छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में 6 ग्रामीणों को किया अगवा
गाँव कनेक्शन 17 Aug 2019 12:34 PM GMT
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में 6 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, दंतेवाड़ा के गुमियापाल गांव के ग्रामीणों का अपहरण 11 अगस्त को किया गया है। फिलहाल गांव वाले इस घटना से डर में हैं। वहीं, परिजनों ने भी पुलिस से कोई संपर्क नहीं किया है।
जानकारी के मुताबिक, 11 अगस्त की रात को कुछ नक्सली गांव पहुंचे। इसके बाद ग्रामीणों के साथ मारपीट की और एक युवती समेत 6 लोगों को अपने साथ जंगल में ले गए। जिन छह लोगों का अपहरण किया गया उनके नाम हैं- किरण कुंजाम, हुंगा मिडयामी, लालू मिडयामी, लालू उर्फ भीमा मिडयामी, हुंगा माण्डावी पिता पांडू और भीमा वंजामी। फिलहाल यह सभी नक्सलियों के कब्जे में हैं।
इस मामले को सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी लगातार उठा रही हैं। उन्होंने गांव कनेक्शन को बताया कि, ''अभी तक किसी भी तरफ से इन ग्रामीणों को छुड़ाने की पहल नहीं की गई है। न सरकार को कोई मतलब है, न पुलिस प्रशासन को। पुलिस प्रशासन कह रही है कि जब कोई FIR दर्ज कराए तब कार्यवाही की जाएगी।''
सोनी सोरी ने आगे कहा कि ''मैं गांव गई थी तो गांव वाले बहुत डरे हुए थे। उन्होंने बताया कि उनके साथ मारपीट हुई थी। कई माएं तो अपने बेटों को तलाशने के लिए जंगल में घूम रही हैं, खाना तक नहीं खा रही हैं।'' सोनी सोरी बताती हैं, ''इस घटना से पहले 9 अगस्त को पुलिस गांव में गई थी और कुछ लोगों की तलाश भी की। इसके बाद 10 तारीख को भी पुलिस गांव पहुंची थी।''
सोरी कहती हैं, ''गांव वाले कहते हैं कि हम किसके पास शिकायत करने जाएं। जिस पुलिस की वजह से हमारी यह हालत हुई, जिस पुलिस ने लालच देकर, डरा धमकाकर हमारे लोगों को मुखबिर बनाया, उनकी वजह से नक्सली हमारे लोगों को उठाकर ले गए। तो क्या पुलिस हमारी सुनेगी। हम अपने स्तर से हमारे लोगों को खोजेंगे। यह गांव वालों का कहना है।''
इस मामले पर दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने गांव कनेक्शन को बताया, ''ऐसी खबरें आ रही हैं कि 6 ग्रामीणों को अगवा किया गया है। पुलिस लगातार उस एरिया में लोगों से और जनप्रतिनिधियों से बातचीत कर रही है। पुलिस पार्टी उस एरिया में लगातार जा रही है। हमारी बैक चैनल से बातचीत चल रही है कि यदि उनको अगवा किया गया है तो उन्हें छुड़ाया जाएगा। बहुत सी चीजें ऐसी हैं जिसका खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि उन लोगों की जान को खतरा हो जाएगा। पुलिस की ओर से लगातार प्रयास चल रहा है। हम कहेंगे कि जो भी जन प्रतिनिधि हैं, जो यह बात कह रहे हैं कि हमने गांव वालों से बात की है तो वो आएं और अपना बयान दें उस आधार पर हम एफआईआर दर्ज करें।''
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