भारत में 2020 तक 1700 करोड़ रुपये का होगा जासूसी व्यापार

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भारत में 2020 तक 1700 करोड़ रुपये का होगा जासूसी व्यापारभारत में निजी जासूस बाजार सालाना लगभग 30 फीसदी की दर से बढ़ रहा है 

नई दिल्ली (आईएएनएस)। वर्तमान में वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में तेज वृद्धि के साथ जांच के लिए कंपनियों और व्यक्तियों की बढ़ती आवश्यकता के मद्देनजर भारत में निजी जासूस बाजार सालाना लगभग 30 फीसदी की दर से बढ़ रहा है और 2020 तक इसके 1,700 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।

इस बात का खुलासा वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ डिटेक्टिव्स (वाड) के 92वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान वक्ताओं ने किया। इस सम्मेलन का उद्घाटन भारतीय सेना के पूर्व महानिदेशक (इन्फैंट्री) और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा बल के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राजिंदर सिंह ने किया। इस साल वाड वार्षिक सम्मेलन में चुनौतियों और अवसरों पर ध्यान देने के लिए 50 से अधिक देशों के 150 से अधिक जासूस भाग ले रहे हैं।

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तीन दिवसीय सम्मेलन के अंत में वाड अध्यक्ष से वाड चैयरमेन के रूप में पदभार संभालने वाले पहले भारतीय कुंवर विक्रम सिंह ने कहा, "निजी जांच का बाजार भारत में बहुत बड़ा है। यह 500-600 करोड़ रुपये की सीमा में होना चाहिए। इसके सालाना 30 फीसदी से बढ़ने की उम्मीद है। हमें बहुत सारे नए जासूसों की जरूरत है और आने वाले वर्षो में इनकी संख्या लगभग 50,000 तक हो सकती है।"

सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री (सीएपीएसआई) के चेयरमैन सिंह ने निजी जासूसी को लाइसेंस देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है और इसे प्रमाणित व्यावसायिक क्षेत्र बनाने की जरूरत है, सरकार एक अधिनियम लेकर आई है जिसके जरिए संसद में इस पेशे को लाइसेंस देने पर गौर किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि यह अधिनियम जल्द ही पारित हो जाएगा। स्कूल में एक बच्चे की हत्या के बाद, कई शैक्षिक संस्थानों ने निजी जासूस एजेंसियों से सुरक्षा ऑडिट करने और कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच करने के लिए बात की है। देश में सुरक्षा और सुरक्षा के मुद्दों से निपटने के लिए निजी जासूसों के काम को आगे बढ़ाना होगा।"

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वाड के अध्यक्ष कुंवर विक्रम सिंह ने कहा, "इस सम्मेलन में काले धन, जाली मुद्रा, भ्रष्टाचार रोधी, साइबर खतरे जैसी महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की जाएगी।" सिंह ने कहा, "वित्तीय अपराध में विशेष रूप से वृद्धि हुई है और यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां निजी जासूसी एजेंसियां अधिक काम कर सकती हैं। काले धन पर नजर रखने जैसे मुद्दे, जो लोग पैसों का गबन करने के बाद गायब हो जाते हैं, वे बढ़ती चिंता का विषय हैं। हम ऐसे व्यक्तियों को ढूंढने में सरकार की मदद कर सकते हैं। हम सरकार का समर्थन करने के लिए यहां हैं, यह कुछ ऐसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए हमें बुलाया है।"

वाड का भारत में यह दूसरा वार्षिक सम्मेलन है। पहला सम्मेलन 1984 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। वाड दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा संगठन है, जो 80 से अधिक देशों में जांच और जासूसों का प्रतिनिधित्व करता है। यह विश्व स्तर पर जांचकर्ताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।

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