जीएसटी में देरी पर कांग्रेस ने भाजपा से पूछा, 12 लाख करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई कौन करेगा? 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   29 March 2017 4:13 PM GMT

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जीएसटी में देरी पर कांग्रेस ने भाजपा से पूछा, 12 लाख करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई कौन करेगा? कांग्रेस सदस्य एम वीरप्पा मोइली।

नई दिल्ली (भाषा)। विपक्षी दल के रूप में भाजपा पर जीएसटी का मार्ग बाधित करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी ने आज कहा कि इस महत्वपूर्ण कर सुधार में सात-आठ वर्ष की देरी के कारण 12 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है और इस नुकसाई की भरपाई कौन करेगा ?

जीएसटी कोई ‘गेम चेंजर' नहीं बल्कि एक छोटा सा कदम भर

लोकसभा में जीएसटी संबंधी विधेयकों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सदस्य एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि राजग सरकार इसे क्रांतिकारी कर सुधार पहल बता रही है लेकिन इन विधेयकों के प्रावधानों से स्पष्ट है कि यह कोई ‘गेम चेंजर' नहीं बल्कि आगे की ओर एक छोटा सा कदम भर है। प्रस्तावित जीएसटी प्रणाली के प्रावधानों की आलोचना करते हुए एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी दु:स्वप्न होगा और इसके प्रावधान बेहद आघातकारी हैं।

पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार जीएसटी विधेयक को लाई थी। लेकिन उस समय उन लोगों ने इसका विरोध किया था जो आज सत्ता में है, इसके बाद सात-आठ वर्ष गुजर गए। देश को प्रतिवर्ष 1.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इस अवधि में करीब 12 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा।
एम वीरप्पा मोइली कांग्रेस सदस्य

कांग्रेस नेता ने कहा कि जीएसटी के प्रस्तावित प्रावधान इसकी मूल भावना के विपरीत हैं और कई तरह के कर, उपकर और सरचार्ज बने रहने के कारण ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की अवधारणा मिथक ही हैं। उन्होंने कहा कि वस्तुओं की अंतर राज्य आवाजाही के बारे में जो प्रावधान किए गए हैं, वह लालफीताशाही को बढ़ावा देने वाले हैं, जीएसटी में उच्च कर प्रावधान उद्योगों पर आघात करने वाले हैं।

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मोइली ने कहा कि इसे राज्यसभा में विचार के लिए नहीं लाया जाना एक आघात है, यह बहुमत का दुरुपयोग है।

जीएसटी का फैसला ‘एक छोटा कदम’ होने के कांग्रेस नेता मोइली के आरोप को खारिज करते हुए भाजपा के उदित राज ने जीएसटी को बड़े बदलाव लाने वाला विधेयक बताया और कहा कि पिछले तीन साल में इस सरकार ने कई विधेयक पारित कराए हैं लेकिन वित्तीय जगत में क्रांति लाने वाला इससे बड़ा विधेयक नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि एक जुलाई से देश में जीएसटी लागू होने के बाद बड़ी आर्थिक क्रांति आएगी और एक समान कर व्यवस्था के प्रभाव में आने के साथ देश की 125 करोड़ आबादी को लाभ मिलेगा और हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत की ओर बढ़ेंगे। भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी ने जीएसटी से राज्यों के अधिकारों का हनन होने के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि पहले ही सभी राज्यों के बीच आम-सहमति बनाई गई है।

उन्होंने कहा कि जीएसटी आने से निवेश भी बढ़ेगा और कर चोरी रूकेगी।

जीएसटी आने से ऑनलाइन लेनदेन होगा और राजस्व भी बढ़ेगा। यह कर व्यवस्था स्वत: ही डिजिटलीकरण को बढ़ावा देगी।
उदित राज भाजपा

भाजपा सांसद ने कहा कि जीएसटी आने में देरी की वजह से 12 लाख करोड़ रुपए के नुकसान की बात विपक्ष की ओर से कही जा रही है लेकिन यह बात भी साफ होनी चाहिए कि इस देरी के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं।

अन्नाद्रमुक के टीजी वेंकटेश बाबू ने कहा कि जीएसटी में कुछ क्षेत्रोंं पर अधिक ध्यान दिया गया है लेकिन कई क्षेत्र अब भी हैं जिन पर ध्यान देने की जरुरत है जिनमें बैंकिंग, वित्त, बीमा, आईटी, परिवहन, आभूषण और एमएसएमई आदि क्षेत्र हैं।

उन्होंने कहा कि जीएसटी देश में 1947 के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार होगा लेकिन बहुत चुनौतियां भी हैं।

वेंकटेश ने पूर्व में जीएसटी पर तमिलनाडु राज्य की आपत्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सरकार को राज्यों को दिये जाने वाले मुआवजे, उसके तरीके और अवधि, रेवेन्यू न्यूट्रल रेट (आरएनआर) और दोहरा प्रशासनिक नियंत्रण आदि मुद्दों पर सभी राज्यों से परामर्श करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु जीएसटी को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

तृणमूल कांग्रेस ने जीएसटी के क्रियान्वयन पर चिंता जताई

तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने जीएसटी में राज्यों की तमाम आपत्तियां दूर होने की बात तो कही लेकिन इसके क्रियान्वयन पर चिंता जताते हुए कहा कि इस मामले में दूसरे देशों की गलतियों से सीखना होगा।

बनर्जी ने कहा कि जीएसटी को लेकर कर फिटमेंट प्रक्रिया जल्द शुरु की जानी चाहिए ताकि उद्योगों को कर ढांचे के बारे में जानकारी मिले और वे तैयारी कर लें। उन्होंनेे कहा कि छोटे कारोबारियों को जीएसटी के लिहाज से तैयार होने के लिए थोडा समय और देना चाहिए।

जीएसटी के दायरे में किसानों को लाना अनुचित

बीजू जनता दल के भर्तृहरि मेहताब ने कहा कि उपभोक्ताओं को जीएसटी से भारी लाभ होने की जो बड़ी-बड़ी उम्मीदें पैदा कर दी गयी हैं वे भ्रम मात्र हैं, उन्होंने कहा कि इसके लागू होने के एक साल बाद इसके प्रभावों का पता चलेगा। उन्होंने साथ ही किसानों को इसके दायरे में लाए जाने की भी आलोचना की।

मेहताब ने कहा कि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा समेत चार राज्यों ने जीएसटी के प्रावधानों का विरोध किया था लेकिन जीएसटी परिषद ने उनकी आपत्तियों को स्वीकार नहीं किया।

शराब को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया गया क्यों : शिवसेना

शिवसेना के आनंद राव अडसुल ने जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई की व्यवस्था की सराहना की लेकिन साथ ही कहा कि यह केवल पांच साल के लिए है, उनका सवाल था कि इसके बाद क्या होगा? उन्होंने कहा कि शराब को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया गया है, उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि पीने वालों की संख्या बढ़ाना तो सरकार का मकसद कतई नहीं होगा। उन्होंने पेट्रो पदार्थों को भी इसमें शामिल नहीं किए जाने पर सवाल किया।

इंस्पेक्टर राज समाप्त होगा : तेलुगू देशम पार्टी

तेलुगू देशम पार्टी के जयदेव गल्ला ने विधेयकों का स्वागत करते हुए कहा कि जीएसटी के लागू होने से 1991 का इंस्पेक्टर राज समाप्त होगा। लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि आंध्र प्रदेश को जीएसटी लागू होेने से सालाना 2000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। उन्होंने इसे आजादी के बाद ऐतिहासिक कर सुधार प्रक्रिया बताया।

                 

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