओवेरटेक ना करे-
जल्दी पहुँचने की चाह मे हम कई बार गाड़ी ओवेरटेक करने की कोशिश करते हैं जो की काफ़ी ख़तरनाक होता है। किसी बड़ी गाड़ी को ओवेरटेक करने से पहेले भली भांति जांच ले कि आपके ओवेरटेक करने से आपको ओर दूसरे चालकों को परेशानी ना हो। ओवेरटेक करने से एक्सीडेंट होने के ज़्यादा आशंका रहती है।
लगातार हॉर्न न बजाएं-
आपने अक्सर ट्रॅफिक मे लोगो को लगातार हॉर्न बजाते हुए देखा होगा और भारत मे तो ये आम बात है। कुछ लोगो को ये लगता है की अगर वे ज़्यादा हॉर्न का प्रयोग करेंगे तो ट्रेफिक खुल जाएगा या सामने ट्रेफिक साफ हो जाएगा पर आप ग़लत है। जब आप अत्याधिक हॉर्न का प्रयोग करते है तो आगे वाला वाहन चालक दबाव मे आता है ओर ध्वनि प्रदूषण फैलता है सो अलग।
यू टर्न -
यू टर्न लेना बहुत ज़्यादा रिस्की होता है। बीच सड़क मे अगर आप यू टर्न लेते हैं तो ख़तरा कई गुना बाढ़ जाता है। यू टर्न लेने के लिए ज़रूरी है की पहेले आप सड़क के किनारे अपना वाहन रोके ओर अपने पीछे का ट्रॅफिक देखे, जब ट्रैफिक साफ हो तो यू टर्न लें।
स्पीड लिमिट -
जगह जगह आपने देखा होगा की बोर्ड मे लिखा होता है स्पीड लिमिट। स्पीड लिमिट जगह देखकर तय की जाती है। अगर स्पीड लिमिट 45 km/hr है तो वहां आप गाड़ी की स्पीड 45 से उपर ना रखें।
हैण्ड सिग्नल और इंडिकेटर –
रोड बदने के समय हांथ से इशारा देना या इंडिकेटर देना सही होता है। अगर आप दाहिने (Right) दिशा मे जा रहे हैं तो दाहिना (right) इंडिकेटर या दाहिने हांथ (right hand) का प्रयोग करें ओर अगर लेफ्ट साइड मे जा रहे है तो लेफ्ट इंडिकेटर या लेफ्ट हांथ का इस्तेमाल करें।
वाहन को पार्किंग एरिया मे ही पार्क करें -
वाहन को पार्क करते समय जाँच ले की आप उसे पार्किंग एरिया मे पार्क कर रहे हैं या नही। वाहन को सही जगह पार्क करें और इस तरह से पार्क करें की वहां दूसरों को परेशानी ना हो।
ट्रैफिक साइन नियम
हर ट्रैफिक साइन का कोई ख़ास मतलब होता है इसलिए नीचे दिये गये इन ट्रैफिक संकेतों को अच्छी तरह से पढ़ें और जानिए कि किस ट्रै्फिक साइन का क्या मतलब होता है-
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