भारत में शरिया बैंकिंग शुरू करने के लिए कोई समय सीमा नहीं : रिजर्व बैंक
Sanjay Srivastava 9 April 2017 5:08 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। भारत में शरिया या ब्याज मुक्त बैंकिंग शुरू करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है, भारतीय रिजर्व बैंक ने यह जानकारी दी है। इस्लामिक या शरिया बैंकिंग ऐसी वित्तीय व्यवस्था में जो ब्याज नहीं लेने के सिद्धान्तों पर आधारित है, इस्लाम में इस पर पाबंदी है।
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रिजर्व बैंक ने इससे पहले परंपरागत बैंकों में ‘शरिया खिड़की' खोलने के प्रस्ताव का विरोध किया था। सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने अभी बैंकों में इस्लामिक खिड़की खोलने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है, इस कदम से भारत में शरिया अनुपालन वाली ब्याज मुक्त बैंकिंग की धीरे-धीरे शुरुआत होगी।
केंद्रीय बैंक ने पीटीआई द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में कहा कि रिजर्व बैंक ने ब्याज मुक्त बैंकिंग शुरू करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है।
हालांकि केंद्र सरकार के निर्देश पर रिजर्व बैंक में एक अंतर विभागीय समूह (आईडीजी) स्थापित किया गया है, जिसने देश में ब्याज मुक्त बैंकिंग शुरू करने के कानूनी, तकनीकी और नियामकीय पहलुओं की समीक्षा करने के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है।
रिजर्व बैंक ने पिछले साल फरवरी में आईडीजी की प्रति वित्त मंत्रालय को सौंपी है, केंद्रीय बैंक ने वित्त मंत्रालय को पत्र में कहा है कि हमारा मानना है कि इस्लामिक वित्त और विभिन्न नियामकीय और निगरानी से संबंधित चुनौतियों, भारतीय बैंकों के पास इस क्षेत्र का अनुभव नहीं होने की वजह से देश में इस्लामिक बैंकिंग को धीरे-धीरे शुरू किया जाना चाहिए।
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