राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बिल 2017 स्थायी समिति को भेजने के बाद आईएमए की हड़ताल खत्म

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   2 Jan 2018 5:34 PM GMT

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राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बिल 2017 स्थायी समिति को भेजने के बाद आईएमए की हड़ताल खत्मआईएमए (भारतीय चिकित्सा संघ)

नई दिल्ली (आईएएनएस)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मंगलवार को देशभर के निजी अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाओं की 12 घंटे की हड़ताल खत्म कर दी है। आईएमए ने यह कदम उनकी मांग पर सरकार द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2017 को स्थायी समिति को भेजने पर सहमति जताने के बाद उठाया है।

आईएमए के पूर्व अध्यक्ष के.के.अग्रवाल ने कहा, "अभी-अभी हमें सूचना मिली है कि सरकार ने हमारी मांगों से सहमति जताते हुए विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा है। इसके बाद हमने अपनी 12 घंटे की हड़ताल समाप्त कर दी है।"

आईएमए ने मंगलवार को 'जन विरोधी व मरीज विरोधी' राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक, 2017 के विरोध में देशभर के निजी अस्पतालों में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था। एनएमसी विधेयक भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की जगह लेगा।

आईएमए के 2.77 लाख सदस्य हैं, जिसमें देशभर के कॉरपोरेट अस्पताल, पॉली क्लिनिक, नर्सिग होम शामिल हैं।

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आईएमए के ओपीडी के 12 घंटे के बंद के आह्वान का देश के तमाम राज्यों के निजी अस्पतालों में काफी असर दिखा लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखी गई। अपोलो, बीएलके सुपर स्पेशियलिटी व सर गंगा राम व दर्जनों दूसरे अस्पतालों सहित कई बड़े कॉरपोरेट अस्पतालों ने अपना कामकाज जारी रखा।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकारी अस्पतालों को जरूरी कदम उठाने को कहा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज सभी केंद्रीय सरकारी अस्पतालों से स्वास्थ्य सेवाएं और आपातकालीन सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने परामर्श में कहा कि हमारी संज्ञान में आया है कि आईएमए 2 जनवरी 2018 को एक-दिवसीय हड़ताल पर होगा। हड़ताल में बड़ी संख्या में चिकित्सकीय पेशेवर शामिल हो सकते हैं। अनुमान लगाया गया है कि इससे रोगियों को अस्पतालों में असुविधा हो सकती है।

यह अनुरोध किया जाता है कि रोगी के स्वास्थ्य देखभाल और आपातकालीन सेवाओं को सुचारु रुप से चलाने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाए। मंत्रालय ने यह सलाह एम्स, सफदरजंग अस्पताल और केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों को जारी की। मंत्रालय ने अस्पतालों से एक अनुपालन रपट भी मांगी है।

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