दिल टूटने वालों की जान बचाने में काम आने वाली स्टेंट पर रहेगी सरकार की निगाहें
Sanjay Srivastava 23 Feb 2018 12:42 PM GMT
नयी दिल्ली। सरकार ने कहा कि हृदयघात के इलाज में काम आने वाले जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरण स्टेंट पर मूल्य नियंत्रण की नीति जारी रहेगी। सरकार ने उद्योग जगत से इस चिकित्सा यंत्र की उस बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए भी तैयार रहने को कहा है जो कि बजट में घोषित वृहद स्वास्थ्य बीमा योजना के लागू होने के बाद संभवत: बाजार में पैदा हो सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 में एक फरवरी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) की घोषणा की थी, जिसके तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों (50 करोड़ लोगों) को पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें- दिल टूटता है ... अब तो साइंस भी मानता है
इस साल की शुरुआत में सरकार ने धातु स्टेंट और दवा वाले स्टेंट की कीमत में बदलाव किया था। पिछले साल इनकी कीमत में 85 फीसदी तक कटौती की गई थी। ऊंचे दाम के चलते हृदयरोगी स्टेंट चिकित्सा को नहीं अपना पाते थे, लेकिन इसके दाम में भारी कटौती के बाद एक से डेढ़ लाख ज्यादा रोगियों ने इस इलाज को अपनाया और लाभान्वित हो रहे हैं।
कोरोनरी स्टेंट हृदय को खून पहुंचाने वाली धमनियों में वसा के जमाव को हटाकर जगह बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
बहरहाल, इस कटौती के बाद सरकार ने हाल में धातु स्टेंट की कीमत को मौजूदा 7,400 रुपए से बढ़ाकर 7,660 रुपए प्रति इकाई कर दिया है, जबकि दवा वाले स्टेंट की कीमत 30,180 रुपए से घटाकर 27,890 रुपए प्रति इकाई की गई।
ये भी पढ़ें- यूपी संग किस रिश्तों को याद कर विश्व में सबसे अधिक ट्रैक्टर बेचने वाले यह उद्योगपति भावुक हो गए
रसायन, उवर्रक एवं औषिधि मंत्री अनंत कुमार ने कहा, हमने इस साल फिर से स्टेंट की कीमत में बदलाव किया है। स्टेंट पर मूल्य नियंत्रण जारी रहेगा। अनंत कुमार ने कहा कि देश में छह करोड़ से ज्यादा हृदयरोगी हैं जिनमें से पांच से साढ़े पांच लाख स्टेंट चिकित्सा अपनाते हैं। स्टेंट के दाम को नियंत्रित करने से 5,500- 6,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
वर्ष 2017 में 3.4 लाख से अधिक दवा छोड़ने वाले आयातित स्टेंट की बिक्री हुई। राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने कहा कि स्टेंट की बिक्री में चीन से आयातित स्टेंट की बड़ी हिस्सेदारी है। प्राधिकरण ने कहा कि वर्ष 2017 में दवा छोड़ने वाले कुल 4,04,144 स्टेंट का आयात हुआ। इनमें से 3,41,229 वाले स्टेंट की बिक्री हुई।
ये भी पढ़ें- पुलिस को चकमा देने के लिए गांव के छोटे रास्तों से राजस्थान विधानसभा को घेरने आ रहे किसान
प्राधिकरण ने कहा कि इसमें से 1,51,898 स्टेंट की कीमत 15,001 से 20,000 रुपए थी। यह कुल बिक्री का 45 फीसदी है। इसी तरह 15000 रुपए तक के ऐसे स्टेंट की बिक्री 1,10,289 नग रही जो कुल खेप का 32 प्रतिशत है।इसके अलावा सबसे महंगे आयातित दवा छोड़नेवाले स्टेंट जिनकी की कीमत 35,000 रुपए या उससे अधिक दाव के है और इसकी 14,105 इकाइयों की बिक्री हुई।
देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
इनपुट भाषा
फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories