रेल बजट 2018 : यात्रियों की सुरक्षा-सुविधा बढ़ने की उम्मीद
Sanjay Srivastava 31 Jan 2018 6:46 PM GMT
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली गुरुवार (1 फरवरी ) को रेल बजट 2018 व आम बजट 2018 पेश करेंगे। रेल बजट में इस बार सुरक्षा, सुविधा व अवसंरचना को दुरूस्त करने पर पूरा जोर रहेगा।
अगले साल आम चुनाव 2019 होने वाले हैं। मोदी सरकार के लिए यह रेल बजट और आम बजट एक परीक्षा की तरह है, इस बजट को बड़े ही नपे तुले अंदाज में पेश करने की सरकार की तैयारी रहेगी।
अंतिम पूर्ण बजट में रेलवे के लिए सुरक्षा चिंताओं के समाधान, यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी और अवसंरचना में बड़ा निवेश पर जोर दिए जाने की उम्मीद है।
बजट में रेल किराए में बढ़ोतरी या नई ट्रेनों की घोषणा की उम्मीद नहीं है। चालू वित्त वर्ष के 96 फीसदी के मुकाबले अगले वित्त वर्ष में 95 फीसदी परिचालन अनुपात (ओआर) रहने की उम्मीद है।
रेलवे की वित्तीय हालत का पता उसके ओआर से तय होता है, इससे पता लगता है कि रेलवे एक रुपए की कमाई करने के लिए कितना खर्च करती है। अगर ओआर 90 फीसदी है तो इसका मतलब है कि रेलवे एक रुपए की कमाई करने के लिए 90 पैसा खर्च कर रही है।
आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक इंजनों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए रेलवे वाराणसी के डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (डीएलडब्ल्यू) और पाटियाला के डीजल कंपोनेंट वर्क्स (डीसीडब्ल्यू) में इलेक्ट्रिक इंजनों के निर्माण का प्रावधान किया जा सकता है।
ये भी पढ़ें- फूड प्रोसेसिंस सेक्टर को इस बजट से हैं कई उम्मीदें, जानें बजट में क्या चाहते हैं एक्सपोटर्स
रेल ने सभी मार्गों का विद्युतीकरण करने का फैसला किया है और वह डीजल इंजनों को धीरे-धीरे बाहर कर रही है। इसलिए बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक इंजनों की जरूरत है।
बजट में रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए 95,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किए जाने की उम्मीद है, जिसमें सिग्नलों का ऑटोमेशन तथा पुरानी पटरियों को बदलना भी शामिल है।
मध्य वर्ग की बजट से करों का बोझ हल्का करने की अपेक्षाएं हैं। सरकार द्वारा राजकोषीय घाटे को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों को जारी रखने की उम्मीद है।
बजट में रेलवे के लिए योजनागत आवंटन को 1.31 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1.46 लाख करोड़ रुपए करने की उम्मीद है। साथ ही सकल बजटीय समर्थन (जीबीएस) करीब 65,000 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह 55,000 करोड़ रुपए थी।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कई बार कहा कि रेलवे को जीबीएस पर निर्भर नहीं रहना चाहिए तथा अपने आंतरिक संसाधनों और बाजार से धन पैदा करना चाहिए।
ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरा
वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में सभी 11,000 ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए 3,000 करोड़ रुपए का प्रावधान हो सकता है, जिसमें रेलवे के सभी 8,500 स्टेशन भी शामिल होंगे।
एस्केलेटर-लिफ्ट लगाना
बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए इस बजट में देशभर के सभी प्रमुख शहरी और उपशहरी स्टेशनों पर 3,000 एस्केलेटर और 1,000 लिफ्ट लगाने का प्रावधान भी किया जा सकता है।
गांव कनेक्शन-इनपुट भाषा
फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories