सम-विषम का तीसरा चरण 13 नवंबर से शुरू कर सकती है दिल्ली सरकार
Sanjay Srivastava 9 Nov 2017 5:15 PM GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए 13 से 17 नवंबर तक यातायात के सम-विषम नियम का तीसरा चरण लागू करने की तैयारी में है।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर को लेकर पर्यावरण निकाय नियुक्त किया है और दिल्ली के उपराज्यपाल ने बुधवार को दिल्ली सरकार को सम-विषम कार योजना शुरू करने के निर्देश दिए थे।
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत शाम को इस मुद्दे पर एक बैठक आयोजित करेंगे। इसके बाद इस मामले में एक औपचारिक घोषणा की जाएगी।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया संस्थानों की पोस्ट्स को रीट्वीट किया है, जिनमें 13 नवंबर से सम-विषम यातायात नियम शुरू होने की बात कही गई है। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तीसरे चरण को लागू करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
सम-विषम, कृत्रिम बारिश पर विचार करे सरकार : हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण की वजह से 'आपातकालीन स्थिति' पैदा गई है। अदालत ने दिल्ली सरकार से वाहनों के लिए सम-विषम योजना लाने और कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) कराने पर विचार के लिए कहा है। न्यायालय ने केंद्र से तत्काल प्रदूषण पर काबू पाने के लिए अल्पावधि उपायों को अपनाने के मद्देनजर दिल्ली और एनसीआर के अधिकारियों के साथ बैठक करने और इससे संबंधित रिपोर्ट मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को पेश करने के लिए कहा।
न्यायमूर्ति एस. रवीन्द्र भट और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने पर्यावरण, वन और जलवायु नियंत्रण मंत्रालय के मुख्य सचिव को अपने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के समकक्षों और प्रदूषण नियंत्रक एजेंसी के साथ प्रदूषण से निपटने के लिए तीन दिनों के अंदर बैठक करने के निर्देश दिए।
पीठ ने कहा कि मुख्य सचिवों को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने की संभावना पर विचार करना चाहिए। पीठ ने कहा कि यह बहुत महंगी प्रक्रिया नहीं है और बेंगलुरू ने इस प्रक्रिया को अपनाया है।
न्यायालय ने दिल्ली सरकार से वाहनों की सम-विषम योजना को वापस लाने पर भी विचार करने को कहा। लेकिन, न्यायालय ने सरकार द्वारा पार्किं ग दर को चार गुणा बढ़ाने पर सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि कोई अगर अस्पताल गया है तो उसे चार गुना अधिक पार्किं ग चार्ज देना होगा।
न्यायालय ने कहा कि प्रदूषण के लिए पराली को जलाना ‘प्रत्यक्ष खलनायक’ है लेकिन अधिकारियों को इसके लिए और कारकों पर भी ध्यान देना चाहिए। सड़क और निर्माण गतिविधियों साथ ही वाहनों व ओद्यौगिक प्रदूषण भी इसके लिए जिम्मेदार हैं।
न्यायालय ने दिल्ली सरकार को शहर में ट्रकों की आवाजाही को भी कड़ाई से नियंत्रित करने के आदेश दिए।
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