भारत की क्रेटिड रेटिंग में सुधार, अर्थशास्त्री व नेता खुशी से झूमे

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   17 Nov 2017 5:07 PM GMT

भारत की क्रेटिड रेटिंग में सुधार, अर्थशास्त्री व नेता खुशी से झूमेअमेरिकी संस्था मूडीज।

नई दिल्ली (भाषा)। अर्थव्यवस्था और निवेशकों के मनोबल को बढ़ाते हुए अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को भारत की रेटिंग बढ़ाकर बीएए2 कर दी है, जबकि पिछले 14 वर्षों से इसे निवेश के लिहाज से सबसे कम रेटिंग बीएए दी गई थी। भारत की रेटिंग बढ़ने का शेयर बाजार में भी असर देखा गया और बीएसई का सेंसेक्स और एनएसई का निफ्टी दोनों में 300 अंकों से ज्यादा की तेजी देखी गई।

मूडीज देशों को क्रेडिट रेटिंग देने वाली अमेरिकी संस्था है। मूडीज ने सम्प्रभु देशों की रेटिंग में भारत के स्थान में सुधार करते हुए उसे बीएए2 कर दिया है। मूडीज द्वारा किया गया यह सुधार भारत के लिए बड़ा सकारात्मक कदम है।

मूडीज ने 13 वर्ष के बाद भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार किया है। इससे पहले वर्ष 2004 में संस्था ने भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार करते हुए उसे बीएए3 किया था। वर्ष 2015 में संस्था ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को स्थिर से बढ़ाकर सकारात्मक कर दिया था। बीएए3 न्यूनतम निवेश श्रेणी की रेटिंग थी जो जंक दर्जे से थोड़ी ही ऊपर है।

मूडीज ने अपने बयान में कहा, रेटिंग में सुधार का यह निर्णय मूडीज की इस उम्मीद पर आधारित है कि आर्थिक एवं संस्थागत सुधारों में सतत प्रगति से आने वाले समय में भारत की तेज आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं बेहतर होंगी। इससे सरकार के ऋण के लिए स्थिर एवं बड़ा वित्तीय आधार तैयार होगा और यह मध्यम अवधि में सरकार के ऋण दबाव में क्रमिक कमी लाएगा।

सार्वभौम रेटिंग किसी भी देश के निवेश माहौल का सूचक होता है। यह निवेशकों को किसी देश में निवेश से संबंधित जोखिमों से अवगत कराता है। इन जोखिमों में राजनीतिक जोखिम भी शामिल होता है।

लंबे समय से भारत को रेटिंग एजेंसियां निवेश की सबसे निचली श्रेणी बीएए3 में रखती आई हैं। मूडीज ने अब इसे एक पायदान ऊपर किया है। रेटिंग में यह सुधार ऐसे समय में किया गया है जब कुछ ही दिनों पहले विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में भारत का स्थान 30 पायदान ऊपर कर 100 कर दिया गया था।

हालांकि रेटिंग एजेंसी ने चेतावनी देते हुए कर्ज के भारी दबाव को देश के क्रेडिट प्रोफायल पर नकारात्मक धब्बा बताया है। उसने कहा, मूडीज का मानना है कि सुधारों ने कर्ज में बडी वृद्धि के जोखिम को कम किया है। एजेंसी ने आगे कहा है कि सुधारों ने सतत आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को बेहतर किया है। उसने कहा कि सरकार आर्थिक एवं संस्थागत सुधारों की लंबी प्रक्रिया के बीच से गुजर रही है।

उसने कहा, जहां कई सारे महत्वपूर्ण सुधार अभी शुरुआती अवस्था में हैं, मूडीज का मानना है कि जिन सुधारों को अब तक अमल में लाया जा चुका है वे कारोबार के माहौल में सुधार के सरकार के लक्ष्य को आगे बढाएंगे। इससे उत्पादकता बढेगी, विदेशी एवं घरेलू निवेश में तेजी आएगी और अंतत: तेज और सतत आर्थिक वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। मूडीज ने आगे कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे सुधार ने राज्यों के बीच के व्यापार की रुकावटों को दूर किया है।

