कांग्रेस केवल दलित वोटों पर निशाना साधती रही है : भाजपा
Sanjay Srivastava 3 Jan 2018 12:02 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। महाराष्ट्र के पुणे में हुई हिंसा को लेकर भाजपा ने राहुल गांधी पर राजनीतिक लाभ के मकसद से जातीय हिंसा को हवा देने के लिए उकसावे के मॉडल पर काम करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास की राजनीति के आगे पस्त हो जाएंगे।
वहीं आज बुधवार को महाराष्ट्र में कुछ दलित पार्टियों द्वारा बुलाए गए बंद की शुरुआत ठाणे और पालघर में उपनगरीय ट्रेन सेवाओं में बाधा डालने व मुंबई में जुलूस निकाले के साथ हुई। इस दौरान राज्य सरकार ने बंद के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
गौरतलब है कि राहुल ने महाराष्ट्र के पुणे में हुई हिंसा को लेकर आज भाजपा और आरएसएस पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि भारत के लिए उनका फासीवादी दृष्टिकोण है कि दलितों को समाज के निचले पायदान पर रहना चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल दलित वोटों पर निशाना साधती रही है जबकि मोदी समुदाय की प्रगति पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि राहुल अपने परिवार और पार्टी की तरफ से माफी मांगे।
दलित समूह भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह मना रहे थे। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज ने पेशवा की सेना पर विजय प्राप्त की थी। दलित नेता अंग्रेजों की जीत का जश्न मनाते है क्योंकि यह माना जाता है तब अछूत समझे जाने वाले महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में थे। पेशवा ब्राह्मण थे और जीत को दलितों की दृढ़ता के प्रतीक के रुप में देखा जाता है।
जीवीएल नरसिम्हा राव ने ट्विटर पर कांग्रेस अध्यक्ष और प्रधानमंत्री दोनों के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए लिखा, राहुल गांधी का तुष्टीकरण का मॉडल 2014 के चुनाव में बुरी तरफ विफल रहा। राहुल गांधी राजनीतिक लाभ की खातिर जातीय हिंसा को हवा देकर 2019 के लिए उकसावे के मॉडल पर काम कर रहे हैं। राहुल गांधी आपकी नकारात्मक राजनीति एक बार फिर नरेंद्र मोदीजी की विकास की राजनीति के आगे पस्त हो जाएगी।
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उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, राहुल गांधी, आपने सत्ता में रहते हुए 60 साल तक केवल दलित वोटों पर ध्यान दिया, उनकी प्रगति पर नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी विकास पर ध्यान दे रहे हैं, उन्हें उद्यमियों के रुप में बढ़ावा दे रहे हैं। तुच्छ राजनीति के लिए आपको शर्म आनी चाहिए। समय आ गया है कि आप अपने परिवार और पार्टी की तरफ से माफी मांगे।
जातीय हिंसा पर महाराष्ट्र बंद, पालघर और ठाणे में रेल नाकाबंदी
महाराष्ट्र में कुछ दलित पार्टियों के बुलाए गए बंद की शुरुआत बुधवार को ठाणे और पालघर में उपनगरीय ट्रेन सेवाओं में बाधा डालने व मुंबई में जुलूस निकाले के साथ हुई। इस दौरान राज्य सरकार ने बंद के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
पालघर के ठाणे और विरार स्टेशनों पर रेल सेवा रोकने की कोशिश में दलित कार्यकतार्ओं के समूह नारेबाजी करते और झंडे लहराते हुए रेलवे ट्रैक पर कूद गए, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक लिया।
मुंबई में कॉलेज और विद्यालय में सामान्य रूप से खुले हुए है, लेकिन सावधानी बरतने के लिए स्कूल बस सड़कों से दूर है। चेंबूर में एक निजी स्कूल बस पर पत्थरबाजी हुई, लेकिन किसी को चोट नहीं पहुंची।
विभिन्न क्षेत्रों में कुछ ऑटो और टैक्सी चल रहे है लेकिन प्रसिद्ध डब्बावालों ने दिन के लिए अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं। ठाणे, नागपुर, पुणे और अन्य शहरी क्षेत्रों के मुकाबले बाहरी इलाकों में बंद का ज्यादा असर देखने को मिला।
तटीय कोंकण क्षेत्र और बीड, लातूर, सोलापुर, जलगांव, धुले, अहमदनगर, नासिक और पालघर जैसे दलित बहुल इलाके लगभग पूरी तरह से बंद रहे। औरंगाबाद में दिनभर के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई है।
हिंसा की चपेट में आकर मंगलवार को 187 बसों को नुकसान पहुंचने के बाद महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने ऐहतियात बरतते हुए कुछ संवेदनशील इलाकों में बस सेवाएं निलंबित कर दी है।
दलित पार्टी भारीपा बहुजन महासंघ के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने एक जनवरी की पुणे की घटना पर नाराजगी जाहिर करने के लिए बुधवार को शांतिपूर्ण महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। प्रकाश अबंडेकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पोते हैं।
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