चेनानी-नाशरी सुरंग के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के विरोध में जम्मू कश्मीर में हड़ताल
Sanjay Srivastava 2 April 2017 2:02 PM GMT
श्रीनगर (भाषा)। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर देश की सबसे लंबी चेनानी-नाशरी सुरंग के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज्य के दौरे के खिलाफ अलगाववादी संगठनों की हड़ताल के कारण कश्मीर घाटी में सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त है। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में अधिकतर दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और पेट्रोल पम्प बंद हैं।
देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
बहरहाल, उन्होंने बताया कि साप्ताहिक संडे मार्केट खुली है और कई विक्रेताओं ने टीआरसी चौक-बटमालू में अपने-अपने स्टॉल लगाए हैं। अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद हैं जबकि यहां शहर के कई इलाकों में निजी कारें, कैब और ऑटो रिक्शा सड़कों पर दौड़ते दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों से भी ऐसी ही रिपोर्टें मिली हैं।
अधिकारियों ने कहा कि घाटी में संवेदनशील इलाकों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।
प्रधानमंत्री देश में राजमार्ग पर सबसे लंबी सुरंग (नौ किलोमीटर) का उद्घाटन करने के लिए जम्मू क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, इस सुरंग से जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा की दूरी में 31 किलोमीटर की कमी आएगी और यात्रा में पहले के मुकाबले दो घंटे का समय कम लगेगा।
अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धडों के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारुक तथा जेकेएलएफ प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक ने लोगों से हड़ताल का आह्वान करते हुये बृहस्पतिवार को एक संयुक्त बयान में कहा था, ‘‘सुरंगों और सड़कों के विकास या निर्माण के बारे में सभी बयानबाजी व्यर्थ है और हमें ललचाने में सफल नहीं होंगे।''
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ऐसे समय में राज्य का दौरा कर रहे हैं जब स्थिति ‘‘काफी निराशाजनक'' है। उन्होंने कहा, ‘‘बंद बुलाने या आहूत करने से स्थिति में कोई बदलाव नहीं आता लेकिन प्रशासन ने कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ा है, हम प्रधानमंत्री के साथ कोई द्वेष की भावना नहीं रखते लेकिन यह भयानक और दुखदायी है कि वह राज्य में रक्तपात पर ध्यान देने के बजाय वह हत्यारों को पुरस्कृत कर रहे हैं।''
अलगाववादियों ने कहा कि कश्मीर ‘‘एक राजनीतिक मुद्दा है ना कि शासन, आर्थिक पैकेज, प्रोत्साहन राशि या कानून एवं व्यवस्था से संबंधित समस्या है।''
More Stories