इसके अलावा मौद्रिक नीति ढांचे में सुधार, बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में कमी लाने को उठाये गये कदम, नोटबंदी, जैविक खातों की आधार प्रणाली, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिये लाक्षित आवंटन और अर्थव्यवस्था में अनौपचारिकता में कमी जैसे सुधार महत्वपूर्ण हैं।

उसने कहा कि सुनियोजित भूमि सुधार तथा श्रम बाजार सुधार जैसे महत्वपूर्ण कदमों का फल मिलना अभी बाकी है, यह काफी हद तक राज्यों के बीच तालमेल पर निर्भर करता है। उसने कहा, इनमें से अधिकांश सुधारों का प्रभाव दिखने में समय लगेगा और जीएसटी तथा नोटबंदी जैसे कदमों ने भी निकट अवधि में वृद्धि को सुस्त किया है।

भारत की रेटिंग में सुधार के अहम वजह

  1. पूरे देश में जीएसटी लागू करना
  2. देश के प्रदेशों के बीच व्यापार बाधाओं को दूर करना
  3. मॉनेटरी पॉलिसी के फ्रेमवर्क में सुधार करना
  4. एनपीए घटाने के लिए कदम उठाया
  5. नोटबंदी और आधार लिंकिंग पर जोर दिया

मूडीज ने भारत के लंबे समय के करेंसी बॉन्ड की रेटिंग भी बीएए2 से बढ़ाकर बीएए1 कर दी है।

एजेंसी ने मार्च 2018 में समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सुधरकर 6.7 प्रतिशत हो जाने की संभावना व्यक्त की है। हालांकि लघु एवं मध्यम उपक्रमों तथा निर्यातकों की मदद के लिए जीएसटी में किए गए सुधार से रुकावटें नरम पड़ने के कारण वास्तविक जीडीपी वृद्धि अगले वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।

उसने कहा, दीर्घकालीन संदर्भ में भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं अधिकांश अन्य बीएए रेटिंग वाली अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी बेहतर हैं।

देश को मिलेगा फायदा

  1. भारत का व्यापार घाटा कम हो जाएगा।
  2. भारत को आसानी से कर्ज मिल पाएगा।
  3. विस्तार कर रही कंपनियों को भी कर्ज जुटाने में आसानी होगी।
  4. भारत में विदेशी निवेश बढ़ेगा।

मूडीज की स्थापना वर्ष 1909 में जान मूडी ने स्टाक-बाण्ड, बाण्ड, बाण्ड रेटिंग से संबंधित सांख्यिकी का मैनुअल बनाने के लिए किया था। यूएस सेक्योरिटीज एंड एक्सचेंज के क्षरा वर्ष 1975 में कंपनी को राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सांख्यिकी रेटिंग संगठन (NRSRO)के रूप में चिहिन्त किया गया था।

रेटिंग बढ़ने पर सरकार की प्रतिक्रिया

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "2004 के बाद पहली बार मूडीज ने भारत की रेटिंग बढ़ाई है, मोदी सरकार में विश्वास मजबूत होता हुआ।''

वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा, ''एजेंसी के फैसले का हम स्वागत करते हैं, लंबे समय के सुधार, वित्तीय एकीकरण का जिस रास्ते को सरकार ने चुना है, उसे निवेशकों का पहले से ही समर्थन है। रेटिंग एजेंसी ने अब इस बात को स्वीकारा है।''

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी रेटिंग एजेंसी के फैसले का स्वागत किया है। अमित शाह ने ट्वीट किया, ''मोदी सरकारी की गुड गवर्नेंस और सुधार को एक और प्रमाण मिला है। मूडीज ने भारत की रेटिंग को 2004 के बाद से पहली बार बढ़ाया है।''

देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रमण्यम ने कहा कि मूडीज की रेटिंग में सुधार स्वागत योग्य कदम, काफी समय से लंबित था। घरेलू मोर्चे, रोजगार सृजन और निवेश पर सरकार को जो करना है, वह करेगी।

फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.