गैर हिंदी भाषी लोगों और क्षेत्रीय भाषाओं को सम्मान देना हमारी सबकी जिम्मेदारी : राष्ट्रपति
Sanjay Srivastava 14 Sep 2017 4:43 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज हिंदी भाषी लोगों से कहा कि देश में हिंदी को और लोकप्रिय बनाने के लिए वे क्षेत्रीय भाषाओं और उन्हें बोलने वालों को और जगह दें, और सम्मान दें। हिंदी दिवस के अवसर पर यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हिंदी कई दशक पहले आधिकारिक भाषा बन चुकी है, इसके बावजूद देश के कई हिस्सों में हिंदी को आज भी लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
कार्यक्रम गृह मंत्रालय ने आयोजित किया था और इस मौके पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी को और समृद्ध बनाया जा सकता है बशर्ते इसे बोलने वाले अन्य भाषाओं के शब्दों का भी इस्तेमाल करें।
उन्होंने बेंगलुरु मेट्रो की हाल की घटना का जिक्र किया जिसमें रेलवे सेवा में हिंदी भाषा के संकेतकों का कन्नड समर्थक समूहों ने विरोध किया था। इसके अलावा तमिलनाडु में हिंदी के विरोध में प्रदर्शन भी हुए थे। इनका जिक्र करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि उन पर हिंदी थोपी जा रही है।
देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
कोविंद ने कहा, गैर हिंदी भाषी लोग चाहते हैं कि हम (हिंदी भाषी) उनकी भाषाओं की ओर समुचित ध्यान दें। हिंदी भाषी लोगों को अन्य भाषाओं को भी जगह देनी चाहिए। गैर हिंदी भाषी लोगों और क्षेत्रीय भाषाओं को सम्मान देना हमारी सबकी जिम्मेदारी है।
कोविंद ने कहा कि हिंदी भाषी लोगों को किसी तमिलभाषी व्यक्ति का अभिवादन वडक्कम कहकर, सिख का अभिवादन सत श्री अकाल कहकर और मुस्लिम का अभिवादन आदाब कहकर करना चाहिए। उन्हें किसी तेलगु भाषी व्यक्ति को गारु कहकर संबोधित करना चाहिए।
More Stories