पहली बार घर खरीदने वालों को मिले एक लाख रुपए की कर छूट, जेएलएल का सुझाव

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   18 Jan 2018 4:52 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
पहली बार घर खरीदने वालों को मिले एक लाख रुपए की कर छूट, जेएलएल का सुझावपहली बार घर खरीदने वालों को मिले एक लाख रुपए का अतिरिक्त कर लाभ: जेएलएल 

नयी दिल्ली (भाषा)। वर्ष 2016 में नोटबंदी के बाद से आवासीय क्षेत्र में एक किस्म का ठहराव आ गया है। अब लोग घर खरीदने की इच्छा के बावजूद बैंक लोन से बचने लगे हैं और अच्छे दिनों की इंतजार कर रहे हैं।

सरकार को आवासीय क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली कर छूट को आगामी बजट में दोगुना कर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। संपत्ति क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया ने यह सुझाव दिया है।

ये भी पढ़ें- तस्वीरों में देखें नए रंगरूट का खतरनाक प्रदर्शन, आप कहेंगे वाह 

कंपनी ने यह भी सलाह दी है कि राज्यों को भी रीयल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रेइट्स) के लिए स्टांप ड्यूटी से छूट देने के लिए कहा जाना चाहिए। ऐसा कदम उठाने से रेइट्स को कारोबार बढ़ाने में आसानी होगी।

ये भी पढ़ें- ये हैं भारत की देसी गाय की नस्लें, जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे 

जेएलएल ने कहा है कि की पहली बार अपना मकान खरीदने वालों को दी जाने वाली 50,000 रुपए की अतिरक्ति कर छूट को आगामी बजट में बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। आयकर अधिनियम की धारा 80ईई के तहत यह छूट दी जाती है।

ये भी पढ़ें- प्याज , टमाटर और अंडों ने बढ़ाई महंगाई दर , जेब हो रही ढीली

जेएलएल इंडिया के सीईओ और भारत प्रमुख रमेश नायर ने एक रिपोर्ट में कहा है, इस सुविधा को बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। इससे पहली बार घर खरीदने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा। यह कटौती आयकर की धारा 24 के तहत दी जाने वाली दो लाख रुपए की कुल कटौती के अतिरक्ति होगी।

देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

रेइट्स के बारे में उसने कहा कि पिछले कुछ साल में सरकार ने इसमें काफी कुछ सुधार किया है। उन्होंने कहा, हालांकि, लाभांश वितरण कर, दीर्घकालिक पूंजीगत लाभकर और इकाइयों के हस्तांतरण जैसे कई कर मुद्दों को सुलझाया गया है लेकिन रेइट्स पर राज्यों के स्तर पर अभी भी स्टांप शुल्क देना पड़ता है।

ये भी पढ़ें- 10 मजदूरों का काम अकेली करेगी ये हंसिया , देखिए वीडियो

नायर ने कहा कि राज्यों को इस मामले में समझाया जाना चाहिए कि कम से कम शुरुआती कुछ वर्षेां के लिए रेइट्स पर स्टांप शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए।

ये भी पढ़ें- आम बजट 2018: खुदरा कारोबारियों ने मांगा उद्योग का दर्जा   

फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

             

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.